यह ख़बर 26 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अंडर-19 विश्व कप : ऑस्ट्रेलिया को हरा भारत तीसरी बार बना चैम्पियन

खास बातें

  • भारतीय क्रिकेट टीम ने कप्तान उन्मुक्त चंद (नाबाद 111) और विकेटकीपर बल्लेबाज समित पटेल (नाबाद 62) की बेहतरीन पारी की बदौलत टॉनी आयरलैंड स्टेडियम में रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में मौजूदा चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराकर आईसीसी अंडर-19 विश्व क
टाउंसविले:

भारतीय क्रिकेट टीम ने कप्तान उन्मुक्त चंद (नाबाद 111) और विकेटकीपर बल्लेबाज समित पटेल (नाबाद 62) की बेहतरीन पारी की बदौलत टॉनी आयरलैंड स्टेडियम में रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में मौजूदा चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराकर आईसीसी अंडर-19 विश्व कप टूर्नामेंट जीत लिया।

ऑस्ट्रेलिया की ओर से रखे गए 226 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 47.4 ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर 227 रन बनाकर मैच जीत लिया। उन्मुक्त को उनकी शानदार पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया गया।

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान विलियम बोसिस्टो को 'मैन ऑफ द सीरीज' चुना गया।

भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और कुल योग में अभी दो रन ही जुड़े थे कि सलामी बल्लेबाज प्रशांत चोपड़ा खाता खोले बगैर पवेलियन लौट गए।

चोपड़ा के आउट होने के बाद उन्मुक्त ने बाबा अपराजित के साथ मिलकर पारी को सम्भालने की कोशिश और दोनों बल्लेबाजों ने सम्भलकर खेलते हुए दूसरे विकेट के लिए 73 रनों की साझेदारी की।

अपराजित को 33 रन के निजी योग पर गुरिंदर संधू ने एश्टन टर्नर के हाथों कैच कराया। अपराजित ने 38 गेंदों पर पांच चौके लगाए। इसके बाद हनुमा विहारी और विजय जोल कुछ खास नहीं कर सके और दोनों बल्लेबाज जल्दी-जल्दी आउट होकर पवेलियन लौट गए।

विहारी को चार रन के निजी योग पर टर्नर ने अपनी ही गेंद पर कैच आउट किया जबकि जोल को एक रन के निजी योग पर जोएल पेरिस ने जिमी पियर्सन के हाथों लपकवाया।

उन्मुक्त ने पटेल के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 130 रनों की अटूट साझेदारी की। उन्मुक्त ने अपनी बेहतरीन पारी के दौरान 130 गेंदों पर सात चौके और छह छक्के लगाए जबकि पटेल ने 84 गेंदों पर चार चौके लगाए।

ऑस्ट्रेलिया की ओर से पेरिस, मार्क स्टेकेटी, संधू और टर्नर ने एक-एक विकेट झटके। यह तीसरा मौका है जब भारत ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को अपने नाम किया है।

इससे पहले, भारत ने वर्ष 2002 में मोहम्मद कैफ की अगुवाई में पहली बार इस टूर्नामेंट को जीता था जबकि 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने इस पर कब्जा किया था।

इससे पहले, मेजबान टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 225 रन बनाए थे जिनमें कप्तान विलियम बोसिस्टो के नाबाद 87 रन शामिल थे।

भारत ने टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नही रही थी और उसके चार बल्लेबाज 38 रन के कुल योग पर पवेलियन लौट चुके थे जिनमें विकेट कीपर बल्लेबाज पियर्सन (शून्य), कैमरन बैनक्रॉफ्ट (2), कुर्टिस पैटरसन (16) और मेयरिक बुकानन (12) के विकेट शामिल थे।

इसके बाद ट्रेविस हेड ने 37 रन बनाए जबकि टर्नर 43 रन बनाकर आउट हुए। एलेक्स ग्रेगॉरी चार रन बनाकर पवेलियन लौटे जबकि पेरिस खाता खोले बगैर रन आउट हुए। संधू 10 रन पर नाबाद लौटे।

भारत की ओर से संदीप शर्मा ने सबसे अधिक चार विकेट झटके जबकि रविकांत सिंह और अपराजित के खाते में एक-एक विकेट गया।

जीत के बाद उन्मुक्त ने कहा, "मैं नहीं जानता कि इस समय क्या हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन हम उनसे आगे निकल गए। टाउंसविल हमारे लिए अद्भुत है। मैं सहयोगी स्टाफ का धन्यवाद करना चाहता हूं। यह बहुत भावनात्मक क्षण है।"

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दूसरी ओर, पटेल ने कहा, "कप्तान उन्मुक्त चंद के साथ बल्लेबाजी अद्भुत थी। वह मैच विजेता खिलाड़ी हैं। हम साझेदारी के दौरान अपनी रणनीति पर चर्चा करते रहे। मैं इसको लेकर आश्वस्त था कि यदि हम इसी तरह पारी को आगे बढ़ाने में सफल रहे तो हम बिना किसी कठिनाई के लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।"