जिला पुलिस ने अपने बीमार बच्चे को स्वस्थ करने की इच्छा से तांत्रिक की सलाह पर अपने 10 साल के चचेरे भाई की बलि देने के मामले में आरोपी और तांत्रिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने रविवार को बताया कि घटना जिले के नानपारा कोतवाली इलाके की है.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रशांत वर्मा ने आज पत्रकारों को बताया कि परसा गांव के रहने वाले कृष्ण वर्मा का चौथी में पढ़ने वाला बेटा विवेक (10) बृहस्पतिवार रात को घर से लापता हो गया और देर रात उसका शव अपने ही खेत में से मिला. उन्होंने बताया कि बच्चे का गला रेता हुआ था, उसके सिर पर ट के निशान थे और शव को मिट्टी के नीचे दबाकर छिपाने की कोशिश की गई थी.
एसपी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि मृतक विवेक के चचेरे भाई अनूप का ढाई साल का बच्चा मानसिक रूप से बीमार है और डॉक्टरों से इलाज में सफलता नहीं मिलने पर वह बच्चे के इलाज के लिए नजदीक के गांव जगन्नाथपुर निवासी तांत्रिक जंगली के चक्कर में पड़ गया.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि तांत्रिक ने अनूप को उकसाया कि वह नरबलि दे जिससे उसका बच्चा स्वस्थ हो जाएगा. उन्होंने बताया, इस बहकावे में आकर अनूप ने अपने चाचा चिंताराम के साथ मिलकर विवेक (10) की बृहस्पतिवार/शुक्रवार की दरमियानी रात फावड़े से गला काटकर हत्या कर दी.
उन्होंने बताया कि हत्या के बाद चाचा-भतीजे ने शव को छिपाने के लक्ष्य से उसे खेत में दफना दिया. पुलिस ने शनिवार को अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर नजदीक के खेत में छिपाया गया आला-ए-कत्ल फावड़ा भी बरामद कर लिया.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भारतीय इंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी अनूप, चिंताराम और तांत्रिक जंगली को गिरफ्तार कर विधिक प्रक्रिया पूरी कर जेल भेजा गया है.
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