
इंदौर:
पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा ने क्रिकेट में अम्पायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (यूडीआरएस) के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए शनिवार को कहा कि इस पद्धति से खेल के लिए मुश्किलें बढ़ने का खतरा है।
जडेजा ने यहां मशहूर लेखक सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी की किताब ‘क्रिकेट अम्पायर्स’ के विमोचन समारोह में कहा, ‘‘मेरी राय में क्रिकेट में यूडीआरएस कतई नहीं होना चाहिए। इसके इस्तेमाल से खेल के लिये मुश्किलें बढ़ती चली जाएंगी।’’
उन्होंने यूडीआरएस के खिलाफ दलील पेश करते हुए कहा, ‘‘उन चंद खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट के नियम-कायदों में बदलाव उचित नहीं है, जो टेलीविजन पर इसे खेलते नजर आते हैं। क्रिकेट उन करोड़ों लोगों का भी खेल है, जो कैमरों की निगाहों से दूर गली-मोहल्लों में भी इसे उतने ही जुनून से खेलते हैं।’’
क्रिकेट के मैदानी अम्पायरों से शक्तियां छीने जाने के सिलसिले पर चिंता जताते हुए पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘‘क्रिकेट में मैदानी अम्पायरों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। क्रिकेट में जैसे ही मैदानी अम्पायरों का महत्व घटना शुरू हुआ, वैसे ही खेल के लिए समस्याएं बढ़ती चली गईं।’’
चतुर्वेदी के 75वें जन्मदिन के मौके पर उनकी नई किताब के विमोचन समारोह में जड़ेजा के साथ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव संजय जगदाले भी मौजूद थे।
जगदाले ने नेशनल बुक ट्रस्ट की प्रकाशित किताब की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘क्रिकेट अम्पायरों की आत्मकथाएं प्रकाशित होती रही हैं। लेकिन मुझे याद नहीं पड़ता कि अम्पायरिंग जैसे विषय पर हिन्दी में किसी लेखक ने कभी कोई किताब लिखी हो। लिहाजा इस प्रयास के लिए चतुर्वेदी सराहना के पात्र हैं।’’
जडेजा ने यहां मशहूर लेखक सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी की किताब ‘क्रिकेट अम्पायर्स’ के विमोचन समारोह में कहा, ‘‘मेरी राय में क्रिकेट में यूडीआरएस कतई नहीं होना चाहिए। इसके इस्तेमाल से खेल के लिये मुश्किलें बढ़ती चली जाएंगी।’’
उन्होंने यूडीआरएस के खिलाफ दलील पेश करते हुए कहा, ‘‘उन चंद खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट के नियम-कायदों में बदलाव उचित नहीं है, जो टेलीविजन पर इसे खेलते नजर आते हैं। क्रिकेट उन करोड़ों लोगों का भी खेल है, जो कैमरों की निगाहों से दूर गली-मोहल्लों में भी इसे उतने ही जुनून से खेलते हैं।’’
क्रिकेट के मैदानी अम्पायरों से शक्तियां छीने जाने के सिलसिले पर चिंता जताते हुए पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘‘क्रिकेट में मैदानी अम्पायरों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। क्रिकेट में जैसे ही मैदानी अम्पायरों का महत्व घटना शुरू हुआ, वैसे ही खेल के लिए समस्याएं बढ़ती चली गईं।’’
चतुर्वेदी के 75वें जन्मदिन के मौके पर उनकी नई किताब के विमोचन समारोह में जड़ेजा के साथ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव संजय जगदाले भी मौजूद थे।
जगदाले ने नेशनल बुक ट्रस्ट की प्रकाशित किताब की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘क्रिकेट अम्पायरों की आत्मकथाएं प्रकाशित होती रही हैं। लेकिन मुझे याद नहीं पड़ता कि अम्पायरिंग जैसे विषय पर हिन्दी में किसी लेखक ने कभी कोई किताब लिखी हो। लिहाजा इस प्रयास के लिए चतुर्वेदी सराहना के पात्र हैं।’’
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