सचिन तेंदुलकर जब अपन अंतिम टेस्ट मैच के लिए बल्लेबाजी करने आए तो वानखेड़े स्टेडियम में मौजूद हर एक दर्शक, मीडियाकर्मी और कैरेबियाई टीम के सदस्यों ने उन्हें खड़े होकर सम्मान दिया।
मुरली विजय का विकेट गिरने के साथ सचिन के विकेट पर आने की बारी आई। किसी को मुरली का विकेट गिरने का गम नहीं था। हर कोई सचिन के विकेट पर आने को लेकर खुश था। यह सिर्फ सचिन को विदाई देने के उत्साह में ही हो सकता है। सचिन की इस पारी को देखने के लिए उनका पूरा परिवार और गुरु रमाकांत आचरेकर वानखेड़े स्टेडियम में मौजूद थे।
सचिन ने सीढ़ियां उतरते हुए मैदान का रुख किया और मैदान में घुसते ही आसमान की तरफ देखकर आंख बंद कर लिया। इसके बाद वह विकेट की ओर चल प़ड़े। यह वह क्षण था, जब स्टेडियम में मौजूद सभी लोग अपने स्थान पर खड़े होकर सचिन को सम्मान दे रहे थे। कैरेबियाई टीम ने सचिन को गार्ड ऑफ ऑनर दिया और सचिन उनके बीच से होते हुए विकेट पर पहुंचे। मीडिया कक्ष में मौजूद 200 से अधिक पत्रकार भी अपने स्थान पर खड़े होकर सचिन को सम्मान दे रहे थे।
वैसे तो पूरे स्टेडियम में सचिन के प्रवेश पर उत्साह था, लेकिन प्रेस बॉक्स के दाहिने ओर स्थित सचिन तेंदुलकर स्टैंड में यह उत्साह कुछ अधिक था, क्योंकि यहां सचिन का सबसे बड़ा प्रशंसक सुधीर कुमार गौतम क्रिकेट के इस देवता के लिए तिरंगा लहराते हुए शंखनाद कर रहा था।
पूरा स्टेडियम 'सचिन-सचिन' के नारे लगा रहा था। जो लोग सचिन की बैटिंग देखने के लिए धोनी के पहले गेंदबाजी के फैसले को कोस रहे थे, अब वे अपने स्थान पर चिपक चुके थे और नारे लगा रहे थे। सचिन पहली बार अपनी मां रजनी की मौजूदगी में खेल रहे हैं। यह मैच देखने के लिए सचिन का पूरा परिवार और गुरू रमाकांत आचरेकर पहली बार एक साथ स्टेडियम आए हैं। सचिन इस टेस्ट के बाद क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
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