नई दिल्ली: शोएब मलिक ने पाकिस्तान के लिए आखिरी वनडे मुक़ाबला 2013 में चैंपियंस ट्रॉफ़ी में खेला था। उसके बाद से वह चयनकर्ताओं के रडार से बाहर ही रहे हैं। जिम्बाब्वे के खिलाफ जब उनका नाम टीम में शामिल हुआ तो कई लोगों को हैरानी भी हुई और इसकी आलोचना भी हुई, क्योंकि मलिक ने ऐसा कुछ नहीं किया था कि वह टीम में चुने जाते।
मलिक ने तमाम आलोचकों को जवाब देते हुए 76 गंदों पर 112 रनों की विस्फोटक पारी खेली और पाकिस्तान की जीत के नायक रहे। बांग्लादेश के खिलाफ़ सीरीज़ 0-3 से हारने के बाद पाकिस्तान ने अपनी वनडे टीम को पूरी तरह बदल दिया। टीम में कई बदलाव किए गए और युवाओं से भरी टीम में कुछ अनुभवी चेहरों को भी शामिल किया।
मैच के बाद जब मलिक पत्रकारों से मिलने आए, तो उन्होंने हर पत्रकार से हाथ मिलाया, जो एक तरह मीडिया से संधि का इशारा थी, क्योंकि पिछेल लंबे समय से मीडिया और मलिक के बीच रिश्ते कुछ खास नहीं रहे हैं।
इन तमाम घटनाक्रम के बीच शोएब की पत्नी सानिया मिर्ज़ा ने ट्वीट कर अपने शौहर को बधाई दी औ कहा कि अगर आपमें विश्वास हो तो आप कुछ भी कर सकते हैं।
अब शोएब मलिक की कोशिश है टीम के खिलाड़ियों के साथ अपना अनुभव बांटने की और आफ़रीदी-मिस्बाह के रिटायर होने के बाद टीम की जिम्मेदारियों को अपने कंधे पर लेने की, तभी पाकिस्तान टीम में उनकी पारी लंबी चल सकती है।