यह ख़बर 26 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

उन्मुक्त को तीन दिन पहले ही जीत का एहसास हो गया था

खास बातें

  • "मैं महसूस कर सकता हूं कि कप मेरे हाथों में है।" ऑस्ट्रेलिया के टाउंसविले में अंडर-19 विश्वकप में भारत की तीसरी खिताबी जीत से 72 घंटे पहले भारतीय कप्तान उन्मुक्त चंद ने यह ब्लैकबेरी मैसेंजर स्टेटस लिखा था।
नई दिल्ली:

"मैं महसूस कर सकता हूं कि कप मेरे हाथों में है।" ऑस्ट्रेलिया के टाउंसविले में अंडर-19 विश्वकप में भारत की तीसरी खिताबी जीत से 72 घंटे पहले भारतीय कप्तान उन्मुक्त चंद ने यह ब्लैकबेरी मैसेंजर स्टेटस लिखा था।

उन्मुक्त ने नाबाद 111 रन बनाए, जिससे भारत पिछले चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के 226 रन के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा। यह भारत का तीसरा खिताब है। उन्मुक्त ने अपनी करिश्माई पारी से भारत को जीत दिलाई, लेकिन उन्हें काफी पहले ही एहसास हो गया था कि भारत ट्रॉफी जीतने में सफल रहेगा।

उन्मुक्त के पिता भरत चंद ठाकुर ने पत्रकारों से कहा, "आईसीसी अंडर-19 विश्वकप के अलावा कुछ मायने नहीं रखता और मैं महसूस कर सकता हूं कि कप मेरे हाथ में है..." पिछले तीन दिन से यह उसका ब्लैकबेरी मैसेंजर स्टेटस है। ठाकुर से जब पूछा गया कि वह अपने बेटे और अन्य अंडर-19 खिलाड़ियों का भविष्य कैसे देखते हैं, उन्होंने कहा, उनका कौशल आगे भी निखारना चाहिए और इस जीत में मदहोश होने से बचाना चाहिए।

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उन्मुक्त के बारे में ठाकुर ने कहा कि यह युवा बल्लेबाज ईश्वर में बहुत आस्था रखता है और इससे उनके खेल में भी मदद मिली। उन्होंने कहा, उसका ईश्वर में और अपने साथियों पर बहुत भरोसा है और इससे मदद मिली।