विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रंगीन कपड़ों में टीम इंडिया की कमान कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में है और टेस्ट में टीम इंडिया को बेस्ट बनाने की जिम्मेदारी विराट कोहली के कंधों पर है। धोनी ने तो टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, लेकिन कोहली तीनों फॉर्मेट में खेलते हैं। ऐसे में दोनों के बीच विवाद की खबरें पिछले काफी समय से सुनने-पढ़ने को मिल रही हैं।
यह अटकलें उस समय और ज्यादा बड़ी हो गईं, जब कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में लचर प्रदर्शन के दौरान मैदान पर लिए फैसलों पर सवाल उठाए। दोनों ही कप्तानों को जिम्बाब्वे दौरे से आराम दिया गया है और कमान अजिंक्य रहाणे को सौंप दी गई है।
धोनी और विराट के बीच विवाद का नुकसान भले किसी को हुआ हो या नहीं, लेकिन अजिंक्य रहाणे को इसका फायदा हुआ है। साल 2007 में भी ऐसे ही हालात में धोनी के हाथों में टीम इंडिया की कमान सौंपी गई थी। उस समय राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ियों ने आराम मांगा था और धोनी ने इस मौके को भुना लिया। तब से उन्होंने भारतीय क्रिकेट पर एकछत्र राज किया है। इस दौरान उन्होंने टीम को टी-20 व वनडे में विश्व विजेता बनने का गौरव भी दिलाया है।
विराट की उपलब्धियां भी कम नहीं हैं। उनमें अकेले के दम पर मैच का रुख पलटने का माद्दा है और आज की तारीख में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के करीब अगर कोई बल्लेबाज दिखता है तो वह कोहली ही हैं। कोहली से ही लोगों को उम्मीदें हैं कि वह सचिन के रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
खैर, जो भी हो, कोहली और धोनी के बीच भले ही विवाद हो या ना हो अजिंक्य रहाणे को फायदा तो हो ही गया। जहां तक विवाद की बात है तो दोनों कई विज्ञापनों में साथ आते हैं वहां तो इनके बीच विवाद नजर नहीं आता और मैदान पर भी ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। हो सकता है विवाद की बातें सिर्फ अटकलें हों और अगर ऐसा है तो ये भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा ही है।
इस बीच भारतीय क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में सभी चीजें सही होने का दावा करते हुए बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर और मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने भी धोनी व कोहली के बीच मतभेद की खबरों को खारिज किया। पाटिल ने जोर देकर कहा कि टीम विभाजित नहीं है।
जिम्बाब्वे दौरे के लिए भारतीय टीम की घोषणा करने के बाद पाटिल ने सोमवार को कहा, ‘इसमें भ्रम की स्थिति नहीं है। हमने ऐसी चीज के बारे में नहीं सुना है। विक्रम राठौड़ और रोजर बिन्नी वहां बांग्लादेश दौरे पर भारतीय टीम के साथ थे और हम लगातार टीम प्रबंधन के संपर्क में थे। अंदाजा लगाना और लिखना आप लोगों पर निर्भर करता है।’
बांग्लादेश के खिलाफ पहली बार दि्वपक्षीय सीरीज गंवाने के बाद कोहली और धोनी की प्रतिक्रिया सुनकर ऐसा लगा मानो दोनों की सोच एक जैसी नहीं है। लेकिन पाटिल ने कहा कि लोगों को मैच के बाद दी गई प्रतिक्रिया को ज्यादा तवज्जो नहीं देनी चाहिए।
भारतीय कोच की नियुक्ति के मामले में ठाकुर ने कहा कि सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की सलाहकार समिति इस मुद्दे पर फैसला करेगी। ठाकुर ने कहा, ‘क्रिकेट सलाहकार समिति इस पर गौर कर रही है और भविष्य के कोच के नामों पर विचार कर रही है। जुलाई के महीने में बैठक के दौरान हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।’
इस साल दिसंबर में भारत के प्रस्तावित पाकिस्तान दौरे पर ठाकुर ने कहा, ‘अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है और इस मुद्दे पर जुलाई में बीसीसीआई की बैठक में चर्चा की जाएगी।’
(इनपुट भाषा से भी)
यह अटकलें उस समय और ज्यादा बड़ी हो गईं, जब कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में लचर प्रदर्शन के दौरान मैदान पर लिए फैसलों पर सवाल उठाए। दोनों ही कप्तानों को जिम्बाब्वे दौरे से आराम दिया गया है और कमान अजिंक्य रहाणे को सौंप दी गई है।
धोनी और विराट के बीच विवाद का नुकसान भले किसी को हुआ हो या नहीं, लेकिन अजिंक्य रहाणे को इसका फायदा हुआ है। साल 2007 में भी ऐसे ही हालात में धोनी के हाथों में टीम इंडिया की कमान सौंपी गई थी। उस समय राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ियों ने आराम मांगा था और धोनी ने इस मौके को भुना लिया। तब से उन्होंने भारतीय क्रिकेट पर एकछत्र राज किया है। इस दौरान उन्होंने टीम को टी-20 व वनडे में विश्व विजेता बनने का गौरव भी दिलाया है।
विराट की उपलब्धियां भी कम नहीं हैं। उनमें अकेले के दम पर मैच का रुख पलटने का माद्दा है और आज की तारीख में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के करीब अगर कोई बल्लेबाज दिखता है तो वह कोहली ही हैं। कोहली से ही लोगों को उम्मीदें हैं कि वह सचिन के रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
खैर, जो भी हो, कोहली और धोनी के बीच भले ही विवाद हो या ना हो अजिंक्य रहाणे को फायदा तो हो ही गया। जहां तक विवाद की बात है तो दोनों कई विज्ञापनों में साथ आते हैं वहां तो इनके बीच विवाद नजर नहीं आता और मैदान पर भी ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। हो सकता है विवाद की बातें सिर्फ अटकलें हों और अगर ऐसा है तो ये भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा ही है।
इस बीच भारतीय क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में सभी चीजें सही होने का दावा करते हुए बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर और मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने भी धोनी व कोहली के बीच मतभेद की खबरों को खारिज किया। पाटिल ने जोर देकर कहा कि टीम विभाजित नहीं है।
जिम्बाब्वे दौरे के लिए भारतीय टीम की घोषणा करने के बाद पाटिल ने सोमवार को कहा, ‘इसमें भ्रम की स्थिति नहीं है। हमने ऐसी चीज के बारे में नहीं सुना है। विक्रम राठौड़ और रोजर बिन्नी वहां बांग्लादेश दौरे पर भारतीय टीम के साथ थे और हम लगातार टीम प्रबंधन के संपर्क में थे। अंदाजा लगाना और लिखना आप लोगों पर निर्भर करता है।’
बांग्लादेश के खिलाफ पहली बार दि्वपक्षीय सीरीज गंवाने के बाद कोहली और धोनी की प्रतिक्रिया सुनकर ऐसा लगा मानो दोनों की सोच एक जैसी नहीं है। लेकिन पाटिल ने कहा कि लोगों को मैच के बाद दी गई प्रतिक्रिया को ज्यादा तवज्जो नहीं देनी चाहिए।
भारतीय कोच की नियुक्ति के मामले में ठाकुर ने कहा कि सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की सलाहकार समिति इस मुद्दे पर फैसला करेगी। ठाकुर ने कहा, ‘क्रिकेट सलाहकार समिति इस पर गौर कर रही है और भविष्य के कोच के नामों पर विचार कर रही है। जुलाई के महीने में बैठक के दौरान हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।’
इस साल दिसंबर में भारत के प्रस्तावित पाकिस्तान दौरे पर ठाकुर ने कहा, ‘अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है और इस मुद्दे पर जुलाई में बीसीसीआई की बैठक में चर्चा की जाएगी।’
(इनपुट भाषा से भी)
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