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कौन हैं अदिति सिंह, जिनको 217 करोड़ लौटाने को तैयार तिहाड़ जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर

तिहाड़ जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने 217 करोड़ रुपये लौटाने की बात कही है. उसने कहा है कि वो शिकायतकर्ता अदिति सिंह को ये रकम लौटाने के लिए राजी है.

कौन हैं अदिति सिंह, जिनको 217 करोड़ लौटाने को तैयार तिहाड़ जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर
Sukesh Chandrashekhar: सुकेश चंद्रशेखर
नई दिल्ली:

ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष न्यायाधीश (एएसजे) प्रशांत शर्मा के सामने एक आवेदन दाखिल किया है. इस आवेदन में सुकेश ने कहा है कि वह 200 करोड़ रुपये के रंगदारी मामले में शिकायतकर्ता अदिति सिंह को 217 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार है. हालांकि, उसने यह भी साफ किया है कि यह रकम देने की पेशकश वह अपने कानूनी अधिकारों को नुकसान पहुंचाए बिना कर रहा है और इसे अपने अपराध को स्वीकार करना नहीं माना जाए. यानी, सुकेश का कहना है कि पैसे देने की पेशकश का मतलब यह नहीं है कि वह खुद को दोषी मान रहा है, बल्कि वह यह कदम अलग कारणों से उठा रहा है.

मालूम हो कि सुकेश चंद्रशेखर ने तिहाड़ जेल में रहकर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा ठगी और वसूली को अंजाम दिया था. सुकेश प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और कानून मंत्रालय का फर्जी अफसर बना. उसने स्पूफिंग के जरिये दूसरों को जाल में फंसाया. पार्टी फंड में 200 करोड़ जमा करने की बात करके ठगी की. स्पेशल सेल के पुलिस स्टेशन में7 अगस्त को उसके खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी जैसे मामलों में केस दर्ज हुआ. रैनबैक्सी पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र मोहन की पत्नी अदिति सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया. एफआईआर के मुताबिक- अदिति ने बताया कि उनके पति शिवेंद्र मोहन 2019 अक्टूबर से जेल में बंद हैं. अदिति का कहना है कि 2020-21 तक 200 करोड़ की जबरन वसूली और ठगी को अंजाम दिया गया.

एफआईआर में क्या आरोप

अदिति के मुताबिक, पहले एक महिला का कॉल आया था, जिसमें कहा गया था कि कानून मंत्रालय के सचिव अनूप कुमार आप से बात करेंगे. फिर अगला कॉल आया कि वो अनूप बोल रहे हैं. उनके अनुसार, आपकी मदद करने के लिए आदेश आया है. कोरोना काल में सरकार चाहती है कि वो सरकार के साथ काम करें. आपके पति स्वास्थ्य क्षेत्र में रहे हैं. फिर उसी ने दोबारा आई कॉल पर कहा, मैं स्पीकर पर हूं और गृह मंत्री अमित शाह साथ हैं. फिर अनूप का फिर कॉल आया और ट्रू कॉलर पर नंबर पीएमओ सलाहकार पीके मिश्रा दिखा रहा था. 

झूठा आश्वासन दिया

अनूप (बताया गया नाम) ने कहा, जूनियर अभिनव के संपर्क में रहो और अपने पति के मामले से जुड़े सभी दस्तावेज मंगाए ताकि जेल से रिहाई कराई जा सके. फिर अभिनव ने अपने को अनूप का अवर सचिव बताते हुए टेलीग्राम पर कांटैक्ट किया. उसने भरोसा दिया कि सरकार मदद करेगी, इस बात का खुलासा न हो. खुफिया एजेंसियों की नजर है. सरकार के बड़े सीनियर खुद लैंडलाइन से बात करते हैं. देश के ऐसे कई दिग्गज बिजनेस घराने उसकी सुरक्षा में हैं.

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