नई दिल्ली:
फतुल्लाह में खेला गया टेस्ट बारिश से बाधित रहा या फिर बारिश में बाधा पड़ने के दौरान क्रिकेट का खेल हुआ। ये आपको खुद से समझना होगा। पांच दिन में एक पूरा दिन बारिश के चलते बर्बाद हुआ और चार दिनों में हुए खेल के दौरान करीब 185 ओवरों का खेल हो पाया। यानी पांच दिन के टेस्ट में महज दो दिन का खेल हो पाया। ऐसे में ये मुक़ाबला ड्रा रहा।
इस टेस्ट के ड्रॉ रहने का सबसे बड़ा नुकसान तो यही हुआ है कि टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में एक पायदान फिसल कर अब नंबर चार की टीम बन गई है। टेस्ट कप्तान विराट कोहली जिस आक्रामकता की बात कर रहे थे, वह भी इस टेस्ट में टीम नहीं दिखा पाई। इसके बावजूद इस टेस्ट में टीम इंडिया के लिए तीन बातें पॉजिटव रहीं और वह तीन बातें हैं-
सलामी जोड़ी का दम : 283 रन की साझेदारी फतुल्लाह टेस्ट में टीम इंडिया की सबसे बड़ी उपलब्धि सलामी बल्लेबाज़ों का जोरदार प्रदर्शन रहा। शिखर धवन और मुरली विजय ने फतुल्लाह टेस्ट की पहली पारी में 283 रन जोड़े। शिखर धवन ने 173 रन बनाए तो दूसरी ओर मुरली विजय ने 150 रन ठोके। यह टेस्ट क्रिकेट में दूसरा मौका था जब धवन और विजय ने एक ही टेस्ट पारी में 150-150 रन से ज्यादा बनाए हैं।
भारत की ओर से दो बार इस मुकाम तक पहुंचने वाली ये पहली सलामी जोड़ी है। इस लिहाज से देखें तो शिखर धवन और मुरली विजय के रुप में भारत के पास दमदार सलामी जोड़ी है। हालांकि लोकेश राहुल के रूप में टीम के पास एक विकल्प भी मौजूद है, जिसे धवन और मुरली विजय के साथ अलग अलग आजमाया जा सकता है।
रहाणे का भरोसा : फतुल्लाह टेस्ट की इकलौती भारतीय पारी में अजिंक्य रहाणे ने 98 रनों की पारी खेली। रहाणे ने 103 गेंद पर 98 रन ठोके, यानी टेस्ट में भी उन्होंने वनडे के अंदाज में रन बनाए। अगर वे शतक बना लेते तो भारतीय उपमहाद्वीप में ये उनका पहला शतक होता, लेकिन शाकिब अल हसन की स्पिन के सामने वे चकमा खा गए।
हालांकि उन्होंने मिडिल ऑर्डर में खुद पर किए गए भरोसा को सही साबित कर दिखाया। रहाणे अब तक विदेशी मैदानों पर तीन टेस्ट शतक बना चुके हैं। लोगों को अब इंतज़ार है भारतीय सरजमीं पर रहाणे के टेस्ट शतक का...
हरभजन की वापसी, अश्विन का कमाल : फतुल्लाह में भारतीय गेंदबाज़ों को ज्यादा गेंदबाज़ी का मौका नहीं मिला। हरभजन सिंह ने फतुल्लाह में दो साल के अंतराल पर टेस्ट टीम में वापसी की और उन्होंने दिखाया कि अनुभव के दम पर वे आज भी विपक्षी बल्लेबाज़ों को चकमा दे सकते हैं।
बांग्लादेश की पहली पारी में उन्होंने पिच पर जमे हुए दो बल्लेबाज़ों को तब आउट किया, जब टीम इंडिया को कामयाबी की जरूरत थी। वैसे उन्हें कुल तीन विकेट मिले। वहीं अश्विन एक बार फिर भारत के सबसे कायमाब गेंदबाज़ साबित हुए। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10वीं बार एक ही पारी में 5 विकेट झटकने का कारनामा दिखाया।
इस टेस्ट के ड्रॉ रहने का सबसे बड़ा नुकसान तो यही हुआ है कि टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में एक पायदान फिसल कर अब नंबर चार की टीम बन गई है। टेस्ट कप्तान विराट कोहली जिस आक्रामकता की बात कर रहे थे, वह भी इस टेस्ट में टीम नहीं दिखा पाई। इसके बावजूद इस टेस्ट में टीम इंडिया के लिए तीन बातें पॉजिटव रहीं और वह तीन बातें हैं-
सलामी जोड़ी का दम : 283 रन की साझेदारी फतुल्लाह टेस्ट में टीम इंडिया की सबसे बड़ी उपलब्धि सलामी बल्लेबाज़ों का जोरदार प्रदर्शन रहा। शिखर धवन और मुरली विजय ने फतुल्लाह टेस्ट की पहली पारी में 283 रन जोड़े। शिखर धवन ने 173 रन बनाए तो दूसरी ओर मुरली विजय ने 150 रन ठोके। यह टेस्ट क्रिकेट में दूसरा मौका था जब धवन और विजय ने एक ही टेस्ट पारी में 150-150 रन से ज्यादा बनाए हैं।
भारत की ओर से दो बार इस मुकाम तक पहुंचने वाली ये पहली सलामी जोड़ी है। इस लिहाज से देखें तो शिखर धवन और मुरली विजय के रुप में भारत के पास दमदार सलामी जोड़ी है। हालांकि लोकेश राहुल के रूप में टीम के पास एक विकल्प भी मौजूद है, जिसे धवन और मुरली विजय के साथ अलग अलग आजमाया जा सकता है।
रहाणे का भरोसा : फतुल्लाह टेस्ट की इकलौती भारतीय पारी में अजिंक्य रहाणे ने 98 रनों की पारी खेली। रहाणे ने 103 गेंद पर 98 रन ठोके, यानी टेस्ट में भी उन्होंने वनडे के अंदाज में रन बनाए। अगर वे शतक बना लेते तो भारतीय उपमहाद्वीप में ये उनका पहला शतक होता, लेकिन शाकिब अल हसन की स्पिन के सामने वे चकमा खा गए।
हालांकि उन्होंने मिडिल ऑर्डर में खुद पर किए गए भरोसा को सही साबित कर दिखाया। रहाणे अब तक विदेशी मैदानों पर तीन टेस्ट शतक बना चुके हैं। लोगों को अब इंतज़ार है भारतीय सरजमीं पर रहाणे के टेस्ट शतक का...
हरभजन की वापसी, अश्विन का कमाल : फतुल्लाह में भारतीय गेंदबाज़ों को ज्यादा गेंदबाज़ी का मौका नहीं मिला। हरभजन सिंह ने फतुल्लाह में दो साल के अंतराल पर टेस्ट टीम में वापसी की और उन्होंने दिखाया कि अनुभव के दम पर वे आज भी विपक्षी बल्लेबाज़ों को चकमा दे सकते हैं।
बांग्लादेश की पहली पारी में उन्होंने पिच पर जमे हुए दो बल्लेबाज़ों को तब आउट किया, जब टीम इंडिया को कामयाबी की जरूरत थी। वैसे उन्हें कुल तीन विकेट मिले। वहीं अश्विन एक बार फिर भारत के सबसे कायमाब गेंदबाज़ साबित हुए। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10वीं बार एक ही पारी में 5 विकेट झटकने का कारनामा दिखाया।
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