दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने अशोक प्रधान गैंग (Ashok Pradhan Gang) के एक शातिर अपराधी रोहित उर्फ लांबा को गिरफ्तार किया है. आरोपी अपने विरोधी नीरज बवानिया गैंग के गुर्गों को मारने की फिराक में था. रोहित पर करीब 20 संगीन मामले दर्ज हैं.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी रोहित मीणा के मुताबिक 7 जुलाई को एक सूचना के बाद आरोपी रोहित उर्फ़ लांबा को उत्तम नगर से गिरफ्तार किया गया. 12 जनवरी 2022 को आरोपी रोहित ने अपने साथियों के साथ नजफगढ़ में दुर्गा सिंह नाम के शख्स पर फायरिंग की थी, जिससे वो घायल हो गया था. जांच के दौरान पुलिस ने उदय दहिया, दीपेन, कपिल शर्मा उर्फ लालू और प्रशांत नाम के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. हालांकि आरोपी रोहित और उसका सहयोगी गौरव उर्फ मसाला फरार चल रहे थे.
आरोपी रोहित कुख्यात अशोक प्रधान-नीतू दाबोदिया गैंग का सदस्य है. अशोक प्रधान के कहने पर 2017 में उसने नीरज बवानिया गैंग के सदस्य कला असोदिया की सनसनीखेज तरीके से हत्या कर दी थी. तब कला असोदिया को पुलिस द्वारा झज्जर कोर्ट में पेश किया जा रहा था. नीरज बवानिया अशोक प्रधान गैंग का विरोधी गिरोह है. आरोपी रोहित नजफगढ़ और उत्तम नगर इलाके में सट्टा चलाने वालों से रंगदारी वसूल करता था. अगर कोई उसे प्रोटेक्शन मनी देने से मना करता है तो वो निशाने पर आ जाता है. आरोपी बार-बार अपना पता और ठिकाना बदल रहा था.
आरोपी रोहित नजफगढ़ क्षेत्र के रहने वाले मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है. 2010 में जब वह 11 वीं कक्षा में था तब अपने बचपन के दोस्तों पंकज, पम्मी और काले के साथ कार जैकिंग और डकैती के कई मामलों शामिल था. 2 सितम्बर 2013 को उसने अपने सहयोगियों सुमित उर्फ काके और अन्य लोगों के साथ एक युद्धवीर सिंह की चाकू मारकर हत्या कर दी. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और करीब डेढ़ साल तक वो जेल में रहा. जेल में वह खूंखार गैंगस्टर अशोक प्रधान और राजेश दुरमुट से मिला, जो नीतू दबोधिया गिरोह के सदस्य थे और उनसे दोस्ती कर ली.
साल 2014 में उसने जेल से बाहर आकर रणहोला इलाके में हत्या का प्रयास किया था. इस मामले में उसने अपने एक दोस्त अंशु निवासी बापरोला के साथ मिलकर पीड़ित पर गोली चला दी. इसके बाद, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और लगभग 6 महीने तक जेल में रहा. उसकी आपराधिक गतिविधियों के कारण उसके परिवार ने उसे पैतृक संपत्ति से अलग कर दिया. इसके बाद वह अशोक प्रधान गिरोह में शामिल हो गया और दिल्ली, यूपी और हरियाणा में गैंग-वार, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और कारजैकिंग के अलावा कई हत्याएं कीं.
साल 2015 में उसने अपने साथियों रोहित उर्फ बल्ली , राहुल बैयानपुरिया, मंगेराम, समीन, नौशाद के साथ महेंद्रगढ़ और बेरी, झज्जर के इलाकों में दो डंपरों को लूट लिया. रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास आरोपी व्यक्तियों ने दिल्ली में एक स्विफ्ट डिजायर कार के चालक को अगवा कर लूट लिया. 17 नवंबर 2015 को उसने अपने सहयोगी के साथ मिलकर अपने दोस्त रोहित का बदला लेने के लिए पालम एक्सटेंशन में एक सुनील पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी. बाद में इन मामलों में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
वर्तमान में गिरोह के नेता अशोक प्रधान और रोहित गैंगस्टर नीरज बवानिया और उसके सहयोगियों को मारने की प्लानिंग कर रहे थे. रोहित के गिरोह को पहले नीतू दाबोधिया गिरोह के नाम से जाना जाता था, नीतू दाबोदिया अक्टूबर 2013 में दिल्ली पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मारा गया गिरोह के सरगना नीतू दबोदिया की हत्या के बाद अशोक प्रधान ने गिरोह की कमान अपने हाथ में ले ली है, जिसने नए अपराधियों को गिरोह में भर्ती किया था. इस गिरोह का संबंध खतरनाक मंजीत महल के गिरोह से है, जो दिल्ली के पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम और बाहरी जिले और हरियाणा के आसपास के इलाकों में सक्रिय है, जबकि उनके विरोधी कृष्ण पहलवान गिरोह और नीरज बवानिया गिरोह हैं. नीरज बवानिया इस समय मकोका मामले में तिहाड़ जेल में बंद है.
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