यह ख़बर 10 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

भारत को हराने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे : कुक

खास बातें

  • भारत पर टेस्ट शृंखला में जीत दर्ज करने के बावजूद इंग्लैंड के कप्तान एलेस्टेयर कुक मेजबान टीम के पलटवार से चिंतित हैं और उनका मानना है कि उनकी ‘अंडरडाग’ टीम के खिलाड़ियों को वनडे शृंखला जीतने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
राजकोट:

भारत पर टेस्ट शृंखला में जीत दर्ज करने के बावजूद इंग्लैंड के कप्तान एलेस्टेयर कुक मेजबान टीम के पलटवार से चिंतित हैं और उनका मानना है कि उनकी ‘अंडरडाग’ टीम के खिलाड़ियों को वनडे शृंखला जीतने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।

कुक ने नवनिर्मित सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम पर शुक्रवार को होने वाले पहले मैच से पूर्व कहा, ‘‘हम शृंखला में अंडरडाग हैं लेकिन हमारे पास कई विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं। शृंखला जीतने के लिए सभी को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।’’ भारत में 28 बरस बाद टीम को टेस्ट शृंखला में जीत दिलाने वाले कप्तान ने कहा कि प्रमुख खिलाड़ियों की चोट के कारण टीम में अनुभव की कमी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास अनुभवहीन टीम है। कई अनुभवी खिलाड़ी चोट और रोटेशन प्रणाली के कारण बाहर है लिहाजा इन खिलाड़ियों के लिये यह बड़ी चुनौती होगी।’’ भारत-ए और दिल्ली के खिलाफ दोनों अभ्यास मैच में मिली हार के बारे में कुक ने कहा कि वह हार के साथ शुरुआत नहीं चाहते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छी शुरुआत नहीं है। मैं पहला और दूसरा मैच नहीं खेल सका लेकिन हमने पिछले मैच में बेहतर प्रदर्शन किया। हमें और मेहनत करनी होगी।’’ इंग्लैंड ने आखिरी बार 1984-85 में भारत में वनडे शृंखला जीती थी।

कुक ने कहा कि भारतीय विकेटों पर गलती की गुंजाइश बहुत कम है। उन्होंने कहा, ‘‘इन पिचों पर गलती की गुंजाइश कम रहती है। पिछली बार और दो अभ्यास मैचों में हमें यहां इसका अहसास हो गया। यहां लाइन और लैंग्थ से भटकने पर भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।’’

उन्होंने कहा कि शुरुआती विकेट लेना काफी अहम होता है जिससे विरोधी पर दबाव बनता है। वन-डे क्रिकेट के नए नियमों के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय हालात में इन नियमों का उतना असर नहीं होगा जितना इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया में होता है।

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उन्होंने कहा, ‘‘यहां पर नियमों का उतना असर नहीं रहेगा जितना ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड की उछालभरी पिचों पर होता है। मैंने दिल्ली के खिलाफ कप्तानी की और पूरे समय सर्कल के भीतर पांच खिलाड़ियों का रहना कुछ अलग था।’’