मौके का फायदा उठाकर अपना प्रभाव छोड़ना चाहते हैं उस्मान ख्वाजा

मौके का फायदा उठाकर अपना प्रभाव छोड़ना चाहते हैं उस्मान ख्वाजा

उस्मान ख्वाजा (फाइल फोटो)

ब्रिस्बेन:

डेविड वार्नर के पितृत्व अवकाश पर जाने से उस्मान ख्वाजा के लिए लगभग तीन साल बाद वन-डे के दरवाजे खुले हैं और टेस्ट मैचों के इस नियमित बल्लेबाज ने कहा कि यदि भारत के खिलाफ उन्हें दूसरे एकदिवसीय मैच में मौका मिलता है, तो इसका फायदा उठाकर अपना प्रभाव छोड़ना चाहते हैं। ख्वाजा ने अपने करियर में केवल तीन वन-डे खेले हैं।

फरवरी 2013 में खेला था आखिरी वन-डे
उन्होंने आखिरी वनडे फरवरी 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। यह 29 वर्षीय बल्लेबाज हालांकि 2011 में पदार्पण के बाद टेस्ट मैच खेलता रहा है। वार्नर दूसरी बार पिता बने हैं और इसके लिए उन्होंने अवकाश लिया है, जिसके कारण ख्वाजा को टीम में जगह मिली है और उन्होंने कहा कि वह इससे खुश हैं।

टीम में चुने जाने से ही खुश हैं ख्वाजा
ख्वाजा ने पत्रकारों से कहा कि मैं वनडे टीम में चुने जाने से ही खुश हूं। मुझे पक्का विश्वास नहीं है कि मुझे अंतिम एकादश में चुना जाएगा या नहीं, लेकिन टीम में चुने जाने से हमेशा अच्छा लगता है, क्योंकि यह अच्छे काम के इनाम जैसा होता है। मुझे नहीं बताया गया है कि मैं खेलूंगा या नहीं। मैं केवल अपनी समझ का इस्तेमाल कर रहा हूं कि डेविड नहीं खेल रहा है तो फिर मुझे मौका मिल सकता है।  

ख्वाजा से पूछा गया कि टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद सीमित ओवरों की क्रिकेट से नजरअंदाज किए जाने पर क्या उन्हें निराशा हुई। उन्होंने कहा कि मैं शुरुआती टीम में नहीं चुने जाने से निराश था, लेकिन अपने करियर में मुझे कई बार बाहर किया गया और कई बार मैंने वापसी की और इसलिए मैं जानता था कि चिंता करने से कोई मदद नहीं मिलेगी।

उन्होंने कहा कि मैं निराश था, लेकिन आगे बढ़ चुका था। आस्ट्रेलिया की तरफ से खेलने का कोई भी मौका शानदार होता है। मैं आस्ट्रेलिया के लिए सभी प्रारूपों में खेलना चाहता हूं। टेस्ट मैचों में प्रदर्शन से मैं वास्तव में खुश हूं। आगे काफी वन-डे मैच होने हैं और मैं उनका हिस्सा बनना चाहता हूं।  

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