चेन्नई / नई दिल्ली:
चौतरफा दबाव के आगे झुकते हुए एन श्रीनिवासन ने समझौते के तहत बीसीसीआई अध्यक्ष पद से किनारा कर लिया जिससे पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की वापसी हुई जो बोर्ड के संचालन के लिए अंतरिम व्यवस्था के तौर पर चार सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता करेंगे।
शरद पवार खेमे को धता बताने वाले फैसले में बोर्ड की कार्यसमिति ने फैसला किया कि डालमिया उसके रोजमर्रा के कामकाज का संचालन करेंगे। इससे पहले, श्रीनिवासन ने कहा कि वह स्पॉट फिक्सिंग मामले में जांच पूरी होने तक अध्यक्ष पद नहीं छोड़ेंगे।
सूत्रों ने कहा कि अरुण जेटली, राजीव शुक्ला और अनुराग ठाकुर जैसे प्रमुख सदस्य डालमिया के पक्ष में थे।
पवार खेमा पूर्व प्रमुख शशांक मनोहर को डालमिया की जगह चाहता था लेकिन वह भी श्रीनिवासन का इस्तीफा सुनिश्चित नहीं करा सका।
डालमिया अब संजय जगदाले की जगह तीन सदस्यीय जांच आयोग में एक नए सदस्य की नियुक्ति करेंगे। यह आयोग श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मय्यप्पन और सीएसके के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच करेगा।
बोर्ड के 24 सदस्यों ने बैठक में भाग लिया लेकिन श्रीनिवासन ने कहा कि किसी ने उनसे इस्तीफे की मांग नहीं की।
सूत्रों के मुताबिक बोर्ड की बैठक में श्रीनिवासन इस्तीफा देने को राजी नहीं हुए और उन्होंने कहा कि अगर वह इस्तीफा देते हैं, तो इससे एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी। वहीं बोर्ड के कई सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी भी दी थी।
जाहिर है इस मुद्दे पर बीसीसीआई दो गुटों में बंटी दिखाई दे रही थी। अगर दोनों ही पक्ष अपनी शर्तों पर अड़े रहते, तो नौबत वोटिंग तक की आ सकती थी। जगमोहन डालमिया आईसीसी के पहले भारतीय अध्यक्ष रह चुके हैं। अरुण जेटली, राजीव शुक्ला और अनुराग ठाकुर इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे।
एन श्रीनिवासन ने अपनी शर्तों पर इस्तीफा देने के लिए अंतिम प्रयास करते हुए कुछ सदस्यों से बैठक से पूर्व मुलाकात भी की। बीसीसीआई के संयुक्त सचिव अनुराग ठाकुर ने हालांकि कहा कि श्रीनिवासन के कार्य समिति के सदस्यों से अलग मुलाकात करने में कुछ भी गलत नहीं है।
ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, यह स्वाभाविक प्रक्रिया है। बोर्ड अध्यक्ष होने के नाते उन्हें राज्य इकाइयों के प्रमुखों और कार्य समिति के अन्य सदस्यों से मिलने का हक है। मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है। यह पूछने पर कि क्या वह अब भी अपने इस रुख पर कायम हैं कि श्रीनिवासन को इस्तीफा देना चाहिए, ठाकुर ने कहा, क्रिकेट के हित में और निष्पक्ष तथा पारदर्शी जांच के लिए यह बेहतर है कि श्रीनिवासन ऐसा करें। उन्होंने कहा, कोई भी व्यक्ति संगठन से बड़ा और महत्वपूर्ण नहीं होता। पूर्व क्रिकेटर के रूप में मैं अपील करना चाहता हूं कि सभी को खेल की बेहतरी की दिशा में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए।
शरद पवार खेमे को धता बताने वाले फैसले में बोर्ड की कार्यसमिति ने फैसला किया कि डालमिया उसके रोजमर्रा के कामकाज का संचालन करेंगे। इससे पहले, श्रीनिवासन ने कहा कि वह स्पॉट फिक्सिंग मामले में जांच पूरी होने तक अध्यक्ष पद नहीं छोड़ेंगे।
सूत्रों ने कहा कि अरुण जेटली, राजीव शुक्ला और अनुराग ठाकुर जैसे प्रमुख सदस्य डालमिया के पक्ष में थे।
पवार खेमा पूर्व प्रमुख शशांक मनोहर को डालमिया की जगह चाहता था लेकिन वह भी श्रीनिवासन का इस्तीफा सुनिश्चित नहीं करा सका।
डालमिया अब संजय जगदाले की जगह तीन सदस्यीय जांच आयोग में एक नए सदस्य की नियुक्ति करेंगे। यह आयोग श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मय्यप्पन और सीएसके के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच करेगा।
बोर्ड के 24 सदस्यों ने बैठक में भाग लिया लेकिन श्रीनिवासन ने कहा कि किसी ने उनसे इस्तीफे की मांग नहीं की।
सूत्रों के मुताबिक बोर्ड की बैठक में श्रीनिवासन इस्तीफा देने को राजी नहीं हुए और उन्होंने कहा कि अगर वह इस्तीफा देते हैं, तो इससे एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी। वहीं बोर्ड के कई सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी भी दी थी।
जाहिर है इस मुद्दे पर बीसीसीआई दो गुटों में बंटी दिखाई दे रही थी। अगर दोनों ही पक्ष अपनी शर्तों पर अड़े रहते, तो नौबत वोटिंग तक की आ सकती थी। जगमोहन डालमिया आईसीसी के पहले भारतीय अध्यक्ष रह चुके हैं। अरुण जेटली, राजीव शुक्ला और अनुराग ठाकुर इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे।
एन श्रीनिवासन ने अपनी शर्तों पर इस्तीफा देने के लिए अंतिम प्रयास करते हुए कुछ सदस्यों से बैठक से पूर्व मुलाकात भी की। बीसीसीआई के संयुक्त सचिव अनुराग ठाकुर ने हालांकि कहा कि श्रीनिवासन के कार्य समिति के सदस्यों से अलग मुलाकात करने में कुछ भी गलत नहीं है।
ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, यह स्वाभाविक प्रक्रिया है। बोर्ड अध्यक्ष होने के नाते उन्हें राज्य इकाइयों के प्रमुखों और कार्य समिति के अन्य सदस्यों से मिलने का हक है। मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है। यह पूछने पर कि क्या वह अब भी अपने इस रुख पर कायम हैं कि श्रीनिवासन को इस्तीफा देना चाहिए, ठाकुर ने कहा, क्रिकेट के हित में और निष्पक्ष तथा पारदर्शी जांच के लिए यह बेहतर है कि श्रीनिवासन ऐसा करें। उन्होंने कहा, कोई भी व्यक्ति संगठन से बड़ा और महत्वपूर्ण नहीं होता। पूर्व क्रिकेटर के रूप में मैं अपील करना चाहता हूं कि सभी को खेल की बेहतरी की दिशा में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए।
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