राहुल द्रविड़ और पृथ्वी शॉ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान
नई दिल्ली:
दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमी यह अच्छी तरह जानते हैं कि जीत के लिए और सामने वाली टीम को हर तरह से मात देने के लिए सीनियर ऑस्ट्रेलियाई टीम न जाने क्या-क्या तिकड़म करती है और कैसी-कैसी हरकतों को अंजाम देती है. सौरव गांगुली दौर के समय भी करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों ने यह देखा. और हाल ही में न्यूजीलैंड में खत्म हुए अंडर-19 विश्व कप में भी कंगारू जूनियरों ने भी अपने वरिष्ठों के पदचिन्हों पर चलते हुए भारतीय टीम को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. ऑस्ट्रेलियाई जूनियर खिलाड़ियों ने भारतीय टीम को परेशान करने का एक अलग भी फॉर्मूला निकाला, लेकिन भारतीय कोच राहुल द्रविड़, कप्तान पृथ्वी शॉह, शुबमन गिल सहित पूरी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की भाषा में जवाब दिया.
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राहुल द्रविड़ से मंजूरी मिलने के बाद पूरी भारतीय टीम ने इस फॉर्मूले पर खिताब जीतने तक लगातार और पूरी शिद्दत से काम किया. इस दौरान भारतीय जूनियरों ने पाकिस्तान को भी नहीं बख्शा, क्योंकि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भी ऑस्ट्रेलियाइयों जैसी हरकत करनी शुरू कर दी. और पृथ्वी शॉ एंड कंपनी ने इस फॉर्मूले से बांग्लादेश को भी नहीं बख्सा क्योंकि इस टीम के खिलाड़ियों ने पूर्व में कुछ ऐसा किया था. विश्व कप से दो महीने पहले ही एशिया कप में भारत को हराने के बाद बांग्लादेशी खिलाड़ी खुद को सातवें आसमान पर महसूस कर रहे थे.
VIDEO : जानिए कि भारत लौटने के बाद क्या कहा जूनियर कप्तान पृथ्वी शॉ ने.
दरअसल भारतीय खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की जोर-जोर की हंसी का जवाब ठीक इसी अंदाज में दिया. पूरी भारतीय टीम ने फाइनल तक अपने कमरे में करीब 15 मिनट तक इसी लाउड लॉफ्टर के जरिए कंगारुओं और पाकिस्तानियों को करारा जवाब दिया. भारतीय खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि उन्हें विरोधियों को मैदान पर ही नहीं, बल्कि इसके बाहर भी करारा जवाब देना बहुत ही अच्छी तरह से आता है.
बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई और भारत सहित कई टीमें एक ही जगह ठहरी हुई थीं. और ऑस्ट्रेलिया और भारतीय टीम का कमरा अगल-बगल था. और शरारत की शुरुआत सेमीफाइल मैच से कुछ दिन पहले शुरू हो गई. वास्तव में यह सब क्राइस्टचर्च में हेगली ओवर में दोनों टीमों के प्रैक्टिस सेशन खत्म होने के बाद शुरू हुआ. तब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने भारतीय टीम को परेशान करने का अलग ही फॉर्मूला निकाला. इस फॉर्मूले के तहत ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी रोज अपने कमरे में करीब 15 मिनट तक तेज-तेज आवाज में हंसते. कंगारू जूनियरों का मकसद भारत की रोजमर्रा की होने वाली मीटिंग में व्यावधान डालना था. मामला जब सिर के ऊपर से चला गया, तो क्रिकेट रणनीति के मास्टर राहुल द्रविड़ यहां भी पलटवार करने का फॉर्मूला खोज निकाला.No regrets - says the Wall on being asked whether he still thinks about not winning a World Cup as a player. pic.twitter.com/v1UUjXDWY7
— BCCI (@BCCI) February 5, 2018
They are sharp on the field and look equally sharp off the field. A final group picture before the official dinner hosted by BCCI for the World Champions. #BoysInBlue pic.twitter.com/b6RICIgs6X
— BCCI (@BCCI) February 5, 2018
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राहुल द्रविड़ से मंजूरी मिलने के बाद पूरी भारतीय टीम ने इस फॉर्मूले पर खिताब जीतने तक लगातार और पूरी शिद्दत से काम किया. इस दौरान भारतीय जूनियरों ने पाकिस्तान को भी नहीं बख्शा, क्योंकि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भी ऑस्ट्रेलियाइयों जैसी हरकत करनी शुरू कर दी. और पृथ्वी शॉ एंड कंपनी ने इस फॉर्मूले से बांग्लादेश को भी नहीं बख्सा क्योंकि इस टीम के खिलाड़ियों ने पूर्व में कुछ ऐसा किया था. विश्व कप से दो महीने पहले ही एशिया कप में भारत को हराने के बाद बांग्लादेशी खिलाड़ी खुद को सातवें आसमान पर महसूस कर रहे थे.
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दरअसल भारतीय खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की जोर-जोर की हंसी का जवाब ठीक इसी अंदाज में दिया. पूरी भारतीय टीम ने फाइनल तक अपने कमरे में करीब 15 मिनट तक इसी लाउड लॉफ्टर के जरिए कंगारुओं और पाकिस्तानियों को करारा जवाब दिया. भारतीय खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि उन्हें विरोधियों को मैदान पर ही नहीं, बल्कि इसके बाहर भी करारा जवाब देना बहुत ही अच्छी तरह से आता है.
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