हैदराबाद के एक निजी स्कूल में एक चार साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर दो महीने तक बलात्कार किया गया. तेलंगाना की शिक्षा मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी ने आदेश दिया है कि उस स्कूल को दी गई सरकारी मान्यता तुरंत रद्द कर दी जाए और छात्रों को अन्य स्कूलों में समायोजित किया जाए. मंत्री ने यह भी आदेश दिया है कि तेलंगाना के शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति सरकार को यह रिपोर्ट सौंपे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए क्या सुरक्षा उपाय किए जा सकते हैं.
उक्त समिति में सदस्य के रूप में स्कूल शिक्षा निदेशक, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सचिव और यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों की सुरक्षा से संबंधित एक वरिष्ठ अधिकारी होंगे. रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर देनी होगी.
बच्ची से रेप की घटना के सार्वजनिक होने के बाद बंजारा हिल्स इलाके में स्थित निजी स्कूल बंद कर दिया गया था. दो महीने से अधिक समय तक बच्ची से बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपी स्कूल प्रिंसिपल के ड्राइवर को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में स्कूल के प्रिंसिपल, जिनके बारे में कथित तौर पर दुर्व्यवहार की शिकायत करने पर हंसने और उस पर कार्रवाई नहीं करने की बात कही गई थी, को भी माता-पिता के विरोध के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
माता-पिता ने बच्ची के व्यवहार में बदलाव देखा था और जब मां ने बच्ची से पूछताछ की तो उसे महसूस हुआ कि उसके साथ कुछ बहुत गलत हुआ था. बच्ची ने कथित तौर पर उस ड्राइवर की ओर इशारा किया था जिसकी स्कूल के अंदर बच्चों तक पहुंच थी.
गुस्साए माता-पिता ने ड्राइवर के साथ मारपीट की और बंजारा हिल्स थाने के सामने धरने पर बैठ गए, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई.
मामले की जांच में पाया गया कि स्कूल में सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे. यह भी पता चला कि ड्राइवर ने अक्सर प्री-प्राइमरी सेक्शन के लिए शिक्षक का काम किया था.
मंत्री ने स्कूल प्रबंधन को बाल सुरक्षा को लेकर कड़ा संदेश भेजने का इरादा किया है. स्कूल को बंद करने और बच्चों को स्थानांतरित करने के आदेश से बच्चों के माता-पिता और सरकारी अधिकारियों में चिंता फैल गई है.
इस स्कूल में 700 छात्र पढ़ रहे हैं. अन्य स्कूलों में उनके लिए सीटें ढूंढी रही हैं. शैक्षणिक सत्र के बीच में यह एक बड़ी चुनौती है.
हालांकि मंत्री ने कहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी छात्रों और अभिभावकों की सभी चिंताओं को दूर करेंगे. लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि स्कूल बंद करना और बच्चों को कहीं और स्थानांतरित करना व्यावहारिक विकल्प नहीं लगता है.
बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों को रोकने के लिए कानून के साथ-साथ घर और स्कूलों में बाल सुरक्षा सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए प्रोटोकॉल का विस्तार से उल्लेख किया गया है, लेकिन इनका पालन करवाना हमेशा से एक चुनौती रहा है.
ज्ञात यौन अपराधियों की सार्वजनिक रजिस्ट्री की आवश्यकता के बारे में वर्षों से वकालत कर रहीं सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री पुरस्कार विजेता सुनीता कृष्णन ने इस घटना के मद्देनजर अपनी मांग दोहराई है. उन्होंने कहा कि स्कूलों और अन्य संस्थानों में नियुक्तियां करते समय डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव ने सुनीता कृष्णन के ट्वीट पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा है कि सरकार इस मामले पर शीघ्र कार्रवाई करने की इच्छुक है.
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