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युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने कहा कि उनकी बेटे के उपचार में थोड़ी देरी हुई और बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने दो साल पहले जांच करवाने की उनकी सलाह को गंभीरता से नहीं लिया था।
यह पूर्व टेस्ट क्रिकेटर उस घटना को याद करते हुए अपने आंसू नहीं रोक पा रहा था। योगराज ने कहा कि तब उन्होंने युवराज को पूरी चिकित्सकीय जांच की सलाह दी लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी और कहा कि वह बच्चा नहीं है तथा वह पूरी तरह से ठीक है। योगराज ने यहां अपने आवास पर कहा, ‘‘लेकिन मैं जानता था कि कुछ गड़बड़ है। छह महीने पहले जिस चिकित्सक ने युवराज की जांच की रिपोटरें को देखा था उसने कहा कि कि उन्हें उपचार के लिये अमेरिका ले जाना चाहिए। चिकित्सक ने कहा कि था कि सर्वश्रेष्ठ इलाज अमेरिका में उपलब्ध है लेकिन मैं किसी को दोषी नहीं मानता।’’
उन्हें हालांकि लगता है कि आखिर में सब कुछ अच्छा हुआ जो युवराज ऑस्ट्रेलिया में नहीं खेला अन्यथा मामला और बिगड़ सकता था। योगराज ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे से बात की। उन्होंने कहा, ‘‘उपचार का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है और ईश्वर ने चाहा तो उन्हें जल्द ही मैदान पर होना चाहिए। ’’ युवराज की बीमारी के कारण पिता और पुत्र पहले की तुलना में अधिक करीब हो गए। उन्होंने कहा, ‘‘युवी शेरदिल इंसान है। वह शेर है। आप फिर से उसे गुर्राते हुए देखोगे।’’ युवराज ने भारत की विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई थी। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज पिछले महीने से उपचार के लिए अमेरिका में है। पहले उनके परिवार ने कहा कि था उनके फेफड़ों में ट्यूमर है।
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