महिला विश्वकप 2017 : भारतीय कप्तान मिताली राज ने कहा- फाइनल आसान नहीं होगा लेकिन...

25 जून, 1983 को लॉर्ड्स की बॉलकनी में वर्ल्ड कप को हाथ में उठाए कपिल की तस्वीरें हर हिन्दुस्तानी के ज़ेहन में जिंदा हैं,

महिला विश्वकप 2017 : भारतीय कप्तान मिताली राज ने कहा- फाइनल आसान नहीं होगा लेकिन...

भारतीय टीम जीतकर इतिहास बनाना चाहती है....

नई दिल्ली:

25 जून, 1983 को लॉर्ड्स की बॉलकनी में वर्ल्ड कप को हाथ में उठाए कपिल की तस्वीरें हर हिन्दुस्तानी के ज़ेहन में जिंदा हैं क्योंकि इस तस्वीर ने भारतीय क्रिकेट की दुनिया बदल दी. उस वक्त भारतीय टीम की कप्तान मिताली राज की उम्र बस 6 महीने थी लेकिन मिताली और उनकी टीम के लिए एक बार फिर इसी बॉल्कनी पर कप उठाकर भारतीय महिला क्रिकेट को बुलंदी पर ले जाने का एक शानदार मौक़ा है. मिताली और टीम इंडिया को इस बात को अच्छी तरह अहसास है.

लॉर्ड्स पर वर्ल्ड कप फ़ाइनल खेलने का अनुभव भारत के लिए नया नहीं है. 34 साल पहले टीम इंडिया ने लॉर्ड्स पर दुनियाभर में अपनी बादशाहत साबित की थी. 34 साल बाद महिला टीम से कुछ वैसे ही धमाके की उम्मीद की जा रही है. हालांकि टीम इंडिया के लिए पिछले मैच की स्टार बल्लेबाज हरमनप्रीत कौर की कंधे की चोट चिंता का सबब है.

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महिला टीम के हौसले बुलंद हैं लेकिन मिताली इंग्लैंड को हराने के बावजूद उसकी चुनौती को हल्का नहीं आंक रही. कप्तान मिताली कहती हैं, " एक टीम की तरह हम बहुत उत्साहित हैं. हमें शुरू से ही मालूम था कि ये टूर्नामेंट हमारे लिए आसान नहीं होगा. लेकिन जब भी ज़रूरत पड़ी हमारी लड़कियों ने स्तर से ऊपर उठकर प्रदर्शन किया. सिर्फ़ बैटिंग या बॉलिंग ही नहीं, एकाध मौक़ों को छोड़ दे तो टीम ने फ़ील्डिंग में भी अच्छा प्रदर्शन किया है. हमने ऑस्ट्रेलिया जैसी अच्छी टीम को परास्त किया है. लेकिन इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हमें अलग प्लानिंग करनी होगी और रणनीति बनानी होगी. हमसे हारने के बाद इंग्लैंड ने भी इस टूर्नामेंट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन मेज़बान को फ़ाइनल में हराना बड़ी बात होगी और लड़कियां इसके लिए तैयार हैं. "

34 साल पहले टीम इंडिया का विंडीज़ के ख़िलाफ़ वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में जीतना करिश्मे जैसा था. टीम इंडिया ने तब दो बार की चैंपियन विंडीज़ टीम को उस वर्ल्ड कप में दो बार शिकस्त दी थी. इस बार भारतीय महिला टीम तीन बार की चैंपियन इंग्लैंड को इस टूर्नामेंट में एक बार शिकस्त दे चुकी है. लेकिन कप्तान मिताली मानती हैं कि लॉर्ड्स पर फ़ाइनल का इम्तिहान लीग मैच से अलग होगा.

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वनडे क्रिकेट में 6000 से ज़्यादा रन बनाने वाली इकलौती बल्लेबाज़ मिताली कहती हैं, "2005 में भी हमने फ़ाइनल में खेला था. लेकिन तब बात अलग थी. तब किसी को पता भी नहीं था कि हमने क्वालिफ़ाई किया है. सब मेन्स क्रिकेट में व्यस्त थे. अगर हम ख़िताब जीत पाती हैं तो ये हमारे लिए बड़ी कामयाबी होगी. मैंने लड़कियों को कहा है कि वो इस मौक़े का लुत्फ़ उठायें. लॉर्ड्स पर फ़ाइनल खेलना सबके लिए किस्मत की बात है. इतिहास की वजह से लॉर्ड्स पर खेलना सभी क्रिकेटर के लिए सपने जैसा होता है. मिताली ने कहा कि फाइनल आसान नहीं होगा लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे."

12 साल पहले फ़ाइनल खेल चुकी भारतीय टीम इस बार अलग जोश से भरी हुई है. भारतीय टीम जीतकर इतिहास बनाना चाहती है और फ़ैन्स उस जीत के जश्न की तैयारी अभी से ही करने लगे हैं.


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