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This Article is From Jan 19, 2024

Tata ही रहेगा IPL का टाइटल स्पॉन्सर, BCCI से 2500 करोड़ में हुई अगले 5 साल के लिए डील - रिपोर्ट

Tata Group IPL title Sponsor: टाटा समूह ने साल 2028 तक के लिए टाइटल स्पॉन्सशिप हासिल किए हैं. टाटा समूह इस दौरान हर साल बीसीसीआई को 500 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा.

Tata ही रहेगा IPL का टाइटल स्पॉन्सर, BCCI से 2500 करोड़ में हुई अगले 5 साल के लिए डील - रिपोर्ट
IPL title rights: BCCI से 2500 करोड़ में हुई अगले 5 साल के लिए डील

IPL Title Sponsor: आईपीएल 2024 की शुरुआत में अब कुछ ही समय बचा है और इससे पहले टाटा समूह ने एक बार फिर लीग के टाइटल स्पॉन्सशिप अधिकारों को सफलतापूर्वक बरकरार रखा है. टाटा समूह ने साल 2028 तक के लिए टाइटल स्पॉन्सशिप हासिल किए हैं. टाटा समूह इस दौरान हर साल बीसीसीआई को 500 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा. टाटा समूह अगले पांच सालों के लिए टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर बीसीसीआई को 2500 करोड़ रुपये चुकाएगा. आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सशिप हासिल करने में रेस में आदित्य बिड़ला समूह भी था, जिसने 2500 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. हालांकि, अंत में टाटा समूह ने एक खास शर्त के जरिए यह बाजी जीती.

क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने जब टाइटल स्पॉन्सर के लिए आवेदन मंगाए थे, उसमें उल्लिखित शर्तों के तहत टाटा समूह के पास अधिकार था कि अगर वो नीलामी में सबसे ऊची बोली लगाने वाली कंपनी की बराबरी करना चाहता है तो टाइटल स्पॉन्सर के अधिकार उसे ही मिलेंगे. बीसीसीआई ने बीते महीने जब टेंडर जारी किए थे, उसमें यह बात दर्ज थी. इस प्रावधान के तहत, टाटा समूह ने आदित्य बिड़ला समूह द्वारा लगाई गई 2500 करोड़ रुपये की बोली के बराबर रकम अदा करने का फैसला लिया और टाइटल स्पॉन्सर के अधिकार हासिल किए. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शुक्रवार को यह फैसला किया है.

बता दें, टाटा ने वीवो द्वारा साल 2022 में टाइटल स्पॉन्सशिप के सौदे से हटने के बाद आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सशिप अधिकार हासिल किए थे. चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ने विभिन्न कारणों से इस सौदे से पीछे हटने की मांग की थी. वीवो ने 2018 सीजन से  टाइटल स्पॉन्सशिप अधिकार हासिल किए थे. यह सौदा पांच सालों के लिए था और इस दौरान वीवो को 2199 करोड़ बीसीसीआई को चुकाने थे. आखिरी साल के लिए सौदे से हटने पर 512 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे. हालांकि, यह सौदा छह साल के लिए चला था क्योंकि कोविड महामारी के दौरान इसे एक साल के लिए रोक दिया गया था.

जब भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद तनाव हुआ तो वीवो ने सौदे से हटने की मांग की. इसके बाद टाटा समूह ने अपने कदम बढ़ाए और प्रति सीजन 365 करोड़ रुपये का देने पर सहमति व्यक्त की. बीसीसीआई ने इस सौदे से सफल होने के बाद ही टाटा समूह को किसी भी नए प्रस्ताव का मिलान करने का अधिकार दिया था. इसके बाद, टाटा ने पांच साल की अवधि के लिए आदित्य बिड़ला समूह की 2500 करोड़ रुपये की बोली लगाने पर सहमति व्यक्त की है.

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