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This Article is From Jul 07, 2022

ED की जांच के घेरे में आए क्रिप्टो एक्सचेंज, मनी लॉन्डरिंग से जुड़े मामलों में मिला नोटिस

देश में क्रिप्टो सेगमेंट पहले ही मार्केट की वोलैटिलिटी और नए टैक्स रूल लागू होने से मुश्किलों का सामना कर रहा है.

ED की जांच के घेरे में आए क्रिप्टो एक्सचेंज, मनी लॉन्डरिंग से जुड़े मामलों में मिला नोटिस
ED ने CoinDCX, WazirX और CoinSwitch Kuber को नोटिस दिए हैं
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
इन एक्सचेंजों की मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य उल्लंघनों के लिए जांच होगी
CoinDCX और WazirX ने देश के कानूनों का पालन करने का दावा किया है
इस जांच से इन एक्सचेंजों की ट्रेडिंग वॉल्यूम और घट सकती है

क्रिप्‍टो मार्केट में छाई अनिश्‍च‍ितता के बीच देश के कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज कानूनी विवाद में फंस गए हैं. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने  CoinDCX, WazirX और CoinSwitch Kuber को नोटिस दिए हैं. इन एक्सचेंजों की मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज कानून के उल्लंघन के मामलों में जांच होगी. ED के अलावा फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) से जुड़ी अथॉरिटीज भी जांच का हिस्सा होंगी.

CoinSwitch के प्रवक्ता ने Gadgets 360 से कहा, "क्रिप्टो सेगमेंट शुरुआती दौर की एक इंडस्ट्री है और इसमें काफी संभावना है. हमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों से प्रश्न मिले हैं. हमारा रवैया हमेशा पारदर्शिता का रहा है." मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ED यह जानना चाहता है कि देश में क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे काम करते हैं. CoinDCX और WazirX दोनों ने देश के कानूनों का पालन करने का दावा किया है और ये कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं. देश में क्रिप्टो सेगमेंट पहले ही मार्केट की वोलैटिलिटी और नए टैक्स रूल लागू होने से मुश्किलों का सामना कर रहा है. इस जांच से इन एक्सचेंजों की ट्रेडिंग वॉल्यूम और घट सकती है. 

पिछले कुछ दिनों में  क्रिप्टो एक्सचेंजों CoinDCX, BitBNS, WazirX और Zebpay की ट्रेडिंग वॉल्यूम घटकर लगभग 56 लाख डॉलर होने की रिपोर्ट है. जून तक यह आंकड़ा लगभग एक करोड़ डॉलर का था. इस वर्ष अप्रैल से वर्चुअल डिजिटल एसेट्स ( VDA) से प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स लागू हुआ था. इसके बाद से क्रिप्टो ट्रेडर्स के लिए प्रॉफिट हासिल करना मुश्किल हो गया है. इस महीने से प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का टैक्स कटने का मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसीज की खरीद और डिपॉजिट पर एक प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा, जिससे इनवेस्टर्स पर दबाव बढ़ गया है. 

केंद्र सरकार का मानना है कि क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस पर एक प्रतिशत के TDS से इन ट्रांजैक्शंस को ट्रैक करना आसान हो जाएगा. यह TDS क्रिप्टोकरेंसीज के अलावा नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) और अन्य मेटावर्स एलिमेंट्स सहित VDA पर लगेगा. क्रिप्टो से जुड़ी कम्युनिटी ने इस अतिरिक्त वित्तीय भार को लेकर सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की है. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि क्रिप्टो से जुड़े कानून को लेकर जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले वर्ष क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने को कहा था. हालांकि, सरकार का कहना है कि वह इस सेगमेंट पर पूरी तरह रोक नहीं लगाएगी. 

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