
- भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा टेस्ट नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में शुक्रवार से शुरू होगा
- वेस्टइंडीज ने पहले टेस्ट में एक पारी और सौ चालीस रन से हारकर सीरीज़ में पिछड़ने के बाद वापसी की कोशिश की
- कप्तान रोस्टन चेज़ ने कहा कि टीम में आत्मविश्वास है, बस बल्लेबाजों को अच्छी शुरुआत करनी होगी
Roston Chase on IND vs WI 2nd Test: भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा टेस्ट मैच शुक्रवार से नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में शुरू होगा. सीरीज़ में पिछड़ चुकी वेस्टइंडीज़ टीम अहमदाबाद में एक पारी और 140 रनों की करारी हार के बाद अब वापसी की कोशिश में है. उस मुकाबले में मेहमान टीम दोनों पारियों में 200 रन का आंकड़ा पार नहीं कर सकी और कुल मिलाकर सिर्फ़ 89.2 ओवर ही टिक पाई थी.
ब्रायन लारा की नाराजगी से टीम पर बढ़ा दबाव
अहमदाबाद टेस्ट के बाद दिग्गज बल्लेबाज़ ब्रायन लारा ने टीम की मानसिकता और प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि मौजूदा खिलाड़ी वेस्टइंडीज़ क्रिकेट की पुरानी विरासत को नहीं समझते और टीम के मौजूदा हालात देखकर उन्हें दुख होता है. वहीं, आर्थिक संकट और खिलाड़ियों का फ्रैंचाइज़ी लीगों की ओर रुझान भी टीम के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है.
कप्तान रोस्टन चेज़ बोले “आत्मविश्वास है, बस शुरुआत चाहिए”
वेस्टइंडीज़ कप्तान रोस्टन चेज़ का मानना है कि टीम में आत्मविश्वास की कमी नहीं है, लेकिन बल्लेबाज़ों को पारी की अच्छी शुरुआत करनी होगी. “मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ियों में आत्मविश्वास की कमी है. बस शुरुआत करनी है और उसे आगे बढ़ाना है. एक बार जब कोई खिलाड़ी बड़ा स्कोर बना लेता है, तो बाकी के लिए भी चीज़ें आसान हो जाती हैं,”
रोस्टन चेज़, प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि टीम को भारतीय गेंदबाज़ों के दबाव से बाहर निकलकर आक्रामक खेल दिखाने की ज़रूरत है.
लारा, विव और रिचर्डसन से मिली प्रेरणा
चेज़ ने बताया कि उन्होंने हाल ही में ब्रायन लारा, सर विवियन रिचर्ड्स और सर रिची रिचर्डसन से मुलाकात की थी. इन दिग्गजों ने टीम को सकारात्मक मानसिकता के साथ खेलने और स्थिति को बदलने की सलाह दी. “उन्होंने मुझसे कहा कि हमें मानना होगा कि हम नीचे हैं, लेकिन बदलाव यहीं से शुरू हो सकता है. बस हर खिलाड़ी को अपने विश्वास और दृष्टिकोण में बदलाव लाने की ज़रूरत है,” कप्तान चेज़
बल्लेबाज़ों की नाकामी पर कप्तान चेज ने कहा
जब उनसे पूछा गया कि युवा बल्लेबाज़ लंबे समय तक क्रीज़ पर क्यों नहीं टिक पा रहे, तो चेज़ ने कहा कि यह आत्मविश्वास और अनुभव की कमी का नतीजा है. “जब आप शुरुआत करते हैं, तो विपक्षी आपको नहीं जानता, लेकिन जैसे-जैसे आप खेलते हैं, आपकी कमज़ोरियां सामने आती हैं. ज़रूरी है कि खिलाड़ी उन कमज़ोरियों पर जल्दी काम करें और लगातार लंबे समय तक टिकने की आदत डालें.” उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में केवल टिकने के लिए नहीं, बल्कि सकारात्मक मानसिकता के साथ रन बनाने के लिए उतरना चाहिए.
2016 में भारत के खिलाफ खेली थी यादगार पारी
रोस्टन चेज़ 2016 में भारतीय फैंस के बीच मशहूर हुए थे, जब उन्होंने जमैका टेस्ट में नाबाद 137 रन की पारी खेलकर वेस्टइंडीज़ को हार से बचाया था. कप्तान का कहना है कि वे अब भी उसी आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाज़ी करना चाहते हैं और अहमदाबाद में अपनी गलती से सबक लिया है. “पहले टेस्ट में मुझे एक अच्छी गेंद मिली, लेकिन उसे बेहतर खेल सकता था. पाकिस्तान सीरीज़ और सीपीएल में मेरा फॉर्म अच्छा रहा है, इसलिए मैं अब भी अपने खेल को लेकर सकारात्मक हूं.”
लाल गेंद ही असली परीक्षा है
जब उनसे पूछा गया कि क्या टी20 लीगों के कारण खिलाड़ियों में राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की इच्छा कम हुई है, तो चेज़ ने साफ़ कहा, “लाल गेंद क्रिकेट की नींव है. अगर आप टेस्ट क्रिकेट खेल सकते हैं, तो किसी भी प्रारूप में खेल सकते हैं. लेकिन इसका उल्टा आसान नहीं. सभी महान खिलाड़ी लाल गेंद से ही बने हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट के अवसर छोड़कर वेस्टइंडीज़ टीम के लिए खेलने का फैसला लिया है. मेरे लिए वेस्टइंडीज़ का प्रतिनिधित्व करना ही सबसे बड़ा सम्मान है. मैं हमेशा अपने देश के लिए खेलने और टीम को सफलता दिलाने के लिए पूरी कोशिश करूंगा.”