
- महिला चयन समिति को शेफाली वर्मा और रेणुका ठाकुर को टीम में शामिल करने पर सवालों का सामना करना होगा
- भारत 30 सितंबर से आठ टीमों के 50 ओवरों के विश्व कप की मेजबानी करेगा और पहली बार विश्व कप जीतने की कोशिश करेगा
- चयनकर्ताओं को शेफाली वर्मा को टीम में शामिल कर बल्लेबाजी क्रम को और आक्रामक बनाने पर विचार करना होगा
भारत की हालिया जीत ने आत्मविश्वास बढ़ाया है, लेकिन नीतू डेविड की अध्यक्षता वाली महिला चयन समिति को मंगलवार को यहां एकदिनी विश्व कप के लिए टीम चुनने के दौरान शेफाली वर्मा और तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर को शामिल करने को लेकर कुछ मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ेगा. पाकिस्तान के सभी मैच कोलंबो में खेले जाएंगे, जबकि भारत 30 सितंबर से आठ टीमों के 50 ओवर के विश्व कप के अन्य सभी मुकाबलों की मेजबानी करेगा और उसकी नजरें पहली बार वैश्विक ट्रॉफी जीतने पर टिकी होंगी. इंग्लैंड को दोनों सीमित ओवरों की श्रृंखलाओं में हराने और श्रीलंका तथा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अप्रैल में एकदिवसीय त्रिकोणीय श्रृंखला जीतने के बाद हरमनप्रीत कौर की टीम काफी आत्मविश्वास के साथ विश्व कप में उतरेगी. टूर्नामेंट से पहले भारत अपनी तैयारियों को दुरुस्त करने के लिए तीन एकदिनी मैच की श्रृंखला के लिए ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी करेगा.

क्या होगा शेफाली का ?
चयनकर्ताओं को यह तय करने में कुछ अतिरिक्त समय लग सकता है कि विस्फोटक बल्लेबाज शेफाली को उस स्थिर बल्लेबाजी क्रम में शामिल किया जाए या नहीं, जो ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ अपने कौशल को निखारने की कोशिश करेगा. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दौरान टीम में वापसी के बाद से शेफाली ने 3, 47, 31 और 75 रन बनाए हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया 'ए' के खिलाफ वह 3, 3 और 41 रन ही बना पाईं.

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रेणुका की फिटनेस पर नजर
स्मृति मंधाना ने शीर्ष क्रम में प्रतीका रावल के साथ एक सफल जोड़ी बनाई है जबकि जेमिमा रॉड्रिग्स, हरलीन देओल और कप्तान हरमनप्रीत मध्यक्रम को पर्याप्त मजबूती प्रदान करती हैं. लेकिन क्या चयनकर्ता शेफाली को टीम में लाकर बदलाव करते हुए इसे और अधिक आक्रामक बनाने की कोशिश करेंगे? यह देखना बाकी है और अधिकारी रेणुका की फिटनेस का भी आकलन करेंगे जो चोट के कारण इंग्लैंड दौरे पर नहीं गई थीं. रेणुका मार्च से ही क्रिकेट से दूर हैं लेकिन उनके उबरने और काम के बोझ की की स्थिति पर पर्याप्त चर्चा की जाएगी, क्योंकि वह नई गेंद से शुरुआती विकेट चटकाने में सक्षम हैं.

ऋचा घोष पहली विकेटकीपर
अगर वह फिट रहती हैं तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय इस दाएं हाथ की तेज गेंदबाज के लिए वापसी का एक आदर्श मंच होगा और टीम प्रबंधन तथा चयनकर्ताओं के लिए यह देखने का मौका होगा कि क्या वह घरेलू विश्व कप में मुख्य तेज गेंदबाज होने के बोझ को संभालने के लिए तैयार हैं. ऋचा घोष पहली पसंद की विकेटकीपर बनी रहेंगी, जबकि यस्तिका भाटिया प्रभावी बैकअप हो सकती हैं. टूर्नामेंट के उपमहाद्वीप में लौटने के साथ इसमें कोई संदेह नहीं कि स्पिनर चर्चा का विषय होंगे और भारत के पास दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा और राधा यादव के रूप में कई विकल्प हैं, जिन्होंने हाल के दिनों में टीम की सफलता में योगदान दिया है.

क्रांति गौड को मिलेगा मौका !
बाएं हाथ की युवा स्पिनर एन श्री चरणी ने भी इंग्लैंड के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में दमदार प्रदर्शन किया, जिससे भारत के स्पिन आक्रमण को एक और धार मिली तथा चयनकर्ताओं के लिए चर्चा का एक और विषय बन सकता है. इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में भारत की जीत में क्रांति गौड़ के छह विकेट लेने के बाद चयनकर्ता इस दाएं हाथ की युवा तेज गेंदबाज को मौका देने के लिए मजबूर हो सकते हैं क्योंकि उनके प्रभावशाली कौशल और रवैये की हरमनप्रीत ने भी तारीफ की है. भारत के गेंदबाजी आक्रमण में स्पिनरों को अधिक मौका मिलने की उम्मीद है लेकिन ऑलराउंडर अमनजोत कौर की फिटनेस और उपलब्धता भी संयोजन को और अधिक संतुलित बनाने के लिए एक और चर्चा का विषय होगा.
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