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This Article is From May 09, 2022

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अफ्रीकी देशों में तेजी से बढ़ी दिलचस्पी

सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक ने पिछले महीने Bitcoin को करेंसी के तौर पर मान्यता दी थी. इसके साथ ही यह ऐसा करने वाला दूसरा देश बन गया था

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अफ्रीकी देशों में तेजी से बढ़ी दिलचस्पी
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक ने Bitcoin को करेंसी के तौर पर मान्यता दी है
इससे पहले केवल अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को करेंसी की स्वीकृति दी थी
अफ्रीका में क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट पिछले वर्ष लगभग 1,200 प्रतिशत बढ़ा

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करने वाले अफ्रीकी देशों की संख्या बढ़ रही है. अब कई देशों की सरकार विचार कर रही है कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देना चाहिए या नहीं. इसी पहल में अफ्रीका का एक अन्य देश यूगांडा भी जुड़ गया है. इससे पहले सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक ने पिछले महीने Bitcoin को करेंसी के तौर पर मान्यता दी थी. इसके साथ ही यह ऐसा करने वाला दूसरा देश बन गया था. इससे पहले केवल अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को करेंसी के तौर पर स्वीकृति दी थी. 

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करने वाले अफ्रीकी देशों की संख्या बढ़ रही है. इसी कड़ी में यूगांडा ने CBDC लॉन्च करने की योजना बनाई है. बैंक ऑफ यूगांडा के डायरेक्टर Andrew Kawere ने Reuters को बताया कि यह तय करने के लिए स्टडी की जा रही है कि CBDC को लॉन्च करना चाहिए या नहीं और इसके लिए क्या पॉलिसी होनी चाहिए. नाइजीरिया के सेंट्रल बैंक ने पिछले वर्ष लोकल बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ट्रांजैक्शंस की सुविधा देने से रोक दिया था. इसके बाद नाइजीरिया ने eNaira कही जाने वाली डिजिटल करेंसी लॉन्च की थी. नाइजीरिया के प्रेसिडेंट ने इस बारे में कहा था कि अगले 10 वर्षों में CBDC और इससे जुड़ी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ने से जीडीपी में लगभग 29 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है.

ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म Chainalysis के डेटा के अनुसार, अफ्रीका में क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट पिछले वर्ष लगभग 1,200 प्रतिशत बढ़ा था. अफ्रीका में केन्या, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और तंजानिया में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, अन्य अफ्रीकी देशों में इंटरनेट की पहुंच कम होना अफ्रीका में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बड़े स्तर पर बढ़ने में एक रुकावट हो सकता है.

हाल ही में घाना के सेंट्रल बैंक ने कहा था उसे अपनी डिजिटल करेंसी से बैंकिंग सिस्टम में शामिल होने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. बैंक ऑफ घाना ने उन लोगों के लिए हार्डवेयर वॉलेट सर्विसेज देने की जरूरत बताई है जिनके पास इंटरनेट और बैंक एकाउंट्स तक एक्सेस नहीं है. घाना अपनी इकोनॉमी को डिजिटाइज करने और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए ब्लॉकचेन-बेस्ड डिजिटल करेंसी 'eCedi' की योजना बना रहा है. बैंक ऑफ घाना के गवर्नर Ernest Addison ने डिजिटल करेंसी के बारे में कहा था, "बैंक ऑफ घाना फाइनेंशियल सेक्टर के डिजिटलाइजेशन के तहत एक CBDC प्रस्तुत करना चाहता है. इससे फाइनेंशियल इनक्लूजन में मदद मिलेगी और इकोनॉमी में कैश को कम किया जा सकेगा. इससे पेमेंट्स से जुड़ी कॉस्ट में भी कमी आएगी." CBDC को सेंट्रल बैंक रेगुलेट करते हैं और यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह होती है. इसे एक ब्लॉकचेन नेटवर्क पर बनाया जाता है. इससे ट्रांजैक्शंस सेंट्रलाइज्ड होती हैं और उनका पता लगाया जा सकता है. 

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