महेंद्र सिंह धोनी का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारतीय पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पारी भले ही टीम इंडिया को श्रीलंका के खिलाफ पहला वनडे मुकाबला जिताने में नाकाम साबित हुई हो, लेकिन इसने एक बार फिर से साबित किया जब-जब टीम गहरे दलदल में फंसती है, तो इससे बाहर निकालने में धोनी का कोई जोड़ नहीं है. वैसे हम ऐसा सिर्फ इसी पारी के आधार पर नहीं कह रहे हैं. ऐसे कई मौके आए हैं, जब माही ने बहुत ही मुश्किल हालात में टीम की डूबती नांव की पतवार अपने हाथों में थामी और आए इस तूफान से टीम को बाहर निकाला. हम आपको इसके सबूत भी देंगे
अब यह तो आप जानते ही हैं कि धोनी ने अपने करियर में नंबर-5, 6 और 7 इन निचले क्रमों पर ज्यादा बल्लेबाज की है. माही के करियर में इन क्रमों या यदा-कदा चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सात बार ऐसे मौके आए, जब वह तब बल्लेबाजी करने उतरे, जब भारतीय टीम ने अपने शीर्ष तीन से लेकर पांच बल्लेबाज 30 रन से पहले गंवा दिए थे. चलिए अब इन सात मौकों पर माही का इन परिस्थितियों में स्कोर देखिए.
1. 95 (7/3)
2. 24 (23/3)
3. 14 (16/3)
4. 69 (25/4)
5. 113*(29/5)
6. 134 (25/3)
7. 65 (16)/4
ऊपर के आंकड़ों में बताया गया है कि जब-तब टीम इंडिया के 30 के स्कोर से पहले महेंद्र सिंह धोनी बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे, तो उन्होंने कितने स्कोर बनाए. इसमें एक नाबाद शतक भी शामिल है, जबकि इस मैच में भारत के पांच विकेट सिर्फ 29 रन पर ही गिर गए थे. कुल मिलाकर धोनी ऐसे 7 मैचों में संकटमोचक की भूमिका निभाते हुए 85.67 के औसत से 514 रन बनाए. इसमें उनके 2 शतक और 3 अर्धशतक शामिल रहे. वैसे अगर आपको इस बड़े सबूत के बावजूद भी कुछ शक हो रहा है, तो एक बड़ा सबूत हम और दिए देते हैं.
यह दूसरा सबूत रविवार को श्रीलंका के खिलाफ धर्मशाला में खेले गए पहले वनडे से ही जुड़ा है. इस मैच में भारत के 112 रनों में धोनी का योगदान 65 रन का रहा. धोनी की यह रन संख्या एक ऐसे मुकाबले में टीम के स्कोर का 58.03 % रहा, जिसमें सभी 11 बल्लेबाजों ने बल्लेबाजी की. प्रतिशत के मामले में इससे पिछला रिकॉर्ड वीरेंद्र सहवाग के नाम था. तब वीरेंद्र सहवाग ने साल 2003 में ऑकलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के स्कोर (200/9) में सहवाग ने बिना आउट हुए 112 रन बनाए थे. टीम के इस कुल स्कोर में सहवाग का योगदान फीसदी में 56 % था. लेकिन रविवार को धोनी ने इस पर भी पानी फेर दिया
VIDEO: देखिए कुछ दिन पहले कहां टिप्स दिए युवाओं को धोनी ने
ऊपर बताए गए दोनों सबूत ही यह बताने के लिए काफी हैं कि जब-जब टीम पर संकट आया है, या आता है, तो महेंद्र सिंह धोनी भारत के लिए कितने बड़े संकटमोचक साबित होते हैं. वास्तव में किसी और बल्लेबाज के लिए धोनी से बड़ा संकटमोचक बनना एवरेस्ट पर चढ़ने से कम नहीं हीं होगा !
#MSDhoni turned out to be the saviour yet again. #INDvSL pic.twitter.com/WlhKgGIwkt
— MS Dhoni MS Dhoni (@msdfanofficial) December 10, 2017
अब यह तो आप जानते ही हैं कि धोनी ने अपने करियर में नंबर-5, 6 और 7 इन निचले क्रमों पर ज्यादा बल्लेबाज की है. माही के करियर में इन क्रमों या यदा-कदा चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सात बार ऐसे मौके आए, जब वह तब बल्लेबाजी करने उतरे, जब भारतीय टीम ने अपने शीर्ष तीन से लेकर पांच बल्लेबाज 30 रन से पहले गंवा दिए थे. चलिए अब इन सात मौकों पर माही का इन परिस्थितियों में स्कोर देखिए.
MS Dhoni batting at No.5, No.6 & No.7 position with Team India's total less than 30 in ODIs!
— MS Dhoni MS Dhoni (@msdfanofficial) December 10, 2017
95 (7/3)
24 (23/3)
14 (16/3)
69 (25/4)
113* (29/5)
134 (25/3)
65 (16/4)
Inings - 7
Runs - 514
100/50 - 2/3
Avg - 85.67#SaviourDhoni
1. 95 (7/3)
2. 24 (23/3)
3. 14 (16/3)
4. 69 (25/4)
5. 113*(29/5)
6. 134 (25/3)
7. 65 (16)/4
ऊपर के आंकड़ों में बताया गया है कि जब-तब टीम इंडिया के 30 के स्कोर से पहले महेंद्र सिंह धोनी बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे, तो उन्होंने कितने स्कोर बनाए. इसमें एक नाबाद शतक भी शामिल है, जबकि इस मैच में भारत के पांच विकेट सिर्फ 29 रन पर ही गिर गए थे. कुल मिलाकर धोनी ऐसे 7 मैचों में संकटमोचक की भूमिका निभाते हुए 85.67 के औसत से 514 रन बनाए. इसमें उनके 2 शतक और 3 अर्धशतक शामिल रहे. वैसे अगर आपको इस बड़े सबूत के बावजूद भी कुछ शक हो रहा है, तो एक बड़ा सबूत हम और दिए देते हैं.
MS Dhoni made 58.03% of team runs today (65 out of 112) - highest contribution ever by an Indian batsman in an ODI where all 11 players batted.
— MS Dhoni MS Dhoni (@msdfanofficial) December 10, 2017
Previous best: 56% by Virender Sehwag (112 out of 200/9) vs NZ at Auckland in 2003.#INDvSL #SLvIND
यह दूसरा सबूत रविवार को श्रीलंका के खिलाफ धर्मशाला में खेले गए पहले वनडे से ही जुड़ा है. इस मैच में भारत के 112 रनों में धोनी का योगदान 65 रन का रहा. धोनी की यह रन संख्या एक ऐसे मुकाबले में टीम के स्कोर का 58.03 % रहा, जिसमें सभी 11 बल्लेबाजों ने बल्लेबाजी की. प्रतिशत के मामले में इससे पिछला रिकॉर्ड वीरेंद्र सहवाग के नाम था. तब वीरेंद्र सहवाग ने साल 2003 में ऑकलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के स्कोर (200/9) में सहवाग ने बिना आउट हुए 112 रन बनाए थे. टीम के इस कुल स्कोर में सहवाग का योगदान फीसदी में 56 % था. लेकिन रविवार को धोनी ने इस पर भी पानी फेर दिया
VIDEO: देखिए कुछ दिन पहले कहां टिप्स दिए युवाओं को धोनी ने
ऊपर बताए गए दोनों सबूत ही यह बताने के लिए काफी हैं कि जब-जब टीम पर संकट आया है, या आता है, तो महेंद्र सिंह धोनी भारत के लिए कितने बड़े संकटमोचक साबित होते हैं. वास्तव में किसी और बल्लेबाज के लिए धोनी से बड़ा संकटमोचक बनना एवरेस्ट पर चढ़ने से कम नहीं हीं होगा !
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