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This Article is From Jul 13, 2022

बिना वीजा पासपोर्ट के भारत में रह रहे तीन चीनी नागरिकों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार, जासूसी एंगल को लेकर पूछताछ जारी

एसटीएफ (Special Task Force)  ने तीन चीनी नागरिकों (Chinese Nationals) को गिरफ्तार कर कोतवाली  बीटा-2 पुलिस को सौंप दिया है. ये तीनों चीनी नागरिक बिना किसी वीजा पासपोर्ट के भारत में रह रहे थे.

बिना वीजा पासपोर्ट के भारत में रह रहे तीन चीनी नागरिकों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार,  जासूसी एंगल को लेकर पूछताछ जारी
एसटीएफ ने तीन और चीनी नागरिकों को किया गिरफ्तार ( फाईल फोटो)
ग्रेटर नोएडा:

एसटीएफ (Special Task Force)  ने तीन चीनी नागरिकों (Chinese Nationals) को गिरफ्तार कर कोतवाली  बीटा-2 पुलिस को सौंप दिया है. ये तीनों चीनी नागरिक बिना किसी वीजा पासपोर्ट के भारत में रह रहे थे. गौरतलब है कि एसटीएफ अवैध रूप से बिना वीजा और पासपोर्ट(Visa & Passport)  के रह रहे चीनी नागरिकों की जांच में जुटी है. पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा में गिरफ्तार किए गए चीनी नागरिक सु फाई और रवि नटवरलाल से हुई पूछताछ के बाद इन तीन चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी हुई है. हालांकि, नोएडा पुलिस अधिकारियों और कोतवाली बीटा-2 पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है.

एसटीएफ के सूत्रो के अनुसार जिन तीन चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है,  उनमें से दो नोएडा के सेक्टर 63 में एक इंडस्ट्री में काम कर रहे थे, जबकि एक चीनी नागरिक ग्रेटर नोएडा के घरबरा गांव में स्थित चीनी क्लब में रहता था. सु फाई की गिरफ्तारी के बाद से तीनो फरार हो गये थे. दो चीनी नागरिकों का वीजा दो साल पहले ही समाप्त हो चुका था और वह अवैध रूप से ग्रेटर नोएडा में रह रहा था जबकि तीसरे चीनी नागरिक के पास न तो पासपोर्ट था और न ही वीजा. वह कैसे और किस माध्यम से भारत में आया इसको लेकर पूछताछ की जा रही है.

बीते माह 11 जून को भारत नेपाल सीमा सीतामढ़ी में दो चीनी नागरिक लू लैंग और यू हेलेंग की गिरफ्तारी हुई थी. उनसे पूछताछ के बाद इस मामले का खुलासा हुआ था कि ये  दोनों अपने चीनी दोस्त सु फाई के पास 18 दिनों तक रहे थे. सु फाई की गिरफ्तारी के बाद  और ग्रेटर नोएडा के घरबारा में चीनी क्लब खुलासे के बाद से जांच एजेंसियां इस मामले में सतर्क हो गई थी. इसके बाद इस मामले में अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

जांच एजेंसियां जासूसी के एंगल ( Spying Angle)  से भी जांच कर रही है और इस बात की जानकारी करने में जुटी है की इस सिंडिकेट में कितने लोग जुड़े हैं और भारत में उनका नेटवर्क कहां-कहां तक फैला है और उन्हें स्थानीय किन लोगों का सहयोग प्राप्त है?

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