फिलहाल तो ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस ने गोवा में शिवसेना-शैली के विद्रोह को दबा दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि संभावित दलबदलू राज्य की सत्तारूढ़ BJP के संपर्क में हैं. इन दोनों के बीच जारी संपर्क के मद्देनज़र ये कहा जा सकता है कि “ऑपरेशन लोटस” अभी रद्द नहीं किया गया है. बता दें कि गोवा में भाजपा तभी सफल होगी जब कांग्रेस के 11 में से कम से कम आठ विधायक पाला बदलने के लिए तैयार हो जाते हैं. सूत्रों का कहना है कि योजना पटरी पर है और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत इसे साकार करने के लिए भाजपा से संपर्क बनाए हुए हैं.
कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के छह विधायकों को गोवा से बाहर ले जाने के लिए भाजपा ने एक चार्टर्ड फ्लाइट का भी इंतजाम कर रखा था. सूत्रों ने कहा कि भाजपा के एक शीर्ष नेता व्यक्तिगत रूप से विधायकों के संपर्क में थे, जिन्हें स्विच करने के लिए ₹15 करोड़ से ₹20 करोड़ की पेशकश की गई थी. विधायकों की संख्या कम होने पर योजना को कथित तौर पर निरस्त कर दिया गया था.
कल शाम पार्टी के वरिष्ठ नेताओं मुकुल वासनिक और दिनेश गुंडू राव द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस के 10 विधायक शामिल हुए. सिर्फ एक विधायक शामिल नहीं हुए. उनका नाम दिगंबर कामत है जिन पर कांग्रेस ने बगावत की रूपरेखा तैयार करने का आरोप लगाया है. विद्रोह भले ही अभी के लिए थम गया हो लेकिन कांग्रेस का कहना है कि वो इस साजिश के खिलाफ आगे भी सचेत रहेगी और कुछ विधायकों पर निगरानी रखेगी.
उनमें से एक माइकल लोबो हैं जो कल सामने आए थे. माइकल लोबो जोर शोर से कहने लग गए कि वह कांग्रेस के साथ है और बाहरी लोग उसे निशाना बना रहे हैं. बहरहाल, बीते रविवार को उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था.
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने स्पष्ट रूप से कांग्रेस संकट में किसी भी भूमिका से इनकार किया. प्रमोद सावंत ने एनडीटीवी से कहा, "भाजपा का कांग्रेस के मौजूदा संकट से कोई लेना-देना नहीं है." कांग्रेस ने कल कहा था कि पार्टी में "कुछ भी गलत नहीं है" और यह भाजपा ही थी जो कांग्रेस की गोवा इकाई को विभाजित करने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि माइकल लोबो और दिगंबर कामत भाजपा के साथ दलबदल करने की 'साजिश' रच रहे हैं. पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से कामत और लोबो को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है. लोबो को नेता प्रतिपक्ष के पद से भी हटा दिया गया है.
कामत को इस साल की शुरुआत में गोवा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया था. लेकिन कांग्रेस की हार के बाद उन्हें नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया गया जिससे वो काफी खफा चल रहे थे.
कांग्रेस को रविवार को संकट का सामना करना पड़ रहा था जब अचानक ही उसके पांच विधायक "लापता" हो गए. वे सोमवार को विधानसभा सत्र के लिए आए और जोर देकर कहा कि वे बैठक के लिए दक्षिण गोवा गए थे. सूत्रों ने दावा किया कि दिगंबर कामत के नेतृत्व में पांच विधायकों ने रविवार को गोवा के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक को हालात संभालने के लिए भेजा था. सूत्रों का कहना है कि दिगंबर कामत अभी भी भाजपा के संपर्क में हैं.
भाजपा पर कटाक्ष करते हुए मुकुल वासनिक ने कहा कि कुछ अपनी आदत से मजबूर होते हैं जो अक्सर अन्य दलों के विधायकों को खरीदने की कोशिश करते हैं. कांग्रेस ने गोवा की योजना की तुलना पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में शिवसेना के तख्तापलट से की, जहां हाल ही में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के कारण उद्धव ठाकरे की गठबंधन सरकार गिर गई. बाद में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और भाजपा के साथ सरकार बनाई.
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