क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग में लगने वाली कॉस्ट की इनकम टैक्स एक्ट के तहत डिडक्शन के तौर पर अनुमति नहीं है. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) से इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने के लिए केंद्र सरकार VDA की परिभाषा तय करेगी.
पकंज चौधरी ने कहा कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज के लिए अभी रेगुलेशन नहीं है. इस वर्ष के बजट में क्रिप्टो एसेट्स पर इनकम टैक्स लगाने को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई थी. बजट में कहा गया था कि 1 अप्रैल से ऐसी ट्रांजैक्शंस पर 30 प्रतिशत इनकम टैक्स और सरचार्ज लगाया जाएगा. यह घुड़दौड़ या अन्य सट्टेबाजी वाली ट्रांजैक्शंस से जीत पर लगने वाले टैक्स के जैसा होगा. चौधरी ने बताया कि VDA के ट्रांसफर से आमदनी को कैलकुलेट करने के लिए किसी एक्सपेंडिचर (खरीदने की कॉस्ट को छोड़कर) के लिए डिडक्शन की अनुमति नहीं है. चौधरी ने कहा, "फाइनेंस बिल में भी VDA की परिभाषा तय करने का प्रस्ताव है. अगर कोई एसेट प्रस्तावित परिभाषा के तहत आता है, तो ऐसे वर्चुअल एसेट को एक्ट के उद्देश्यों के लिए VDA के तौर पर माना जाएगा और एक्ट के अन्य प्रावधान लागू होंगे."
उन्होंने कहा कि VDA (उदाहरण के लिए क्रिप्टो एसेट्स) की माइनिंग में लगने वाली कॉस्ट को खरीद की कॉस्ट नहीं माना जाएगा क्योंकि यह कैपिटल एक्सपेंडिचर के जैसी है, जिसके लिए इनकम टैक्स एक्ट में डिडक्शन की अनुमति नहीं है. इसके अलावा VDA के ट्रांसफर से लॉस को किसी अन्य VDA के ट्रांसफर से मिलने वाली आमदनी के बदले सेट ऑफ करने की अनुमति नहीं होगी.
बजट में एक वर्ष में क्रिप्टोकरेंसीज के लिए 10,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर 1 प्रतिशत TDS लगाने और प्राप्तकर्ता के लिए ऐसे गिफ्ट्स पर टैक्स लगाने का भी प्रस्ताव है. विशेष वर्ग में आने वाले लोगों के लिए TDS की लिमिट एक वर्ष में 50,000 रुपये की होगी. इनमें व्यक्तिगत करदाता और हिंदू अविभाजित परिवार शामिल होंगे जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट के तहत अपने एकाउंट्स का ऑडिट करवाना होता है. सरकार क्रिप्टोकरेंसीज को रेगुलेट करने के लिए कानून लाने पर भी काम कर रही है। हालांकि, इसके लिए किसी ड्राफ्ट को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.
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