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This Article is From Feb 19, 2017

मैच फिक्सिंग : 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' शोएब अख्तर ने कहा, ...तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को शर्मसार होना पड़ सकता है

मैच फिक्सिंग : 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' शोएब अख्तर ने कहा, ...तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को शर्मसार होना पड़ सकता है
शोएब अख्तर अपनी तेज गेंदबाजी से बल्लेबाजों के पसीने छुड़ा देते थे (फाइल फोटो)
कराची: फैन्स के बीच रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर रहे पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने पिछले दिनों पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान सामने आईं मैच फिक्सिंग की घटनाओं को लेकर नाराजगी जताई थी और कहा था कि 1996 के दौर में मैच फिक्सिंग अपने चरम पर थी. यदि उनकी बात पर विश्वास किया जाए, तो इसका यह मतलब है कि उस समय पाक क्रिकेट और बुरे दौरे में था और पाकिस्तान के कई खिलाड़ी उसकी चपेट में थे. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने मोहम्मद आमिर को इसके लेकर चेताया था , लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. शोएब ने पीएसएल में अब और एक बात कही है. उनके अनुसार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को इस मामले को सावधानी से हैंडल करना होगा, अन्यथा उसे शर्मसार होना पड़ सकता है.

शोएब अख्तर ने दावा किया कि उन्हें लगता है कि पीसीबी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के प्रमुख कर्नल (सेवानिवृत्त) आजम ने इस पूरे प्रकरण में जल्दबाजी दिखाई है. इससे उनसे एक भारी गलती हो गई है. उनका मानना है कि अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड शर्जील खान और खालिद लतीफ के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग या मैच फिक्सिंग से जुड़े आरोप साबित नहीं कर पाता है, तो उसे शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. गौरतब है कि दुबई में खेली जा रही पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान यह मामला सामने आने के बाद शर्जील और खालिद को स्वदेश वापस भेज दिया गया था.

पीसीबी ने मैच फिक्सिंग को देखते हुए कड़ा कदम उठाते हुए भ्रष्टाचार रोधी संहिता के तहत शर्जील और खालिद को निलंबित किया था और स्वदेश लौटने के बाद ये दोनों लाहौर में एसीयू प्रमुख और बोर्ड के कानूनी विशेषज्ञों के समक्ष तीन बार पेश हो चुके हैं.

साबित करना होगा मुश्किल
अपनी रफ्तार से बल्लेबाजों के पसीने छुड़ा चुके इस तेज गेंदबाज अख्तर ने जियो न्यूज से कहा, ‘मुझे नहीं पता, लेकिन अगर शर्जील और खालिद दोष स्वीकार नहीं करते और बोर्ड आरोप पत्र तय करता है और इस मामले की जांच के लिए आयोग नियुक्त करता है तो मुझे लगता है कि एसीयू प्रमुख ने जल्दबाजी की और खिलाड़ियों को स्वदेश भेजकर गलती की.’

अख्तर ने बोर्ड को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि इन दोनों ही खिलाड़ियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, तो फिर उनको अपना आरोप स्वीकार कर लेना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है और इसके खिलाफ लड़ने का फैसला किया है. मतलब बोर्ड के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि किसी भी कोर्ट या आयोग के सामने मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग के आरोप साबित करना हमेशा मुश्किल होता है.

 उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि अगर बोर्ड कह रहा है कि मजबूत साक्ष्यों और दस्तावेजों के आधार उन्हें निलंबित किया गया है तो आखिर क्यों वे दोष स्वीकार नहीं कर रहे और मामला लड़ने का फैसला किया है.’

अख्तर ने किया था यह खुलासा
इससे पहले शोएब अख्तर ने सोमवार को कहा था कि 1996 के दौरान मैच फिक्सिंग अपने चरम पर थी, लेकिन वह खुद को इसका शिकार बनने से रोकने में सफल रहे. समाचार चैनल 'जीयो न्यूज' ने अख्तर के हवाले से कहा था, 'उस समय पाकिस्तान क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत विचित्र होता था. मेरा विश्वास करें ड्रेसिंग रूम का उससे खराब माहौल नहीं हो सकता.'

दुनिया के कुछ सबसे तेज गेंदबाजों में शुमार अख्तर ने कहा था कि उन्होंने हमेशा इन सबसे दूरी बनाए रखी और दूसरों को भी इससे बचते हुए गरिमा और गंभीरता से खेलने की सलाह देते रहे. अख्तर ने दावा किया कि 2010 के दौरान उन्होंने मोहम्मद आमिर को भी ऐसे लोगों से मिलने-जुलने से बचने की सलाह दी थी, जो मैच फिक्सिंग के लिए खिलड़ियों को लालच दे सकते हैं. उल्लेखनीय है कि आमिर उसी वर्ष मैच फिक्सिंग के दोषी पाए गए थे जिसके चलते उन्हें पांच वर्षों का प्रतिबंध झेलना पड़ा. आमिर ने पिछले वर्ष दोबारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर ली है.
(इनपुट एजेंसी से भी)

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