विज्ञापन
This Article is From Nov 19, 2013

सचिन तेंदुलकर की कमी खलती ही रहेगी टेस्ट मैचों में

सचिन तेंदुलकर की कमी खलती ही रहेगी टेस्ट मैचों में
नई दिल्ली:

क्या भारतीय टीम को भविष्य में सचिन तेंदुलकर की कमी खलेगी...? इस सवाल का जवाब यदि आंकड़ों का सहारा लेकर खोजा जाए तो यही लगता है कि कम से कम टेस्ट क्रिकेट में इस स्टार बल्लेबाज की कमी खलती रहेगी।

पिछले 24 वर्षों में भारत ने सचिन तेंदुलकर के बिना केवल 17 टेस्ट मैच खेले हैं, और इनमें से जो भी मैच उसने मजबूत टीमों के खिलाफ खेले, उनमें जूझना पड़ा। भारत ने इन 17 मैचों में से छह में जीत दर्ज की, चार में उसे हार मिली और सात अन्य ड्रॉ रहे। इस दौरान भारत ने सचिन तेंदुलकर के बिना सर्वाधिक सात टेस्ट मैच वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ खेले।

सचिन तेंदुलकर अपने करियर के दौरान चोटों के कारण ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के खिलाफ भी नहीं खेल पाए, लेकिन इस दौरान भारत ने इंग्लैंड (32 मैच), न्यूजीलैंड (24 मैच) और बांग्लादेश (सात मैच) के खिलाफ जितने भी मैच खेले, उनमें मास्टर ब्लास्टर ने शिरकत की।

तेंदुलकर ने 15 नवंबर, 1989 को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के बाद लगातार 84 मैच खेले। वह पहली बार अगस्त, 2001 में टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाए थे। सचिन तेंदुलकर अपने दाएं पांव के अंगूठे में हेयरलाइन फ्रैक्चर के कारण श्रीलंका दौरे में तीन टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे।

भारत को इस शृंखला में सचिन तेंदुलकर की कमी बहुत खली थी, क्योंकि टीम गाले और कोलंबो में पहले और तीसरे टेस्ट मैच में क्रमश: 10 विकेट और पारी व 77 रन के बड़े अंतर से हारी थी। इस बीच हालांकि कैंडी में खेले गए दूसरे मैच में भारत ने सात विकेट से जीत दर्ज की थी।

भारत इसके बाद चेन्नई में अगले टेस्ट मैच में भी सचिन तेंदुलकर के बिना उतरा था, लेकिन वह उस मैच को ड्रॉ कराने में सफल रहा। जिम्बाब्वे के वर्ष 2005 के दौरे में भी सचिन तेंदुलकर नहीं खेल पाए थे। इसके बाद ही ग्रेग चैपल और सौरव गांगुली के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए थे, जिससे जाहिर था कि भारतीय टीम को ड्रेसिंग रूम में भी सचिन तेंदुलकर की कमी खली थी। हालांकि भारत ने बुलावायो और हरारे में खेले गए दोनों मैच आसानी से जीतकर क्लीन स्वीप किया था।

अपने चमकदार करियर में सचिन तेंदुलकर वर्ष 2006 में वेस्ट इंडीज़ दौरे पर नहीं जा पाए थे। यह स्टार क्रिकेटर उस समय कंधे की चोट से जूझ रहा था। भारत ने चार टेस्ट मैचों की शृंखला में 1-0 से जीत दर्ज की थी। एंटीगा, ग्रॉस आइलेट और सेंट कीट्स में पहले तीन मैच ड्रॉ छूटने के बाद भारत ने किंग्सटन में चौथा मैच 49 रन से जीता था।

पाकिस्तान की टीम वर्ष 2007 में जब भारतीय दौरे पर आई तो सचिन तेंदुलकर कोलकाता में दूसरे टेस्ट मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। घुटने में लगी चोट के कारण वह बेंगलुरू में तीसरे मैच में नहीं खेले, जो ड्रॉ रहा।

सचिन तेंदुलकर कानपुर में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भी नहीं खेले थे, लेकिन इसमें भारतीय टीम आठ विकेट से जीत दर्ज करके सम्मान बचाने में सफल रही थी। इसके बाद सचिन तेंदुलकर कभी चोट की वजह से टेस्ट टीम से बाहर नहीं हुए। हालांकि वह विश्वकप के बाद जून, 2011 में वेस्ट इंडीज़ के दौरे पर नहीं गए थे। असल में पहले विश्व कप और फिर आईपीएल के बाद खिलाड़ियों पर थकान हावी थी और सचिन तेंदुलकर अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताना चाहते थे।

सचिन तेंदुलकर की अनुपस्थिति में कैरेबियाई दौरे पर गई भारतीय टीम ने तीन मैचों की शृंखला 1-0 से जीती थी। भारत ने किंग्सटन में पहला टेस्ट मैच 63 रन से जीता था, और फिर ब्रिजटाउन और रोसेउ में खेले गए दोनों मैच ड्रॉ रहे थे।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
सचिन तेंदुलकर, टेस्ट मैचों में सचिन तेंदुलकर, सचिन तेंदुलकर का संन्यास, सचिन तेंदुलकर की कमी, Sachin Tendulkar, Sachin Tendulkar In Test Matches, Sachin Tendulkar Retirement
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com