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3 अफगानी क्रिकेटरों के जनाजे में गम और गुस्से के बीच PAK से एक ही सवाल- मासूमों पर क्यों बरसाई मौत?

पाकिस्तान की कायराना एयरस्ट्राइक ने अफगानिस्तान के तीन उभरते खिलाड़ी- कबीर आगा, सिबघातुल्ला और हारुन की सपनों की उम्र में ही जिंदगी छीन ली. अभी तो इन्होंने सपने देखने शुरू ही किए थे.

3 अफगानी क्रिकेटरों के जनाजे में गम और गुस्से के बीच PAK से एक ही सवाल- मासूमों पर क्यों बरसाई मौत?
  • अफगानिस्तान में पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक में मारे गए 3 युवा क्रिकेटरों के जनाजे में भारी भीड़ उमड़ी
  • सबके दिल में एक ही सवाल था- आखिर इन मासूम क्रिकेटरों का गुनाह क्या था, जो पाकिस्तान ने इनके ऊपर मौत बरसी दी
  • मारे गए क्रिकेटर कबीर आगा, सिबघातुल्ला और हारुन अफगानिस्तान में भविष्य के क्रिकेट स्टार माने जा रहे थे
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अफगानिस्तान के पक्तिका में मातम पसरा है. आसिम मुनीर की सेना के दिए जख्म से यहां हर सीना घायल है. कतार में 8 ताबूत रखे हैं. उनमें वो 3 नौजवान क्रिकेटर भी हैं, जो कायराना तरीके से हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिए गए हैं. बदला लेने की जिद में अंधी हो चुकी पाकिस्तान की सेना दहशतगर्दों और मासूम नागरिकों का फर्क भूलकर बस बम बरसा रही है. ये बम आतंकियों का तो पता नहीं, आम लोगों की जिंदगियां लील रहे हैं.

आंखों में आंसू, सीने में गुस्सा

इंसानियत को भी शर्मिंदा कर देने वाली पाकिस्तान की इस एयरस्ट्राइक में जान गंवाने वालों के शनिवार को पक्तिका में जनाजे उठे. सामने आए वीडियो और तस्वीरों में साफ दिखा कि उस वक्त वहां मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू, सीने में गुस्सा था. सैकड़ों की भीड़ में क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या नौजवान... सभी गमजदा थे और कांपते हाथों से ताबूत को छूकर आखिरी विदाई दे रहे थे. सबके दिल में एक ही सवाल था- आखिर इन मासूम क्रिकेटरों का गुनाह क्या था, जो पाकिस्तान ने इनके ऊपर मौत बरसी दी. 

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सपनों की उम्र में छीन ली जिंदगी

पाकिस्तान की बमबारी ने क्लब क्रिकेट खेलने वाले तीन उभरते खिलाड़ी- कबीर आगा, सिबघातुल्ला और हारुन की सपनों की उम्र में ही जिंदगी छीन ली. अभी तो इन्होंने सपने देखने शुरू ही किए थे. अफगानिस्तान जैसे देश में, तमाम मुश्किलों के बावजूद अपने हौसलों से वो सपनों की नई इबारत लिखने में जुटे थे. ये तीनों युवा क्रिकेटर दक्षिण-पूर्वी पक्तिका प्रांत के उरगुन के रहने वाले थे.

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कौन थे तीनों युवा क्रिकेटर?

कबीर आगा: युवा क्रिकेटर कबीर ने आक्रामक बल्लेबाजी से घरेलू क्रिकेट में नाम कमाया था. अगले साल अंडर-23 प्रॉविंशियल कैंप में उसके जाने की पूरी तैयारी थी. उसने डॉमेस्टिक क्लबों की अगुआई की थी और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड की दक्षिणी कमिटी द्वारा आयोजित यूथ टूर्नामेंट भी खेले थे.

सिबघातुल्ला : पक्तिका का रहने वाला सिबघातुल्ला मीडियम फास्ट बॉलर था और एसीबी से मान्यता प्राप्त लोकल टूर्नामेंट्स में उरगुन वॉरियर्स के लिए खेलता था. पिछले साल पक्तिका प्रीमियर लीग में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद से उसकी गिनती अफगानिस्तान के भविष्य के क्रिकेटरों में होने लगी थी.  

हारुनः ऑलराउंडर हारुन ने अपनी दमदार परफॉर्मेंस से अफगानिस्तान के डॉमेस्टिक क्रिकेट में पहचान बनाई थी. लोकल टी20 और टेप बॉल टूर्नामेंट्स में उसने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया था. दाएं हाथ की बल्लेबाजी और ऑफ स्पिन गेंदबाजी ने उसे बहुमुखी खिलाड़ियों में शुमार कर दिया था. 

पाकिस्तान की खोखली दलील

पाकिस्तान का कहना है कि उसने तहरीक-ए-तलिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकी को निशाना बनाकर हमले किए थे. पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने AFP को बताया कि अफगान के सीमाई इलाकों में इन टारगेटेड हमलों का लक्ष्य हाफिज गुल बहादुर ग्रुप था, जो टीटीपी से जुड़ा है. इस्लामाबाद ने कहा कि यही ग्रुप उत्तरी वज़ीरिस्तान जिले में आर्मी कैंप पर आत्मघाती बम हमले और गोलीबारी में शामिल था, जिसमें सात पाकिस्तानी सुरक्षाबल मारे गए थे.

चश्मदीद क्रिकेटर की आंखोंदेखी

पाकिस्तान शायद अब मुंह छिपाने के लिए कहानी बना रहा हो, लेकिन अफगानिस्तान में इस एयरस्ट्राइक के चश्मदीद कुछ अलग ही कहानी बताते हैं. उरगुन के ही रहने वाले स्थानीय क्रिकेटर मिराजन ने उस वक्त की आपबीती बताई. कहा कि शाराना शहर में क्रिकेट मैच था. शाम को हम घर लौट आए. चार क्रिकेट खिलाड़ी मेरे मेहमान थे. हम खाना खाने बैठे ही थे कि जोरदार धमाका हुआ और स्थिति भयावह हो गई. कुछ घायल हुए, कुछ शहीद हो गए. वो सभी क्रिकेटर थे. उनमें कोई भी सैन्यकर्मी नहीं था. उनका कोई भी गुनाह नहीं था. 

नमाज के दौरान हुआ हमला

एक और लोकल क्रिकेटर कुदरतुल्लाह ने बताया कि जिस प्रकार ये हमला हुआ, वह भयावह था. आंखों देखा हाल बताते हुए उसने कहा कि मैं नमाज पढ़ रहा था, उसी वक्त हमला हुआ. मैं बाहर गया तो देखा कि कई लोग घायल पड़े हैं. उसी वक्त एक और हमला हुआ. उसके बाद मुझे होश नहीं रहा. उसने कहा कि मारे गए क्रिकेटर मेरे दोस्त थे, उनमें से कोई भी सरकारी कर्मचारी नहीं था.

शर्म करो पाकिस्तान...

जाहिर है कि पाकिस्तान का ये बर्बर हमला आतंकियों पर नहीं, अफगानिस्तान के सपनों पर किया गया हमला था. शायद पाकिस्तान ने बची-खुची शर्म भी दफन कर दी है, तभी इस हमले के बाद जब अफगानिस्तान ने ट्राई सीरीज में खेलने से इनकार कर दिया तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कह रहा है कि सीरीज जारी रहेगी, हम रिप्लेसमेंट के लिए बात कर रहे हैं. 

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