I know the impact a coach can have on the team, but real credit goes to the players. They are the ones who stand up in such pressure games, they are the ones who stood up & showed maturity. They are the ones who made sacrifices. Credit is entirely their's: Rahul Dravid #U19WC pic.twitter.com/nREXziBySy
— ANI (@ANI) February 5, 2018
पिछले 15-16 महीने से चल रही थी तैयारी
द्रविड़ बोले कि पिछले 15-16 महीनों के दौरान हमने और पूरी टीम ने एक प्रक्रिया का तहे दिल और जी-जान के साथ पालन किया. हमारी योजना और खिलाड़ियों को विकसित करने की तैयारी के लिए हमने अच्छी प्रक्रिया इजाद की है. और इसका पालन भी किया. हमें इस प्रक्रिया को लगातार तराशते रहने और विकसित करने की जरुरत है.
ये खिलाड़ी मेरे दौर से बेहतर
भारतीय कोच बोले कि जब मैं भारतीय अंडर-19 टीम के लिए खेला था, तो उसके मुकाबले आज की टीम के लड़कों को मैदान और मैदान के बाहर बहुत ज्यादा संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि आज की टीम के सदस्य कहीं ज्यादा आत्मविश्वास से भरपूर हैं और वैश्विक लिहाज से सोचते हैं. यह उनके प्रदर्शन में साफ झलकता है.
द्रविड़ का यह बहुत बड़ा सवाल कुछ कहता हैI would like to take a moment to thank all of you for your continuous support towards team INDIA and the infinite love and blessings that you sent across. I really feel honored to have captained a miraculous team like this which is more of a family to me and without them this-1/2 pic.twitter.com/FAHEaVrA69
— Prithvi Shaw (@Shaw_Prithvi) February 5, 2018
भारतीय जूनियर टीम के कोच ने कहा कि इतना शानदार प्रसारण, भीड़ के सामने खेलना और मीडिया का सामना करना उन्हें भविष्य के लिए मजबूत बनाएगा. लेकिन उनकी असली चुनौती अब शुरू होगी. और मैंने इस बारे में लड़कों से बात की है. राहुल बोले कि साल 2012 में विश्व कप जीतने वाली टीम का केवल एक सदस्य ने भारत के लिए कुछ मैच खेले, जबकि फाइनल हारने वाली ऑस्ट्रेलिया टीम के पांच सदस्य देश के लिए खेले और ज्यादा प्रथण श्रेणी क्रिकेट खेले. ऐसे में सवाल यह है कि किस टीम ने विश्व कप जीता. ऐसे में इस टीम के लड़कों को सीनियर टीम तक पहुंचने के लिए लगातार अच्छा करना बहुत ही जरूरी है.
यह भी पढ़ें : ...इसीलिए भारतीय जूनियर कप्तान पृथ्वी शॉ पहनते हैं 100 नंबर की जर्सी
इसलिए 'ऐसे खिलाड़ियों' को नहीं चुना
राहुल द्रविड़ ने खुलासा करते हुए बताया कि हम चाहते, तो सीनियर टीम के लिए करियर की शुरुआत कर चुके वॉशिंगटन सुंदर को टीम में चुन सकते थे, लेकिन ऐसे खिलाड़ियों को न चुनना एक सोच-विचार कर लिया गया निर्णय था. हम चाहते थे कि ऐसे खिलाड़ी शीर्ष की क्रिकेट खेलें और वहां मुकाबला करें. हमने एक शुरुआत की है. यह मेरा निजी विचार है. इस नीति पर आगे कोई फैसला बीसीसीआई ही लेगा.
पाकिस्तानी ड्रेसिंग रूम में नहीं गयाWorld cup winning Indian U-19 Cricket team with Coach Rahul Dravid and other coaching staff in Mumbai. pic.twitter.com/2vHShYzMmj
— ANI (@ANI) February 5, 2018
इस सवाल पर राहुल द्रविड़ ने कहा कि मैं पाकिस्तान के ड्रेसिंग रूम में उन्हें सांत्वना या बधाई देने नहीं गया. मैंने पाकिस्तानी बयंहत्था तेज गेंदबाज से मुलाकात की, जिसने मुझे प्रभावित किया. मेरा मानना है कि बतौर कोच अपने इर्द-गिर्द किसी प्रतिभा को देखना आपको खुशी देता है. पाकिस्तानी कोचों ने भी हमारे लड़कों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि जिस स्तर पर भारतीय जूनियर खिलाड़ी खेल रहे हैं, वह प्रत्येक शख्स के लिए एक मानदंड है.
VIDEO : अंडर-19 विश्व कप खिताबी जीत के बाद जश्न का अंदाज देखिए.
कुल मिलाकर राहुल द्रविड़ ने कई अहम बातें की. और अंडर-19 टीम से जुड़े कई राजभरी बातों को सार्वजनिक किया. महत्वपूर्ण सलाह भी द्रविड़ ने बतौर कोच दी. कहा जा सकता है कि अगर राहुल द्रविड़ साथ हैं, तो भारतीय क्रिकेट को कोई चिंता करने की बात नहीं है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं