दिल्ली की तिहाड़ जेल से गैंगस्टर गैंगस्टर मंजिल महल का गुर्गा सतिंदर भिंडा जबरन वसूली का गैंग चला रहा हैं. इस गैंग से जुड़े सात लोग गिरफ्तार किए गए हैं. बीस से 25 साल के इन आरोपियों में ज़्यादातर अपराध की दुनिया में नए हैं. गैंग के मास्टरमाइंड इनसे जेल से फ़ेकबुक मैसेंजर और व्हाट्सऐप कॉल के जरिए बात करते हैं.
पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी दीपक पुरोहित के मुताबिक 9 जून को विकासपुरी में रहने वाले एक कारोबारी ने बताया कि उसे सुबह एक अज्ञात नम्बर से व्हाट्सऐप कॉल आया और कॉल करने वाले ने कहा कि मैं जेल से एक बड़ा अपराधी और डॉन सतिंदर भिंडा बोल रहा हूं. एक करोड़ रुपये मेरे द्वारा भेजे गए शख्स को दे देना नहीं तो तुम्हारा पूरा परिवार ज़िंदा नहीं बचेगा. कारोबारी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की तो जिस नम्बर से कॉल किया गया, पता चला कि वह नंबर ढिचाऊं कला गांव के रहने वाले एक शख्स का है. उस शख्स ने बताया कि कुछ लोगों ने उसका मोबाइल छीन लिया था. इस मामले में उसने केस भी दर्ज कराया था.
इसके बाद पुलिस ने नम्बर की लोकेशन के आधार पर 16 जून को अलग-अलग जगह से सात आरोपियों जय दीक्षित, मनदीप सिंह, नवीन कुमार, रमन सिंह, प्रवीण कुमार, राजीव और आकाश को गिरफ्तार किया. पूछताछ में पता चला कि ये सब तिहाड़ जेल में गैंगस्टर सतिंदर भिंडा के लिए काम करते हैं. सतिंदर भिंडा जबरन वसूली का गैंग अपने गुरु और दिल्ली के बड़े गैंगस्टर मंजीत महल के कहने पर चला रहा था. मंजीत गुरुग्राम की भोंडसी जेल में है. दोनों जेल से अपने गुर्गों से व्हाट्सऐप कॉल या फेसबुक मैसेंजर से संपर्क में रहते थे.
गैंग के लोग आम लोगों से मोबाइल छीनकर उससे सिम कार्ड निकालते थे और फिर उसे दूसरे मोबाइल में डालकर वसूली करने के लिए लोगों को कॉल करते थे. सतिंदर ने गैंग के लोगों को अपना ऑडियो रिकॉर्ड करके भेजा था और कहा था कि जैसा मैं बोल रहा हूं, बस यही बात लोगों से कॉल करके बोलनी है और वसूली करनी है.
शिकायत करने वाले कारोबारी को कॉल जय दीक्षित ने किया था. बड़ा सवाल ये है कि देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ जेल में अपराधी फोन का प्रयोग इतने आराम से कैसे कर रहे हैं और जेल के अंदर से कैसे वसूली का धंधा चला रहे है?
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