जब वेस्टइंडीज बोर्ड ने सीनियर खिलाड़ियों को किया टीम से बाहर, जानिए फिर क्या हुआ

जब वेस्टइंडीज बोर्ड ने सीनियर खिलाड़ियों को किया टीम से बाहर, जानिए फिर क्या हुआ

डैरेन सामी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

एक समय ऐसा था जब वेस्टइंडीज टीम दुनिया की सबसे खतरनाक टीम मानी जाती थी। वेस्टइंडीज की गेंदबाज़ी के सामने बड़े-बड़े बल्लेबाज़ों का पसीने छूट जाता था। कॉर्टनी वाल्श, कर्टली एम्ब्रोज़, इयन बिशप जैसे गेंदबाज़ों को देखते ही बल्लेबाज़ों का बल्ला थम जाता था।

एक बार कमेंट्री के दौरान नवजोत सिंह सिद्दू ने वेस्टइंडीज के गेंदबाज़ों की जिक्र करते हुए बोला था कि वेस्टइंडीज के गेंदबाज़ इतने लम्बे होते थे कि ऐसा लगता था बल्लेबाज उनकी हथेली नहीं बल्कि आसमान की तरफ देख रहे होते हैं। सिर्फ गेंदबाज़ी में नहीं, बल्लेबाजी में भी वेस्टइंडीज टीम सबसे आगे थी। इस टीम में कई ऐसे शानदार बल्लेबाज हुआ करते थे जो अपने अकेले दम पर वेस्टइंडीज को जिताने में हीरो साबित होते थे। इन शानदार खिलाड़ियों की वजह से वेस्टइंडीज टीम को लगातार दो बार, 1975 ओर 1979 में, वर्ल्ड कप जीतने का गौरव भी हासिल हुआ था। टीम तीसरी बार यानी 1983 में फाइनल में भी पहुंची थी लेकिन भारत से हार गई थी।

बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच तनातनी  
70 और 80 के दशक में क्रिकेट पर राज करने वाली वेस्टइंडीज टीम आज दुनिया की सबसे ख़राब टीम मानी जा रही है। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड और सीनियर खिलाड़ियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। टी 20 वर्ल्ड कप के दौरान भी ऐसा तनाव देखने को मिला था। टी 20 वर्ल्ड कप के कप्तान डैरेन सैमी के साथ-साथ कई सीनियर खिलाडी बोर्ड की आलोचना करते हुए नज़र आए थे।  कई खिलाड़ियों ने यह भी आरोप लगाया था कि बोर्ड की वजह से वेस्टइंडीज क्रिकेट ख़त्म हो रहा है। बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच यह तनातनी कई दिनों से चल रही है और इसके पीछे जो वजह है, वह है खिलाड़ियों के वेतन में कटौती। टी-20 वर्ल्ड कप से पहले यह मसला इतना गंभीर हो गया था कि खिलाड़ी वर्ल्ड कप में भाग नहीं लेना चाहते थे।

ट्राई सीरीज से बोर्ड ने सीनियर खिलाड़ियों को किया बाहर
वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच चल रही ट्राई-सीरीज़ में वेस्टइंडीज के सीनियर खिलाड़ियों को मौका नहीं मिला है। क्रिस गेल, डैरेन सैमी, एंड्रू रसल, ड्वेन ब्रावो जैसे सीनियर खिलाड़ियों को बाहर बैठा दिया गया है जिसको लेकर बोर्ड को आलोचना झेलनी पड़ रही है। कई पूर्व खिलाड़ी और एक्सपर्ट बोर्ड के इस रवैया से खुश नहीं है और उनका कहना है कि बोर्ड इन खिलाड़ियों से बदला ले रहा है। लेकिन वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि जिन सीनियर खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट नहीं खेला है उन्हें मौका नहीं मिला है। दरअसल बात यह है कि कुछ सीनियर खिलाड़ी वेस्टइंडीज के सुपर 50 घरेलू टूर्नामेंट को छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में होने वाले बिगबैश लीग में खेलने के लिए चले गए थे जिसको लेकर बोर्ड नाराज़ था।  

सीनियर खिलाड़ियों ने उठाया कुछ साथी खिलाड़ियों के चयन पर सवाल
टीम में न चुने जाने के बाद इन सीनियर खिलाड़ियों ने बोर्ड के ऊपर हमला बोल दिया है। ट्विटर के जरिए इन खिलाड़ियों ने बोर्ड की आलोचना के साथ-साथ कुछ साथी खिलाड़ियों के चयन को लेकर भी सवाल उठाया है। इन सीनियर खिलाड़ियों ने कीरोन पोलार्ड और सुनील नारायण के चयन को ले कर सवाल उठाया है। डैरेन सैमी ने अपने ट्विटर अकाउंट में पोलार्ड को टैग करते हुए लिखा है कि 'भाई खुशी हो रही है कि टीम में आपकी वापसी हुई है लेकिन बताइए चयन के लिए आप कैसे योग्य हैं, क्योंकि आपने तो सुपर 50 और एकदिवसीय मैच 2014 से नहीं खेले हैं।' क्रिस गेल ने भी इन दोनों खिलाड़ियों के चयन के ऊपर सवाल उठाते हुए लिखा कि 'पोलार्ड और नारायण के ट्राइसीरीज के लिए चयन हो गया, यह कैसे संभव है, अगर पोलार्ड फिट होते तो वह हमारी तरह बिगबैश खेले होते, नारायण को बोर्ड ने सुपर 50 खेलने से रोका फिर टीम में चयन कर लिया।'

ट्राइसीरीज में वेस्टइंडीज का ख़राब प्रदर्शन
वेस्टइंडीज अपने घरेलू मैदान पर ट्राई सीरीज खेल रहा है लेकिन अभी तक कोई खास प्रदर्शन कर नहीं पाया है। अपने पहले मैच में वेस्टइंडीज ने साउथ अफ्रीका को चार विकेट से हरा तो दिया था लेकिन दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया से बुरी तरह हार गया था। इस मैच में पूरी वेस्टइंडीज टीम ने सिर्फ 116 रन बनाए थे और ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को बोनस पॉइंट के साथ जीता था। इस मैच में वेस्टइंडीज टीम के सीनियर खिलाड़ियों की कमी खल रही थी। वेस्टइंडीज की तरफ से कोई भी बल्लेबाज 22 रन से ज्यादा रन नहीं बना पाया था और छह बल्लेबाज दस रन तक पहुंचने से पहले आउट हो गए थे। अगर अंक तालिका की बात किया जाए तो वेस्टइंडीज सबसे नीचे है।  


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