दिल्ली में पुलिस ने मां-बेटी की हत्या कर फरार होने वाले आरोपियों को दबोच लिया है. दरअसल पेशे से गायक और उसके दोस्त ने ट्यूशन देने के बहाने एक परिवार से पहले नजदीकिया बढ़ाई. फिर उनकी हत्या कर पैसे हड़पने की साजिश रची. साजिश को अंजाम देने के लिए 'मिशन मालामाल' नाम से वॉट्स ऐप में ग्रुप बनाया और फिर मां बेटी की हत्या के बाद उनका पैसा लूटकर भाग गए. अब पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. अंकित सिंह और किशन सिंह दोनों आपस में रिश्तेदार हैं और बिहार के सीवान के रहने वाले हैं.
पुलिस ने इन्हें दिल्ली के कृष्णानगर इलाके में 76 साल की राजरानी और 39 साल की उनकी बेटी गिन्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. अंकित सिंह पेशे से सिंगर है. जो कि एक ओटीटी में गाना गा चुका है जबकि किशन सिंह नोएडा में एक कैंसर की दवा बनाने वाली कम्पनी में मार्केटिंग मैनेजर है. पुलिस के मुताबिक राजरानी आकाशवाणी में तबला वादक रहीं हैं. दरअसल उन्हें अपनी बेटी के लिए ट्यूटर की जरूरत थी. कृष्णा ने कम्प्यूटर सिखाने के लिए सम्पर्क किया ,फिर कम्प्यूटर सिखाते हुए उसने इस परिवार का विश्वास जीत लिया.
इस दौरान उसे पता चला कि राजरानी के बैंक अकाउंट में 50 लाख से ज्यादा रुपए हैं और घर में गहने हैं. इसके बाद कृष्णा ने राजरानी को बताया कि उसका दोस्त अंकित सिंह गिन्नी को इंग्लिश की ट्यूशन दे देगा. फिर अंकित असम से दिल्ली आया. अंकित और किशन ने 17 मई को हत्या की साजिश रची. साजिश के तहत वॉट्स एप पर ' मिशन मालामाल ' नाम से ग्रुप बनाया. दोनों हत्या की साजिश की पूरी चर्चा इसी ग्रुप में करते थे. फिर 25 मई को दोनों राजरानी के घर गए और चाकू से गोदकर और गिन्नी की हत्या कर दी.
हत्या के बाद दोनों घर से गहने ,कैश ,मोबाइल और लैपटॉप लेकर भाग गए. राजरानी के पड़ोसियों ने 31 मई को पुलिस को बदबू आने की सूचना दी तब पुलिस को हत्या का पता चला. पुलिस ने करीब 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी. एक फुटेज में आरोपी हत्या के बाद जाते हुए दिखाई दिए, फिर पुलिस ने 5 शहरों में 200 लोगों से पूछताछ और करीब 2 हजार किलोमीटर की यात्रा करने के बाद आरोपी अंकित को तिमारपुर से गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने हत्या के बाद राजरानी के बैंक अकाउंट से पैसे निकालने की कोशिश भी की. पैसे निकालने के लिए कुछ वकीलों से भी सलाह ली. लेकिन वो बैंक अकाउंट न तो नेट बैंकिंग से जुड़ा था और न ही उस अकाउंट से कोई क्रेडिट और डेबिट कार्ड जारी हुआ था. इसलिए वो पैसे निकालने में सफल नहीं हो पाए. ऑपरेशन मालामाल के तहत दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया. हत्या के बाद आरोपियों ने अपना मोबाइल इस्तेमाल नहीं किया. एक दूसरे से बात नहीं की. फरारी के दौरान लगातार लोकेशन बदलने रहे. फिर भी ऑपरेशन मालामाल को अंजाम देने वाले दिल्ली पुलिस के जाल से नहीं बच पाए.
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