- दिल्ली पुलिस ने लगभग एक साल की मेहनत के बाद ATM उखाड़ने के मामले में आरोपी मुवारिक अली को गिरफ्तार किया
- 6 फरवरी 2025 को वजीराबाद में Axis Bank के ATM को पेंट स्प्रे कर CCTV बंद कर उखाड़ा गया था
- आरोपी मुवारिक अली पर चार राज्यों में दस से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह कई बार फरार भी रहा
कानून के हाथ लंबे होते हैं... ये कहावत को हम सबने बचपन से ही सुना हुआ है. अगर आपको इसका शाब्दिक अर्थ जानना हो तो दिल्ली पुलिस की जांच और मामले को सुलझाने तक उसके पीछे पड़े रहने की जिद्द को देखना चाहिए. दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर ऐसा ही उदाहरण पेश किया है ATM उखाड़े जाने के मामले में. आरोपियों ने इस घटना को भले करीब साल पहले अंजाम दिया हो लेकिन पुलिस बीते एक साल से रात दिन इस मामले को सुलझाने में लगी रही है. जांच के दौरान पुलिस की टीम ने सैंकड़ों सीसीटीवी फुटेज, टेक्निकल से लेकर मैनुअल सर्विलांस की मदद से हर कड़ी जोड़ी, आरोपी को पकड़ने के लिए करीब 2000 किलोमीटर तक उसका पीछा किया और आखिरकार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
CCTV पर स्प्रे कर ATM ले भागे थे आरोपी
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी की पहचान मुवारिक अली उर्फ मुब्बा के रूप में की है. आरोपी हरियाणा के मेवात का रहने वाला है. पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी पर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं. कई मामलों में तो उसे भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है. दिल्ली में ATM उखाड़े जाने की ये घठना 6 फरवरी 2025 का है, जब वजीराबाद इलाके में Axis Bank के ATM को बदमाशों ने उखाड़ लिया था. वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने ATM के अंदर लगे CCTV कैमरों पर पेंट स्प्रे कर दिया और फिर पूरी मशीन को उखाड़कर ले गए.
ऐसे हुई थी आरोपियों की पहचान
उस वक्त ATM में करीब 29 लाख 12 हजार 800 रुपये नकद मौजूद थे.घटना की गंभीरता को देखते हुए केस को क्राइम ब्रांच को सौंपा गया. जांच के दौरान पता चला कि इस तरह की वारदातों के पीछे मेवात इलाके का एक संगठित गिरोह काम कर रहा है.घटना के तीन दिन बाद क्राइम ब्रांच ने नूंह से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह पूरा गिरोह मुवारिक अली उर्फ मुब्बा के इशारे पर काम कर रहा था, जो अलग-अलग राज्यों में बैठकर वारदातें करवा रहा था.
इसके बाद एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने लगातार तकनीकी सर्विलांस और मैनुअल इंटेलिजेंस के जरिए गिरोह के अन्य सदस्यों को भी दबोच लिया. आरोपियों की निशानदेही पर चोरी किया गया ATM और नकदी का हिस्सा हरियाणा के नूंह इलाके में एक बोरवेल से बरामद कर लिया गया. हालांकि, गिरोह का सरगना मुबारिक अली लगातार फरार रहा और नए अपराधियों को भर्ती कर ATM चोरी की साजिशें रचता रहा. क्राइम ब्रांच ने हार नहीं मानी और आखिरकार तकनीकी इनपुट के आधार पर आरोपी की लोकेशन महाराष्ट्र में ट्रेस की गई, जहां से वह राजस्थान की ओर बढ़ रहा था.
2000 किलोमीटर पीछा कर किया गिरफ्तार
करीब 2000 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद, 26 दिसंबर 2025 को पुलिस ने आखिरकार मेवात इलाके से मुबारिक अली उर्फ मुब्बा को दबोच लिया. पुलिस के मुताबिक, मुबारिक अली पेशे से ट्रक ड्राइवर है, लेकिन ATM उखाड़ने में माहिर है. उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट,हत्या के प्रयास,ATM चोरी जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश में उसे पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका था और कई मामलों में उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी थे.क्राइम ब्रांच का कहना है कि मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के साथ ATM चोरी करने वाला पूरा नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है. फिलहाल आरोपी से और पूछताछ जारी है.
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