बैंक कर्मी ने अपनी ब्रांच से 34 करोड़ चुराने की कोशिश की, तीन महीने बाद गिरफ्तार

ठाणे में बैंक में काम करने वाले एक व्यक्ति को वारदात के तीन महीने बाद पुणे से गिरफ्तार किया

बैंक कर्मी ने अपनी ब्रांच से 34 करोड़ चुराने की कोशिश की, तीन महीने बाद गिरफ्तार

प्रतीकात्मक फोटो.

मुंबई:

महाराष्ट्र में एक ऐसा केस सामने आया है जिसमें आरोपी ने दुनिया भर में हिट हुए नेटफ्लिक्स के शो 'मनी हीस्ट' से प्रेरित होकर लगभग एक साल से अधिक समय तक बैंक डकैती की योजना बनाई थी. मुंबई के पास ठाणे में हुई इस बैंक डकैती में पकड़े गए आरोपी द्वारा किया गया खुलासा उक्त वेब सीरीज से कम दिलचस्प नहीं है.

पुलिस ने इस सप्ताह के शुरू में इस मामले में कहा था कि पांच लोगों की गिरफ्तारी और उनसे 12 करोड़ रुपये की वसूली के साथ यह मामला सुलझा लिया गया है. पुलिस को इससे पहले जुलाई में डकैती की जांच के दौरान ठाणे में आईसीआईसीआई बैंक की शाखा में 22 करोड़ रुपये मिले थे.

पुलिस ने कहा कि मामले के मुख्य आरोपी 43 वर्षीय अल्ताफ शेख को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके पास से नौ करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं. वह बैंक में तिजोरी के कस्टोडियन के रूप में काम करता था और उसी ने डकैती की साजिश रची थी. उन्होंने बताया कि नीलोफर नाम की उसकी बहन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

मनपाड़ा पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "मुंब्रा निवासी शेख, आईसीआईसीआई बैंक में कस्टोडियन के रूप में काम कर रहा था. बतौर तिजोरी संरक्षक बैंक के लॉकर की चाबियों को संभालना उसकी जिम्मेदारी थी. उसने चोरी की योजना बनाने, सिस्टम में मौजूद खामियों का पता लगाने और चोरी के लिए जरूरी उपकरण इकट्ठे करने में एक साल का समय लगाया.“

उन्होंने कहा कि, जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि शेख ने एसी डक्ट को चौड़ा करके पूरी लूट की योजना बनाई थी, ताकि नोटों को कूड़ेदान में छुपाया जा सके और सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ की जा सके.

अधिकारी ने बताया कि "अलार्म सिस्टम को डिएक्टिवेट करने और सीसीटीवी में तोड़फोड़ करने के बाद शेख ने बैंक की तिजोरी खोली और नकदी को डक्ट के जरिए नीचे गिरा दिया. यह घटना तब सामने आई जब बैंक को पता चला कि सिक्योरिटी मनी गायब मिली. सीसीटीवी और डीवीआर काम नहीं कर रहा था. इसके बाद मामले की जांच कराई गई.“ 

टेक्नीशियनों ने अधिकारियों को बताया कि फुटेज को ऑनलाइन भी स्टोर किया गया था. यह महसूस करते ही कि उसकी योजना विफल हो रही है, शेख लगभग 12 करोड़ रुपये लेकर भाग गया. बाकी के 22 करोड़ रुपये बैंक में खोजे लिए गए.

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शेख ने अगले तीन महीने यहां से वहां भागते हुए बिताए. उसने अपना रूप बदल लिया और अपनी पहचान छिपाने के लिए बुर्के का इस्तेमाल किया. शेख की बहन नीलोफर, जो उसकी हरकत से वाकिफ थी, ने अपने घर में कुछ पैसे छिपा लिए. पुलिस ने कहा कि उसे मामले में सह-आरोपी बनाया गया है और गिरफ्तार कर लिया गया है. शेख को सोमवार को पुणे से गिरफ्तार कर लिया गया.