दुबई में क्रिप्टो सेगमेंट अब एक नए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत आएगा. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मखतूम ने वर्चुअल एसेट्स के लिए एक नए कानून पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके साथ ही क्रिप्टो सेगमेंट की निगरानी के लिए वर्चुअल एसेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (VARA) भी बनाई गई है. यह वर्चुअल एसेट्स के प्रकार की कैटेगरी और इनकी निगरानी के लिए नियंत्रण तय करेगी. VARA के पास नए कानून का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने और सजा देने के साथ ही बिजनेस पर रोक लगाने का भी अधिकार है.
नए कानून में दुबई के नागरिकों को क्रिप्टो से जुड़ी एक्टिविटीज में शामिल होने से पहले VARA के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा. क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वर्चुअल एसेट्स से जुड़े बिजनेस को भी VARA को अपने बारे में जानकारी देनी होगी. दुबई में क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़े कानून को पास करने का उद्देश्य इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स को लागू करना और इस इंडस्ट्री को बढ़ाना है. इससे क्रिप्टो इनवेस्टर्स के लिए सुरक्षा और पारदर्शिता को भी पक्का किया जाएगा.
Today, we approved the virtual assets law and established the Dubai Virtual Assets Regulatory Authority. A step that establishes the UAE's position in this sector. The Authority will cooperate with all related entities to ensure maximum transparency and security for investors. pic.twitter.com/LuNtuIW8FM
— HH Sheikh Mohammed (@HHShkMohd) March 9, 2022
पिछले कुछ वर्षों में UAE के अबु धाबी और दुबई तेजी से डिवेलप हो रहे क्रिप्टो हब के तौर पर उभरे हैं. इस रीजन में कॉम्पिटिशन बढ़ने के कारण नए बिजनेस को आकर्षित करने के लिए पिछले वर्ष दिसंबर में दुबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (DWTC) में वर्चुअल एसेट्स के लिए एक स्पेशियलाइज्ड जोन बनाया गया था. UAE में अथॉरिटीज ने क्रिप्टो इनवेस्टर्स से धोखाधड़ी करने वालों के लिए कड़ी सजा की भी घोषणा की है. इसमें स्कैम करने वालों के लिए भारी जुर्माने के अलावा जेल की सजा का भी प्रावधान है. अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden ने भी क्रिप्टो इंडस्ट्री की निगरानी के लिए एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं. एग्जिक्यूटिव ऑर्डर में फेडरल रिजर्व से इस पर विचार करने को कहा गया है कि उसे अपनी डिजिटल करंसी जारी करनी चाहिए या नहीं. इसमें ट्रेजरी डिपार्टमेंट और अन्य एजेंसियों के क्रिप्टोकरंसीज के फाइनेंशियल सिस्टम और सिक्योरिटी पर असर की स्टडी करना भी शामिल है.
भारत में भी केंद्र सरकार ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए कानून बनाने की तैयारी की है. हालांकि, स्वदेशी जागरण मंच जैसे कुछ संगठनों ने क्रिप्टोकरंसीज पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई है. इनका कहना है कि क्रिप्टोकरंसीज से मनी लॉन्ड्रिंग बढ़ने की आशंका है. देश में इस सेगमेंट से जुड़े धोखाधड़ी के मामले भी बढ़े हैं.