जोधपुर की सेंट्रल एकेडमी स्कूल में 12वीं क्लास में पढ़ने वाले एक छात्र पर उसकी क्लासमेट नाबालिग छात्रा ने रेप की धमकी देने का फर्जी आरोप लगाया है. जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने भी शिकायत पर एक्शन लेते हुए छात्र को स्कूल से निकाल दिया. 5 सितंबर को लड़की के पिता ने शास्त्री नगर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी. हालांकि, पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि खुद नाबालिग लड़की ने ये पूरी साजिश रची. उसी ने अपने बैग में धमकी भरे लेटर रखे थे.
पुलिस के मुताबिक, छात्र और नाबालिग लड़की दोनों अच्छे दोस्त थे. दोनों के बीच फोन पर चैट होने लगी. इस बात का पता जब लड़की के पिता को चला, तो उन्होंने बेटी को फटकार लगाई. नाबालिग लड़की ने छात्र को फोन पर ब्लॉक कर दिया. क्लास में भी दोनों की बातचीत बंद हो गई. इसके बाद छात्र क्लास की दूसरी लड़कियों से बात करने लगा. नाबालिग लड़की को ये बात पसंद नहीं आई. उसने तय किया कि वो इसका बदला लेगी.
छात्रा ने खुद अपने बैग में धमकी भरे लेटर डाले और छात्र पर इसका आरोप लगाया. पुलिस ने छात्रा से मिली तहरीर के आधार पर छात्र और उसके रिश्तेदार के खिलाफ 5 सितंबर को पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया था. मामला सामने आने के बाद छात्र इंदौर चला गया. जब वह इंदौर में था, तब भी लड़की लगातार लेटर मिलने की बात कहती रही.
पुलिस के मुताबिक, टीचर और पुलिस निगरानी में भी धमकी भरे लेटर मिलने पर पुलिस को परिवार के किसी मेंबर पर शक हुआ. परिजनों से बातचीत कर लड़की से पूछताछ की गई. उसकी स्कूल की कॉपी से हैंड राइटिंग का मिलान किया गया, तो कई समानताएं मिली. पूछताछ की तो लड़की ने बताया कि उसी ने बदला लेने के लिए यह झूठी कहानी रची.
शास्त्री नगर थाने के एसएचओ जोगेन्द्र सिंह ने बताया कि छात्रा ने छात्र से बदला लेने के लिए पूरी साजिश रची थी, क्योंकि उसकी दोस्ती किसी और लड़की से हो गयी थी. उन्होंने बताया, ‘‘अब हम अदालत से दोनों (छात्र और उसके रिश्तेदार) को जेल से छोड़ने की अपील करेंगे.''
पुलिस कमिश्नर रवि दत्त ने बताया कि छात्र की गिरफ्तारी के बाद भी छात्रा धमकी मिलने की शिकायत करती रही, जिसके कारण छात्र की गिरफ्तारी से पहले और बाद की चिट्ठियों की लिखावट का मिलान किया गया. उन्होंने बताया, ‘‘हमने छात्रा से पूछताछ की, जिसमें उसने अपने क्लासमेट को फंसाने के लिए सारे लेटर खुद लिखने की बात कबूल की.''
इसबीच, मामले में आरोपी छात्र ने स्वयं के निर्दोष होने का दावा करते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. छात्र ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने एकतरफा फैसला कर लिया और उसकी बात नहीं सुनी. मामला बढ़ता देख मैनेजमेंट की ओर से लेटर जारी कर बताया गया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी.
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