विज्ञापन
This Article is From Sep 29, 2020

साइबर ठगी: सिम अपग्रेड करने के नाम पर लाखों हड़पे, जामताड़ा और कर्नाटक से आठ गिरफ्तार

ठगी के मामले में फरीदाबाद की साइबर अपराध पुलिस की बड़ी कार्रवाई, खुद को टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बताकर देते थे झांसा

साइबर ठगी: सिम अपग्रेड करने के नाम पर लाखों हड़पे, जामताड़ा और कर्नाटक से आठ गिरफ्तार
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

फरीदाबाद (Faridabad) की साइबर अपराध (Cyber Crime) पुलिस ने जामताड़ा (Jamtara) और कर्नाटक से ऑनलाइन ठगी करने वाले आठ आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. हाल ही में फरीदाबाद साइबर अपराध पुलिस ने जामताड़ा के पांच आरोपियों को सुरजकुंड में गिरफ्तार किया था. आरोपियों के पास से 1,25,000 रुपये नकद व 12 मोबाइल फोन व सिम कार्ड बरामद किए गए थे. अदालत ने दो आरोपियों को पुलिस रिमांड पर जबकि अन्य तीन को जेल भेज दिया था. 

आरोपी शत्रुघ्न और अजय ने बताया कि उनके अन्य साथी भी हैं जो वारदातों को अंजाम देते हैं. उन्होंने फरीदाबाद में और भी वारदातों को अंजाम दिया है. आरोपी शत्रुघ्न और अजय की निशानदेही पर फरीदाबाद साइबर अपराध थाना पुलिस ने आरोपियों को जामताड़ा और कर्नाटक से गिरफ्तार किया है. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि दो अन्य वारदातों को आरोपियों ने अंजाम दिया है. इस पर थाना सैक्टर-31 फरीदाबाद में मामले दर्ज किए गए हैं.

तकनीक रिकार्ड से पाया गया कि जिस बैंक खाते में पैसे हासिल किए गए थे, वह कर्नाटक के रहने वाले राजा हुसैन का है. उसको साइबर तकनीक की सहायता से कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया. इसके उपरान्त  अपराधी के अन्य साथियों को झारखंड के अलग-अलग जिलों में रेड कर गिरफ्तार किया गया.

सीरियल साइबरस्टाकर गिरफ्तार, 700 से ज्यादा नाबालिग लड़कियों के आपत्तिजनक फोटो मिले

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने फरीदाबाद के मिठास पिंटो से 4G से 5G सिम अपग्रेड करने के नाम पर एक लाख 9 हजार रुपये की ठगी की थी. इसके अलावा उन्होंने एक महिला प्रतिभा अग्रवाल से सिम अपग्रेडेशन के नाम पर एक लाख 30 हजार की धोखाधड़ी की थी.

आरोपी टेलीकॉम कम्पनी के कर्मचारी बनकर लोगों को कॉल करते थे और उनकी सिम को 4G से 5G में अपग्रेड करने का झांसा देते थे. उसके बाद वे लोगों को उनके सिम कार्ड नंबर से IMSI नंबर कस्टमर केयर नंबर पर भेजने को कहते थे. लोगों के सिम कार्ड को अपनी सिम पर एक्टिवेट करके वे फोन व लिंक बैक अकांउट को हैक कर नेट बैंकिग के जरिए उनके खाता से पैसे निकाल लेते थे. 

फ़र्ज़ी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर भेजता था महिलाओं की अश्लील मैसेज, पकड़ा गया

इंस्पेक्टर बसंत चौहान प्रभारी साइबर अपराध थाना ने बताया कि नेट बैंकिंग के जरिए खातों को चलाने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की जरूरत होती है. आरोपी लोगों के मोबाइल नंबर को अपनी सिम पर चालू करा लेते थे ताकि वह ओटीपी अपने मोबाइल फोन पर मंगा सकें और आसानी से पैसे निकाल सकें.

एक मोबाइल नंबर को दूसरी सिम पर चालू कराने के लिए पहले से ही चालू सिम के द्वारा कस्टमर केयर के नंबर पर ब्लैंक सिम के आईएमएसआई नंबर मैसेज किए जाते हैं जिससे पुराना सिम कार्ड नंबर बंद होकर नया सिम कार्ड चालू हो जाता है. ऐसा करने के लिए आरोपी टेलीकॉम कंपनी के कर्मचारी बनते थे और लोगों को 4जी और 5G सिम कार्ड अपग्रेड कराने का झांसा देते थे.

सुरक्षा में सेंध : NIC कर्मचारियों के कम्प्यूटरों में आया एक मेल और क्लिक करते ही उड़ गया डेटा

अब तक की पूछताछ के दौरान आरोपियों से पता लगा है कि वे पेटीएम और फोन पे की केवाईसी के नाम पर भी लोगों को अपना शिकार बनाते थे. पुलिस ने बताया कि आरोपियों से फोन बरामद किए गए हैं जिनके द्वारा आरोपियों के बारे में और ज्यादा पता लगाया जा सकेगा कि वह किस-किस तरह की धोखाधड़ी को अंजाम देते थे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com