यह ख़बर 30 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मेलबर्न टेस्ट में क्या भारत बदलेगा इतिहास?

नई दिल्ली:

मेलबर्न टेस्ट के अंतिम दिन क्या होगा? इसका रोमांच हर क्रिकेट प्रेमी के जेहन में मैच के अंतिम दिन की अंतिम गेंद फेंके जाने तक बना रहेगा।

चौथे दिन के खेल समाप्त होने तक एक बात तय हो चुकी है, भारत को ये मैच जीतने के लिए चौथी पारी में 300 से ज्यादा रन बनाने होंगे। यह कितनी मुश्किल चुनौती है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जीत के लिए 300 से ज्यादा रन मेलबर्न में महज एक बार बन पाया है। साल 1929 में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराने के लिए सात विकेट पर 332 रन बनाए थे।

हालांकि मैच के पहली पारी में भारत की ओर से जोरदार शतक लगाने वाले विराट कोहली ने भरोसा जताया है कि भारत इस मुक़ाबले को जीतने के लिए कोई भी लक्ष्य हासिल कर लेगा।

जाहिर तौर पर विराट कोहली का ये आक्रामक नजरिया है जो एक भरोसा जगाता है, लेकिन भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर की राय के मुताबिक ये विराट कोहली का यही रवैया टीम इंडिया के लिए भारी पड़ने वाला है। गावस्कर का इशारा उस ओर है, जहां से ऑस्ट्रेलियाई टीम जोरदार खेल दिखाने के इरादे से उतरेगी। मिशेल जॉनसन और रयान हैरिस अगर अपने प्रभावी अंदाज में गेंदबाज़ी करने के इरादे से उतरे तो भारत के लिए मेलबर्न टेस्ट बचाना मुश्किल हो जाएगा।

वैसे भी टीम इंडिया ने सीरीज़ के अब तक के मैचों में जिस तरह की बल्लेबाज़ी की है उसे देखते हुए टेस्ट ऑस्ट्रेलिया की पकड़ में ज्यादा दिख रहा है। सीरीज़ के दौरान टीम इंडिया की सबसे बड़ी मुश्किल ये रही है कि जमे हुए बल्लेबाज़ों के आउट होते ही भारतीय बल्लेबाज़ी को ढेर होते देर नहीं लगती।
 
सीरीज़ के पहले टेस्ट की पहली पारी में भारत के अंतिम 6 विकेट महज 77 रन जोड़ कर गिरे, वह भी 22.4 ओवरों में। दूसरी पारी में तो हालात और भी खराब रही टीम इंडिया के अंतिम 8 विकेट 73 रन के भीतर आउट हुए महज 18.1 ओवर में। विराट कोहली के दोनों पारियों में शतक के बाद भी टीम इंडिया ये मैच हार गई थी।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वहीं दूसरे टेस्ट की पहली पारी में भारतीय टीम ने अंतिम 6 विकेट 24.1 ओवरों में 87 रनों के भीतर गंवाए। ब्रिसबेन टेस्ट की दूसरी पारी में हालात थोड़ी सुधरी जरूर, लेकिन नतीजा वही रहा। भारत ने आखिरी के नौ विकेट 148 रनों के भीतर गंवा दिए। 38.3 ओवरों तक ही भारतीय बल्लेबाज़ संघर्ष दिखा पाए।
 
मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में भी विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की शतकीय पारी के बाद भारत ने अंतिम 7 विकेट महज 21.2 ओवरों में 56 रनों के भीतर गंवाए। कोहली, रहाणे या फिर मुरली विजय की बल्लेबाज़ी को देखते हुए एक भरोसा तो है कि टीम इंडिया यहां जोरदार संघर्ष दिखाएगी।