दुनियाभर में जहां क्रिप्टो एडॉप्शन तेजी से बढ़ रहा है, कॉरपोरेट रिसर्च फर्म Citron Research के फाउंडर Andrew Left ने क्रिप्टोकरेंसीज को एक 'फ्रॉड' बताया है. Left ने अपने ब्रांड को प्रमुख शॉर्ट सेलर्स में से एक बनाया है. हालांकि, पिछले वर्ष उन्होंने घोषणा की थी कि Citron Research गड़बड़ी वाली कंपनियों के बारे में रिपोर्ट को पब्लिश करना बंद करेगी और ऐसी कंपनियों के बारे में बताएगी जिनके शेयर्स खरीदे जा सकते हैं. हालांकि, वीडियो गेम रिटेलर GameStop के शेयर का प्राइस अधिक होने की जानकारी देने के बाद Left को नाराजगी का सामना करना पड़ा था.
एक कॉन्फ्रेंस में फाइनेंशियल मार्केट्स में फ्रॉड के बारे में पूछने पर, Left ने कहा, "मुझे लगता है कि क्रिप्टोकरेंसीज पूरी तरह फ्रॉड हैं." हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्रिप्टोकरेंसीज में उनका इनवेस्टमेंट है या नहीं. Reuters ने पिछले वर्ष दिसंबर में रिपोर्ट दी थी कि अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने हेज फंड्स और Citron Research सहित रिसर्च फर्मों की ओर से शॉर्ट सेलिंग की एक आपराधिक जांच शुरू की है. इस जांच के बारे में Left ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस को एक दिन यह पता चलेगा कि शॉर्ट सेलर्स मौजूद नहीं हैं."
पिछले महीने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को स्पष्ट खतरा करार देते हुए कहा था कि बिना किसी एसेट की गारंटी के किसी विश्वास पर आधारित वैल्यू वाली कोई चीज केवल सट्टा है. केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसीज पर एक कंसल्टेशन पेपर तैयार किया है. इसके लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स और इंस्टीट्यूशंस से इनपुट लिए गए हैं.
लगभग दो महीने पहले स्टेबलकॉइन Terra UST में आई भारी गिरावट के बाद कई देशों में क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर रेगुलेशंस बनाने की मांग उठी है. इसी कड़ी में दक्षिण कोरिया के फाइनेंशियल रेगुलेटर Financial Supervisory Service (FSS) ने भी वर्चुअल एसेट्स की निगरानी कड़ी करने और इनसे जुड़े रिस्क का एनालिसिस करने का फैसला किया था. स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं. ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है. क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है.
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