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कौन है 2500 करोड़ की ड्रग्स तस्करी का मास्टरमाइंड पवन ठाकुर, परिवार समेत कैसे भाग निकला दुबई

पवन ठाकुर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच कर रही है. यह मामला हवाला और क्रिप्टोकरंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है.

कौन है 2500 करोड़ की ड्रग्स तस्करी का मास्टरमाइंड पवन ठाकुर, परिवार समेत कैसे भाग निकला दुबई
  • NCB ने पहली बार इंटरपोल की मदद से दुबई में फरार पवन ठाकुर के खिलाफ सिल्वर नोटिस जारी किया है
  • पवन ठाकुर दिल्ली में 82 किलो कोकीन तस्करी के मामले का मास्टरमाइंड है
  • पवन का ड्रग्स सिंडिकेट हवाला नेटवर्क और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करता है
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भारत की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने 2500 करोड़ रुपये की ड्रग्स तस्करी के मामले में पहली बार इंटरपोल की मदद से सिल्वर नोटिस जारी करवाया है. यह नोटिस दुबई में छिपे फरार आरोपी पवन ठाकुर के खिलाफ जारी किया गया है, जो नवंबर 2024 में दिल्ली में बरामद हुई 82 किलो कोकीन के मामले का मास्टरमाइंड है. पवन ठाकुर ने भारत के पोर्ट से कोकीन मंगवाई और दिल्ली में गोदामों के जरिए सप्लाई की योजना बनाई. उसका हवाला नेटवर्क दिल्ली और दुबई दोनों जगह फैला हुआ है. जानें कौन है पवन ठाकुर

पवन ठाकुर कौन है?

14 नवंबर 2024 को दिल्ली के नागलोई में 82 किलो कोकीन बरामद हुई थी. इंटरनेशनल मार्केट में कीमत करीब 2500 करोड़ बताई गई. इस मामले में पवन ठाकुर के 5 साथी गिरफ्तार हुए. वहीं पवन ठाकुर दुबई भाग गया. पवन पहले हवाला ऑपरेटर का काम करता था, अब ड्रग्स सिंडिकेट का किंगपिन बन चुका है. आपको बता दें कि कोकीन मेक्सिको से मंगवाई गई थी, जिसे ऑस्ट्रेलिया भेजा जाना था. पवन के पास दुबई में लक्ज़री विला, गाड़ियां और हजारों करोड़ की संपत्ति बताई जा रही है.

दुबई से ऑपरेट हो रहा पूरा सिंडिकेट

जानकारी के मुताबिक हवाला नेटवर्क के जरिए ड्रग्स से कमाए गए पैसे को सफेद किया गया. दुबई में बैठकर पूरा सिंडिकेट ऑपरेट कर रहा है. इंटरपोल का सिल्वर नोटिस अब दुनियाभर की एजेंसियों को आरोपी की संपत्तियों का पता लगाने में मदद करेगा. सभी सदस्य देश अब NCB को जानकारी साझा कर सकेंगे. NCB DDG ऑपरेशन नीरज कुमार ने कहा कि हमने अपील की है कि सभी देश सहयोग करें और आरोपी की संपत्तियों व कारोबार से जुड़ी जानकारी दें.

पवन ठाकुर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

पवन ठाकुर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच कर रही है. यह मामला हवाला और क्रिप्टोकरंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. अब तक की जांच में सामने आया है कि इस सिंडिकेट ने 681 करोड़ रुपये से ज़्यादा की अवैध कमाई को फर्जी आयात-निर्यात और क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन के जरिए ट्रांसफर किया. पवन ठाकुर लगातार जांच से बचता रहा और ईडी के समन के बावजूद पेश नहीं हुआ. पटियाला हाउस कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है.

  • विदेश में 125 से ज्यादा एक्टिव ड्रग्स माफिया  
  • 21 के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस  
  • 10 के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस  
  • 1 सिल्वर नोटिस (NCB का पहला)  
  • 3 प्रत्यर्पण रिक्वेस्ट इंटरपोल के जरिए भेजी गई  

NCB की बड़ी कामयाबी

इस साल NCB ने 4 बड़े ड्रग्स माफियाओं को डिपोर्ट कर भारत लाया है, जिनमें नवीन चिचकर और लीजो जोश शामिल हैं. NCB, DDG ऑपरेशन नीरज कुमार ने कहा कि हम भारतपाल और इंटरपोल के जरिए इंटरनेशनल ड्रग्स सिंडिकेट को खत्म करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं.

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