वन-डे इंटरनेशनल शृंखला में 4-0 से मिली करारी हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम अब गुरुवार से शुरू हो रही दो टेस्ट मैचों की शृंखला में आत्मविश्वास से ओतप्रोत मेजबान न्यूजीलैंड को हराकर प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश करेगी।
मेहमान भारतीय टीम को मेजबानों ने पांच एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला में 4-0 पराजित किया, जिसके चलते टीम इंडिया की नंबर वन रैंकिंग भी चली गई। उसके बाद भारत ने दो-दिवसीय अभ्यास मैच खेला, जो ड्रॉ रहा। अब महेंद्र सिंह धोनी एंड कंपनी को कम से कम शृंखला ड्रॉ करानी होगी, ताकि टेस्ट क्रिकेट में नंबर दो की रैंकिंग कायम रहे।
प्रज्ञान ओझा की जगह टीम में ईश्वर पांडे को लिया गया है, जबकि बाकी सभी खिलाड़ी वही हैं, जो दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट शृंखला 1-0 से हारे थे। सचिन तेंदुलकर के संन्यास के बाद खेली गई पहली टेस्ट शृंखला में यह नतीजा खराब नहीं कहा जाएगा, जहां युवा खिलाड़ियों ने पारंपरिक प्रारूप में नौ दिन तक खुद को मुकाबले में बनाए रखा और आखिरी दिन टेस्ट हारे। शृंखला में अनुभवी ज़हीर खान की अगुवाई में गेंदबाजों ने भी उम्दा प्रदर्शन किया था और पहले टेस्ट में जीत के करीब पहुंच गए थे।
भारतीय बल्लेबाजी क्रम में मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा को छोड़कर टीम लगभग वही है, जो वन-डे में थी। यह चिंता का सबब इसलिए है, क्योंकि रोहित शर्मा अच्छी शुरुआत को बड़ी पारियों में नहीं बदल सके हैं, जबकि अजिंक्य रहाणे भी जम नहीं पाए हैं।
सलामी बल्लेबाज शिखर धवन भी पूरे दौरे पर सहज नहीं लगे। दुनिया के अधिकतर बल्लेबाजों ने अलग-अलग प्रारूपों के लिए अपनी शैलियों में बदलाव किया, जबकि शिखर धवन हर तरह के प्रारूप में आक्रामक शॉट्स लगाने में ही विश्वास करते हैं। वह दिसंबर, 2013 के बाद से 10 पारियों में 169 रन ही बना सके हैं। दक्षिण अफ्रीका में जहां वन-डे और टेस्ट, दोनों में उनका सामना शॉर्ट गेंदबाजी से हुआ था, उन्होंने 13, 15, 29 और 19 रन बनाए। न्यूजीलैंड में वन-डे में भी उनका स्कोर अच्छा नहीं रहा।
मुरली विजय के रवैये से हालांकि थोड़ी राहत मिली, जो रन बनाने के लिए खराब गेंदों का इंतजार करते दिखे। उनके साथ दिक्कत विरोधी गेंदबाजों के अच्छे स्पेल के बीच स्ट्राइक रोटेट करने में होने वाली दिक्कत है, जिस पर उन्हें मेहनत करनी होगी।
इससे रन बनाने की जिम्मेदारी विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा पर आ जाएगी, जिनका फॉर्म भारतीय बल्लेबाजी की दिशा तय करेगा। कोहली ने वन-डे शृंखला में रन बनाए हैं, लिहाजा अब सभी की नजरें पुजारा पर होंगी।
न्यूजीलैंड को पता है कि इन दोनों के रूप में उनके सामने दोहरी परेशानी है, क्योंकि इस जोड़ी ने दक्षिण अफ्रीका में डेल स्टेन, मोर्नी मोर्कल, वरनॉन फिलैंडर जैसे गेंदबाजों का बखूबी सामना किया था।
यदि पुजारा यहां रन बनाते हैं तो सवाल उठेगा कि उन्हें भारतीय वन-डे टीम से कब तक दूर रखा जा सकता है, जबकि टेस्ट शृंखला के बाद एशिया कप के लिए टीम का चयन होना है। डरबन टेस्ट वाला गेंदबाजी संयोजन बरकरार रहना तय है। वांगारेइ में जहीर कोई कमाल नहीं कर सके, लेकिन वह फिट दिख रहे हैं।
ईश्वर पांडे अभ्यास मैच में जबर्दस्त फॉर्म में दिखे, हालांकि प्रयोग से कन्नी काटने वाला टीम प्रबंधन इशांत शर्मा, मोहम्मद शामी, भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव पर उन्हें तरजीह देगा या नहीं, यह देखना होगा। इस बीच डरबन टेस्ट में छह विकेट लेने वाले रवींद्र जडेजा का रविचंद्रन अश्विन की जगह खेलना तय है। पिच क्यूरेटर ब्लेयर क्रिस्टियनसेन पिच के बारे में पूछने पर मुस्कुराकर रह गए। वैसे, पिच पर उगी घास को देखकर लगता है कि टॉस जीतने वाला कप्तान पहले गेंदबाजी करना चाहेगा।
उधर, न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मैककुलम ने भारतीय मूल के ईश सोढी को अंतिम एकादश में उतारने के संकेत दिए हैं।
अंतिम एकादश इन खिलाड़ियों में से चुनी जाएंगी...
भारत : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान एवं विकेटकीपर), शिखर धवन, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, अंबाती रायुडू, ऋद्धिमान साहा, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, जहीर खान, इशांत शर्मा, मोहम्मद शामी, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और ईश्वर पांडे।
न्यूजीलैंड : ब्रेंडन मैककुलम (कप्तान), कोरी एंडरसन, ट्रेंट बोल्ट, डग ब्रासवेल, पीटर फुल्टोन, हामिश रदरफोर्ड, जैसी राइडर, ईश सोढी, टिम साउदी, रॉस टेलर, नील वेगनेर, बीजे वॉटलिंग और केन विलियमसन।
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