
- सनथ जयसूर्या ने भारतीय सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा की निडर और स्वाभाविक बल्लेबाजी की सराहना की
- अभिषेक शर्मा ने सुपर चार चरण में लगातार तीन अर्धशतक बनाकर भारतीय टीम को एशिया कप में मजबूती प्रदान की
- जयसूर्या ने कहा कि अभिषेक अपनी बल्लेबाजी में जरूरत के हिसाब से धीमा या तेज होना जानते हैं
Sanath Jayasuriya Big Statement: श्रीलंका के मुख्य कोच सनथ जयसूर्या ने भारतीय सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा की निडर बल्लेबाजी की सराहना की है और टीम प्रबंधन को इस युवा खिलाड़ी को अपना स्वाभाविक खेल खेलने का मौका देने का श्रेय दिया है. जयसूर्या का मानना है कि इसका नतीजा भारतीय टीम को मौजूदा एशिया कप में अभिषेक के लगातार अच्छे प्रदर्शन के रूप में मिला है. पच्चीस वर्षीय भारतीय सलामी बल्लेबाज अभिषेक ने शुक्रवार को सुपर ओवर में श्रीलंका पर भारत की जीत के दौरान टूर्नामेंट का अपना तीसरा अर्धशतक जड़ा. मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें अभिषेक में युवा जयसूर्या की झलक दिखती है तो इस श्रीलंकाई दिग्गज ने कहा, 'वह (अभिषेक) अपना स्वाभाविक खेल दिखा रहा है और टीम प्रबंधन ने उन्हें अपना स्वाभाविक खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया है.'
जयसूर्या ने कहा, 'यही सबसे जरूरी है क्योंकि अगर कोई अपना स्वाभाविक खेल दिखा रहा है तो हमें उसे अपना स्वाभाविक खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.' ग्रुप चरण में बड़ी पारियां खेलने में नाकाम रहने के बाद अभिषेक ने सुपर चार चरण में 74 (पाकिस्तान के विरुद्ध), 75 (बांग्लादेश के विरुद्ध) और 61 (श्रीलंका के विरुद्ध) रन बनाए और अपनी आक्रामक बल्लेबाजी का नजारा पेश किया.
जयसूर्या ने कहा, 'जब भी वह थोड़ा धीमा होना चाहता है तो वह यह भी जानता है कि कैसे धीमा होना है. इसलिए छह ओवर (पावरप्ले के) के बाद अगर वह लंबे समय तक बल्लेबाजी करना चाहता है तो वह ऐसा कर रहा है. इसलिए दिन-प्रतिदिन वह (अधिक) रन बना रहा है और वह काफी अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है.'
जयसूर्या ने कहा कि उनकी टीम भारत के खिलाफ ‘मानसिक अवरोध' का शिकार नहीं हुई थी. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने शुक्रवार को यहां सुपर ओवर में शानदार गेंदबाजी करके भारत को जीत दिलाई. श्रीलंका ने सलामी बल्लेबाज पथुम निसांका के आक्रामक शतक की मदद से भारत के 202 रन के स्कोर की बराबरी की.
पूर्व दिग्गज क्रिकेटर जयसूर्या ने कहा कि वह अपने खिलाड़ियों से काफी संतुष्ट हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि टूर्नामेंट में श्रीलंका के तीनों सुपर चार मैच हारने के बावजूद यह टीम बहुत आगे तक जा सकती है. मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में जयसूर्या ने कहा, 'मैं मैच को नियमित समय में खत्म करना पसंद करता. कोई भी कप्तान या कोच सुपर ओवर में नहीं जाना चाहता.'
उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से दासुन (शनाका) तीसरा रन पूरा करने से चूक गए. लेकिन भारत के खिलाफ कोई मानसिक अवरोध नहीं था. हमारा बल्लेबाजी क्रम मजबूत है और हमने उन्हें आत्मविश्वास दिया. 200 (203) के लक्ष्य का पीछा करना कभी आसान नहीं होता लेकिन हमने इसे लगभग हासिल कर ही लिया था जो हमारी क्षमता को दर्शाता है.'
श्रीलंका को 2024 में पाल्लेकल में तीसरे टी20 मैच के दौरान भी इसी तरह की हार का सामना करना पड़ा था जब आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए मेजबान टीम को भारत के खिलाफ सुपर ओवर में शिकस्त झेलनी पड़ी. जयसूर्या ने निसांका (107) और कुसाल परेरा (32 गेंद में 58 रन) की तारीफ की जिन्होंने दूसरे विकेट की साझेदारी ने सिर्फ 70 गेंद में 127 रन बनाए.
उन्होंने कहा, 'जब आप 202 रन (203) का पीछा कर रहे हो तो आपको लगातार बाउंड्री लगानी होती हैं. उनकी साझेदारी अहम थी. जब हमने विकेट गंवाने शुरू किए तो लय बिगड़ गई. लक्ष्य का पीछा करते हुए ऐसा होना स्वाभाविक है क्योंकि किसी को तो जोखिम उठाना ही पड़ता है.' जयसूर्या ने कहा, 'दुर्भाग्य से पथुम गलत समय पर आउट हो गए और बाद में गेंद अधिक टर्न लेने लगी. फिर भी यह क्रिकेट का एक बहुत अच्छा मैच था.'
उन्होंने कहा, 'कुसाल हमारी टीम में स्पिन के खिलाफ सबसे अच्छे खिलाड़ियों में से एक हैं. उन्होंने यह भूमिका फिर से बखूबी निभाई. हालांकि मैं चाहता था कि वह अधिक समय तक बल्लेबाजी करें. दोनों ने सोच-समझकर जोखिम उठाए और जब उन्हें बाउंड्री चाहिए थीं तो वे ऐसा करने में सफल रहे.'
जयसूर्या ने कहा, 'पथुम को हाल ही में पैर की मांसपेशियों में चोट की समस्या का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी उन्होंने टीम के लिए पूरा जोर लगाया जो उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.'
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