जस्टिस आरएम लोढा समिति ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के ढांचे में सुधार के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इनमें से चार सुझावों को सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण माना जा सकता है, जिनमें सबसे प्रमुख है - एक राज्य, एक एसोसिएशन। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण सुझावों में पदाधिकारियों के लिए चयन के मानक तय करना, सट्टेबाज़ी को वैध करना तथा बीसीसीआई को राइट टु इन्फॉरमेशन (आरटीआई) के तहत लाना शामिल हैं। इसके अलावा लोढा समिति वर्ष 2013 के आईपीएल स्कैन्डल में तत्कालीन सीओओ सुंदर रमन को क्लीन चिट भी दे दी है। इन सुझावों पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस लोढा ने कहा, "हमें यह भी सुनिश्चित करना था कि बीसीसीआई की स्वायत्तता प्रभावित न हो... बीमारियों का इलाज होना ज़रूरी था, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाना था कि शरीर में मौजूद अच्छा बैक्टीरिया बरकरार रहे..."
ध्यान रखने लायक बात यह है कि ये सभी समिति के सुझाव हैं, और बीसीसीआई इन्हें मानने के लिए बाध्य नहीं है। आइए पढ़ते हैं, कुछ महत्वपूर्ण सुझाव...
ध्यान रखने लायक बात यह है कि ये सभी समिति के सुझाव हैं, और बीसीसीआई इन्हें मानने के लिए बाध्य नहीं है। आइए पढ़ते हैं, कुछ महत्वपूर्ण सुझाव...
- लोढा समिति का सबसे अहम सुझाव है प्रत्येक राज्य की एक एसोसिएशन पूर्ण सदस्य होगी, और उसे वोट करने का अधिकार होगा। इसके अलावा यह भी सुझाव है कि रेलवे, सर्विसेज़ और यूनिवर्सिटीज़ की मान्यता घटाकर उन्हें सहयोगी सदस्य बना दिया जाए।
- लोढा समिति का सुझाव है कि आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग-अलग गवर्निंग काउंसिल हों। इसके अलावा समिति ने आईपीएल गवर्निंग काउंसिल को सीमित अधिकार दिए जाने का भी सुझाव दिया है।
- समिति ने बीसीसीआई पदाधिकारियों के चयन के लिए मानकों का भी सुझाव दिया है। उनका कहना है कि उन्हें मंत्री या सरकारी अधिकारी नहीं होना चाहिए, और वे नौ साल अथवा तीन कार्यकाल तक बीसीसीआई के किसी भी पद पर न रहे हों। लोढा समिति का यह भी सुझाव है कि बीसीसीआई के किसी भी पदाधिकारी को लगातार दो से ज़्यादा कार्यकाल नहीं दिए जाने चाहिए।
- समिति की सिफारिशों में सबसे महत्वपूर्ण बात है नवंबर, 2015 में आईपीएल के सीओओ पद से इस्तीफा देने वाले सुंदर रमन को क्लीन चिट दिया जाना।
- समिति ने इन-बिल्ट मैकेनिज़्म तैयार कर सट्टेबाज़ी को वैध किए जाने की सिफारिश की है।
- लोढा समिति की रिपोर्ट में खिलाड़ियों की एसोसिएशन के गठन तथा स्थापना का भी प्रस्ताव किया गया है।
- समिति ने एक स्टीयरिंग कमेटी बनाए जाने की सिफारिश की है, जिसकी अध्यक्षता गृहसचिव जीके पिल्लै करेंगे, तथा मोहिन्दर अमरनाथ, डायना एदुलजी तथा अनिल कुंबले उसके सदस्य होंगे।
- समिति ने कहा कि नीति अधिकारी (Ethics Officer) हितों के टकराव (conflict of interest) पर फैसला लेगा।
- समिति का सुझाव है कि बीसीसीआई को सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में लाया जाना चाहिए।
- समिति के मुताबिक, बीसीसीआई के क्रिकेट से जुड़े मामलों का निपटारा पूर्व खिलाड़ियों को ही करना चाहिए, जबकि गैर-क्रिकेटीय मसलों पर फैसले छह सहायक प्रबंधकों तथा दो समितियों की मदद से सीईओ करेंगे।
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