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This Article is From Mar 08, 2013

टीयूसीसी : शानदार मुकाबले में बैंगलोर ने मुंबई को 6 रन से हराया

नई दिल्ली: टूर्नामेंट की सबसे अच्छी टीम यानी जैन यूनिवर्सिटी का शुक्रवार को सबसे बड़ा इम्तिहान था, लेकिन बैंगलोर के खिलाड़ी इस इम्तिहान में पास हुए हैं और उन्होंने फ़ाइनल में जामिया से भिड़ने का इंतज़ाम कर लिया है। रविवार को दिल्ली में जामिया यूनिवर्सिटी के मैदान में जामिया और बैंगलोर यूनिवर्सिटी के बीच फाइनल मैच होगा।

आज के मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी बेंगलौर की टीम ने मुंबई के खिलाफ सधी हुई शुरुआत की। पहले चार ओवरों में बेंगलौर ने 21 रन जोड़े। शार्दुल ठाकुर ने मुंबई को पहली कामयाबी दिलाई।

टूर्नामेंट में स्टार साबित हुए कूनेन अब्बास ने आते ही बाउंड्री से शुरुआत की। अब्बास यहां एक बड़ी पारी खेलने के मूड में दिखे, लेकिन सागर घोड़ीवाले ने उन्हें क्लीन बोल्ड कर मुंबई को बड़ी कामयाबी दिलाई।

कप्तान पंकज जायसवाल ने बेंगलौर के समर्थ को सस्ते में पवेलियन भेजकर बेंगलौर की पारी पर अंकुश लगाए रखा।

इसके बाद सागर घोड़ीवाले ने विकेट पर टिके हुए गौरव गोयल को क्लीन बोल्ड कर बेंगलौर की पारी को बड़ा झटका दिया। बेंगलौर का स्कोर एक समय दो विकेट पर 90 रन था, लेकिन 121 रन तक पहुंचने में टीम के 6 विकेट गिर गए। नेहाल उल्लाल ने 20 गेंद पर 32 रन बनाकर बेंगलौर को 145 रन तक पहुंचा दिया।

मुंबई का लक्ष्य तो ज़्यादा बड़ा नहीं था लेकिन जैन यूनिवर्सिटी के गेंदबाज़ों ने इसे भी मुश्किल बना दिया। केविन डी अलमीडा और जयदीप परदेसी ने मुंबई को जोरदार शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 8 ओवर में 51 रन जोड़े।

अब्दुल मजीद ने नौवें ओवर में अलमीडा और परदेसी के विकेट झटककर बैंगलौर को मुकाबले में वापस ला दिया, लेकिन मुंबई के बल्लेबाज़ भी यहां हर हाल में जीत के इरादे से खेल रहे थे।

पंकज जायसवाल और शशांक सिंह की जोड़ी जब जम चुकी थी,
तब शुचित जगदीश ने जायसवाल का विकेट झटका। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज जगदीश के 17वें ओवर में एक के बाद एक करके मुंबई के तीन विकेट गिर गए।

आखिरी ओवरों में सागर घोड़ीवाले ने संघर्ष दिखाने की कोशिश जरूर की लेकिन टूर्नामेंट में पहला मैच खेल रहे शुचित जगदीश ने बेंगलौर को फ़ाइनल में पहुंचा दिया।

इस मैच में शुचित जगदीश ने कमाल की गेंदबाजी की। उन्होंने तीन ओवरों में एक मेडन फेंकते हुए 10 रन देकर 4 विकेट लिये। उनकी गेंदबाजी के कमाल के चलते ही बैंगलौर की टीम फ़ाइनल में पहुंच सकी।

जगदीश के अलावा तारीफ करनी होगी कूनेन अब्बास की जिनका बल्ला पूरे टूर्नामेंट में चलता रहा है और उन्होंने सेमीफ़ाइनल के अहम मुकाबले में भी 27 गेंदों पर 34 रन बनाए। अब्बास ने चार चौके और एक छक्के की मदद से ये रन बनाए।

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