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अजब प्रेम की गजब कहानी, प्रेमिका पर खर्च के लिए B.A. स्टूडेंट बना चोर, ट्रेनिंग लेकर चुरा डाली 14 बाइक्स

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में बी.ए. स्टूडेंट ने प्रेमिका और नशे के खर्च पूरे करने के लिए 14 मोटरसाइकिलें चुराईं.

अजब प्रेम की गजब कहानी,  प्रेमिका पर खर्च के लिए B.A. स्टूडेंट बना चोर, ट्रेनिंग लेकर चुरा डाली 14 बाइक्स
  • छत्रपति संभाजीनगर में बीए के छात्र समर्थ विनोद काले ने प्रेमिका और नशे के लिए बाइक चोरी शुरू की
  • समर्थ ने पांच महीने चोरी की ट्रेनिंग ली और कुल चौदह मोटरसाइकिलें चोरी कर उनसे पैसे कमाए
  • चोरी की गई मोटरसाइकिलों को सोहेल शैकद बेग ₹15000 से ₹25000 में खरीदकर ₹60000 तक बेचता था
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छत्रपित संभाजीनगर:

इश्क और नशे की कीमत चुकाने के लिए एक बी.ए. के स्टूडेंट ने ऐसा रास्ता चुना, जिसने उसे सीधे जेल तक पहुंचा दिया. महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में समर्थ विनोद काले ने अपनी प्रेमिका को खुश करने और नशे की आदत पूरी करने के लिए बाइक चोरी का धंधा शुरू किया. पांच महीने तक चोरी की ट्रेनिंग लेने के बाद उसने 14 मोटरसाइकिलें चुराईं, पैसे उड़ाए और आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया. इस फिल्मी कहानी में इश्क और क्राइम की डबल डोज से भरी हुई है.

इश्क और नशे के लिए अपराध का रास्ता

महाराष्ट्र के छत्रपती संभाजीनगर में एक B.A. के स्टूडेंट ने अपनी प्रेमिका और नशे के खर्च पूरे करने के लिए मोटरसाइकिल चोरी का रास्ता चुना. समर्थ विनोद काले ने अपनी प्रेमिका पर खर्च करने के लिए अपराधियों से दोस्ती की. शुरुआत में, उसने 5 महीने तक अलग-अलग जगहों से मोटरसाइकिल चोरी करने की ट्रेनिंग ली. इसके बाद, उसने कुल 14 मोटरसाइकिलें चुराईं और उनसे मिले पैसे प्रेमिका पर खर्च करने और नशेबाजी में उड़ा दिए. जवाहरनगर पुलिस ने मामले की जांच करते हुए समर्थ विनोद काले, पवन परमेश्वर चौधरी, और सोहेल शैकद बेग नामक इस तिकड़ी को गिरफ्तार किया है.

बाइक चोरी का गैंग और गिरफ्तारी

पुलिस ने चोरी की गई सभी 14 मोटरसाइकिलें बरामद कर ली हैं. इस मामले में की गई पूछताछ में पवन और समर्थ ने कबूल किया कि वे चोरी की गई बाइकें सोहेल को बेच दिया करते थे. सोहेल चोरी की इन बाइकों को इनसे ₹15,000 से लेकर ₹25,000 की कीमत खरीदता था और फिर इन्हें आगे ₹60,000 रुपये तक में बेच देता था. सोहेल चोरी की इन मोटरसाइकिलों के कागजात की ज़ेरॉक्स कॉपियां भी आरटीओ से किसी तरह हासिल कर लेता था, जिससे इन्हें किसी और को आगे बेचना आसान हो जाता था.

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