दिल्ली के नबी करीम इलाके में एक ढाबा मालिक और उसके नाबालिग बेटे की हत्या के आरोप में उसके घरेलू कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. हत्या के पीछे की वजह लूटपाट बतायी गयी है. मध्य दिल्ली के डीसीपी संजय कुमार सेन (DCP Sanjay Kumar Sen) के मुताबिक 21 अक्टूबर को दोपहर 2:45 बजे नबी करीम थाने में 2 लोगों की गला काटकर हत्या के मामले में एक पीसीआर कॉल मिली. पुलिस टीम मौके पर पहुंची जहां शिकायतकर्ता रीमा देवी ने बताया कि वह अपने पति के साथ ग्राउंड फ्लोर पर "बृजवासी रेस्टोरेंट" के नाम से एक ढाबा चलाती है और रेस्टोरेंट की पहली मंजिल पर रहती है.
घटना के समय मृतक और आरोपी के अलावा कोई और नहीं था घर में
20 अक्टूबर को वह अपनी बेटी 5 साल की शानवी और अपनी सास कलावती देवी के साथ नए घर में पूजा के लिए मोहन गार्डन दिल्ली गई थीं. जबकि घर में उनके पति अनुज ,6 साल का बेटा रौनक और घरेलू कर्मचारी सोनू रह गए थे. सोनू को उसके पति ने 7 अक्टूबर को नौकरी पर रखा था. 21 अक्टूबर को दोपहर 1.30 बजे जब वो रेस्तरां में वापस आए तो रेस्तरां को बंद पाया. उसने अपने पति के मोबाइल फोन पर कॉल करने की कोशिश की लेकिन वह बंद मिला. फिर उसने एक सीढ़ी की व्यवस्था की और ढाबे की पहली मंजिल पर गई जहां उसने देखा कि उसका पति अनुज कुमार और बेटा रौनक पहली मंजिल के कमरे में मृत पड़े थे और उनकी गर्दन पर चोट के निशान थे.
पुलिस ने आरोपी को कैसे पकड़ा?
पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान पता चला कि नौकर सोनू और मृतक रेस्तरां मालिक अनुज कुमार सिंह का मोबाइल फोन घटनास्थल से गायब है. सोनू के बारे में पूछताछ की गई लेकिन कोई फोटो नहीं मिल सका। शिकायतकर्ता ने बताया कि नौकर सोनू मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था. रेस्टोरेंट के अंदर लगा सीसीटीवी भी गायब मिला. पता चला कि सोनू को एक सब्जी बेचने वाले नरेश के जरिए नौकरी पर रखा गया था. नरेश का पता लगाया गया तो उसने बताया कि सोनू तीस हजारी कोर्ट परिसर में गगनदीप की चाय की दुकान पर काम करता था. गगनदीप से पूछताछ की गई तो उसने नौकर सोनू की फोटो और पता उपलब्ध कराया. लेकिन आरोपी सोनू ने बिहार स्थित अपने पैतृक गांव का अधूरा पता दिया था. उसने पंजाब में उसके एक रिश्तेदार का एक मोबाइल नंबर भी दिया.
आरोपी की आखिरी लोकेशन पंजाब की मिली.इसके बाद पुलिस ने सोनू को फिरोजपुर में नाई की दुकान से पकड़ लिया. जांच के दौरान आरोपी 22 साल के सोनू कुमार ने खुलासा किया कि वो बिहार के मुजफ्फरपुर के एक गरीब परिवार से है,वो पढ़ा लिखा नहीं है, उसके पिता की 7 साल पहले मौत हो चुकी है. उसकी मां उसके पैतृक गांव में रहती हैं और उसका भाई राजस्थान में मजदूरी करता है. वह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में मजदूरी करता था. वह 3 महीने पहले काम की तलाश में दिल्ली आया और तीस हजारी कोर्ट परिसर में एक चाय की दुकान में काम करने लगा. उसके बाद अनुज के ढ़ाबे में काम करने लगा.
आरोपी ने कैसे घटना को दिया अंजाम?
सोनू ने बताया की 17 अक्टूबर को अनुज ने चोरी के आरोप में उसकी पिटाई की और 20-21 अक्टूबर की रात फिर आरोपी ने चोरी की बात कर उसकी पिटाई की. इसके बाद आरोपी ने अपने मालिक से बदला लेने की ठान ली, वो मृतक के बेडरूम में आया जहां मृतक और उसका बेटा सो रहे थे. पहले उसने मृतक के सिर पर दो बार डंडा से वार किया और फिर उसका गला रेत दिया. इतने में मृतक का बेटा उठ गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा और आरोपी को बालों से पकड़ लिया. इसके बाद आरोपी ने मृतक के बेटे का भी गला काट दिया और शव को दीवार और बिस्तर के बीच की जगह पर फेंक दिया. सीसीटीवी कैमरे को तोड़कर कूड़ेदान में छिपा दिया, कपड़े बदले और घर की पहली मंजिल से नीचे कूदकर मौके से भाग गया. उसने सुबह पंजाब के लिए ट्रेन पकड़ी और पंजाब पहुंच गया.
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