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This Article is From Aug 16, 2022

दिल्ली में चीनी मांझे की वजह से अब तक हुई 4 लोगों की मौत, प्रतिबंध के बावजूद बिक्री जारी है

दिल्ली में इस साल चाइनीज़ मांझे से 4 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावे कई लोग घायल हो चुके हैं. लेकिन किसी भी मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

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पतंगबाजी में अभी तक, प्रतिबंध के बावजूद, चीनी मांझे का इस्तेमाल हो रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

दिल्ली के मनोज कुमार चौहान अपने 26 साल के बेटे अभिषेक की शादी की तैयारी में जुटे हुए थे. तभी उन्हें बीते रविवार को दोपहर में पता चला कि मानसरोवर पार्क इलाके में चाइनीज़ मांझे की चपेट में आने से उनके बेटे की गर्दन कट गई है और उसकी मौत हो गई है. अभिषेक स्कूटी से किसी काम से शालीमार गार्डन जा रहा था तभी वो चीनी मांझे की चपेट में आ गया. उसे एक दोस्त ने जीटीबी अस्पताल पहुँचाया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. अभिषेक के पिता मनोज कुमार चौहान का कहना है कि इलाज मिलने में इतनी देरी हुई कि उसकी मौत हो गई और पुलिस ने बी अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है.

अभिषेक की ही तरह बीते 8 अगस्त को 32 साल के नरेंद्र तुग़लकबाद मेट्रो स्टेशन के पास से बाइक से गुजर रहे थे, तभी उनकी गर्दन चाइनीज़ मांझे की चपेट में आ गई. पुलिस के मुताबिक वो बाइक से नीचे गिरे और फिर किसी अज्ञात वाहन ने उन्हें कुचल दिया जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. इश दर्दनाक मामले में न तो पतंग उड़ाने वाला गिरफ्तार हुआ और न ही वाहन से कुचलने वाला. नरेंद्र जोमैटो में डिलीवरी बॉय थे. उत्तरप्रदेश के औरैया के रहने वाले नरेंद्र के 2 छोटे-छोटे बच्चे हैं.

अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो इस साल चीनी मांझे से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. 25 जुलाई को हैदरपुर फ्लाईओवर पर चाइनीज़ मांझे की चपेट में आने से कारोबारी सुमित रांगा की मौत हो गई ,अब तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है. 7 अगस्त को तुग़लकबाद मेट्रो स्टेशन पर चाइनीज़ मांजे की चपेट में जोमैटो का डिलीवरी बॉय नरेंद्र आया ,बाद में मौत हो गई लेकिन कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है. 11अगस्त को शास्त्री पार्क इलाके में चाइनीज़ मांझे से 35 साल के बाइक सवार विपिन की मौत ,अब तक कोई गिरफ्तार नहीं. उसी तरह 14 अगस्त को मानसरोवर पार्क इलाके में 26 साल के अभिषेक चौहान की मौत हो गई लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

इसके अलावा कई लोग चाइनीज मांझे से घायल हो चुके हैं. घायलों में दर्जनों पक्षी भी शामिल है. जानकार कहते हैं कि ये मामले इसलिए नहीं सुलझ पाए क्योंकि ये पता लगाना मुश्किल होता है कि पतंग कहाँ से उड़ी. जानकारों का कहना है कि इसे लेकर सरकार को नोटिफिकेशन लाना चाहिए ताकि लोगों की जान बच जाए.

चाइनीज़ मांजे पर 2017 में ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रतिबंध लगा दिया था ,पुलिस छापेमारी कर इन्हें बेचने वालों को पकड़ भी रही है लेकिन फिर भी बिक्री जारी है.

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