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Exclusive: वर्ल्ड कप फाइनल के वो 2 विकेट... टर्निंग प्वाइंट का शेफाली वर्मा ने खोला राज

Shafali Verma on Team India Win WC Moment: शेफाली ने रविवार को मुंबई में हुए फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आक्रामक 87 रनों की पारी खेली और अपनी पार्ट-टाइम ऑफ स्पिन से दो अहम विकेट भी लिया था.

Exclusive: वर्ल्ड कप फाइनल के वो 2 विकेट... टर्निंग प्वाइंट का शेफाली वर्मा ने खोला राज
Shafali Verma on Team India Win WC Moment
  • शेफाली ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 87 रनों की आक्रामक पारी खेली और दो महत्वपूर्ण विकेट लिए
  • भारत को पहला महिला विश्व कप खिताब दिलाने में शेफाली के हरफनमौला प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया
  • शेफाली ने घरेलू क्रिकेट खेलते हुए टीम मेंबर्स और कप्तान से मिली प्रेरणा से अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाया
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Shafali Verma on Team India Win WC Moment: शेफाली वर्मा को शुरुआत में भारत की महिला विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया था, लेकिन इस सलामी बल्लेबाज़ ने चोट के कारण वापसी की और खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाते हुए इतिहास रच दिया. 21 वर्षीय इस बल्लेबाज़ ने रविवार को मुंबई में हुए फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ आक्रामक 87 रनों की पारी खेली और अपनी पार्ट-टाइम ऑफ़ स्पिन से दो अहम विकेट भी लिए. डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारत को अपना पहला महिला विश्व कप खिताब जिताने में उनके हरफनमौला प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया. 

एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए शेफाली वर्मा ने बताया की जीत का जश्न किस तरह उन्होंने मनाया. शेफाली ने कहा बहुत खुशी हुई और कोई सोया नहीं, ऐसा लग रहा की ये पल कभी जाये ना, ये बहुत अनोखा पल है. इंडिया में मैच होना और जीतना एक अलग मोमेंट है.

दो मैच मेॆ मिले मौके को कैसे भुनाया

इसके बाद जब शेफाली से पूछा गया की सिर्फ दो मैच खेली कोई मोमेंट बताइये तो उन्होंने कहा की मैं अच्छे टच में थी सब ने कॉन्फिडेंस दिया कोच और कप्तान ने भी बोला की आप अपना गेम खेलो. मैंने प्रैक्टिस भी किया और मैं डोमेस्टिक खेल रही थी तो अच्छे टच में थी. सभी साथी खिलाड़ियों से बात की और जाना की कैसे हालात रहे.

टीम मेंबर्स ने मुझे काफी मदद की - शेफाली

शेफाली ने आगे कहा, 'मेरे पास जब टीम ज्वाइन करने का कॉल आया तो बहुत खुशी हुई, मैं उस समय में भी घरेलू क्रिकेट खेल रही थी. मैं तीन प्रैक्टिस गेम में कंडीशन के हिसाब से खुद को ढाला. टीम मेंबर्स ने मुझे काफी सहायती दी. सेमीफाइनल में मैं नहीं चल पाई, लेकिन मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए धन्यवाद.'

शेफाली ने बताई फाइनल में गेंदबाजी के पीछे की कहानी

'इसके बाद फाइनल में दो विकेट लेने से जुड़े सवाल पर शेफाली वर्मा ने कहा, मैं घरेलू क्रिकेट में बॉल डाल रही थी. मैंने नेट्स में भी गेंदबाजी की थी. मैंने स्ट्रेंथ पर बॉलिंग की, कैप्टन के कॉन्फिडेंस से खिलाड़ी का हौसला बढ़ता है. मुझे पार्टरनशिप तोड़नी थी और भगवान ने सब कुछ करा दिया.'

मात्र 16 साल की उम्र में शेफाली ने किया था डेब्यू

मात्र 16 साल की उम्र में अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के बाद से ही वर्मा ने भारत को कई शानदार शुरुआत दिलाई हैं, लेकिन खराब फ़ॉर्म के कारण 50 ओवर के प्रारूप में चयनकर्ताओं की नजरों से ओझल रहीं. हालांकि, किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था और आखिरी लीग मैच में फ़ॉर्म में चल रही सलामी बल्लेबाज़ प्रतीक रावल के चोटिल होने के कारण भारत को उनकी जगह वर्मा को टीम में शामिल करना पड़ा.

वर्मा ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर भारत की शानदार जीत में सिर्फ 10 रन बनाए थे, लेकिन खिताबी मुकाबले में उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय स्कोर बनाया.

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