सचिन तेंदुलकर मुंबई की तरफ से जब भी वानखेड़े स्टेडियम में खेलने के लिए उतरे, तब उन्होंने शतक जमाया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें अपने इस घरेलू मैदान पर पिछले 16 साल से सैकड़े का इंतजार है।
अब तेंदुलकर वानखेड़े स्टेडियम में अपना 200वां और आखिरी टेस्ट मैच खेलकर क्रिकेट को अलविदा कहेंगे। देखना होगा कि 10 दिसंबर, 1988 को इसी मैदान पर शतक जड़कर प्रथम श्रेणी करियर का आगाज करने वाला यह बल्लेबाज 14 नवंबर से वेस्ट इंडीज के खिलाफ होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में सैकड़े के साथ अंत कर पाता है या नहीं।
तेंदुलकर ने वानखेड़े स्टेडियम में अब तक 10 टेस्ट मैचों में 47.05 की औसत से 847 रन बनाए हैं, जिसमें केवल एक शतक शामिल है। यह सैकड़ा उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 4 दिसंबर, 1997 को लगाया था। इसके बाद उन्होंने अपने घरेलू मैदान पर सात टेस्ट और 13 पारियां खेलीं, लेकिन वह कभी तिहरे अंक तक नहीं पहुंच पाए।
यही नहीं, एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी तेंदुलकर वानखेड़े में केवल एक शतक लगा पाए हैं। उन्होंने अपने घरेलू मैदान पर 11 वनडे में 41.36 की औसत से 455 रन बनाए हैं। उन्होंने वनडे में इस मैदान पर आखिरी शतक 14 दिसंबर, 1996 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था। इसके बाद तेंदुलकर वानखेड़े में सात वनडे मैचों में तिहरे अंक तक नहीं पहुंच पाए।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक पूरा करने वाले तेंदुलकर ने इस तरह से वानखेड़े में पिछली 20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में सैकड़ा नहीं जमाया है। वह इस बीच टेस्ट मैचों में दो बार शतक के करीब पहुंचे थे। तेंदुलकर 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन रन से, जबकि 2011 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ छह रन से शतक से चूक गए थे।
वानखेड़े में तेंदुलकर ने वैसे टेस्ट मैचों को छोड़कर अन्य प्रथम श्रेणी मैचों में कुल 23 मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 33 पारियों में 99.51 की औसत और 13 शतक की मदद से 2627 रन बनाए हैं। रणजी ट्रॉफी के अलावा उन्होंने वानखेड़े में ईरानी ट्राफी के तीन मैच खेले हैं, जिनकी चार पारियों में उन्होंने दो बार अविजित रहते हुए 295 रन बनाए। इनमें से दो मैच उन्होंने मुंबई और एक मैच शेष भारत की तरफ से खेला था। तेंदुलकर ने इस मैदान पर एक मैच मुंबई की तरफ से न्यूजीलैंड एकादश के खिलाफ भी खेला था, जिसमें उन्होंने 39 रन बनाए थे।
तेंदुलकर ने इस साल फरवरी में वानखेड़े में अपना आखिरी प्रथम श्रेणी मैच खेला था। ईरानी ट्रॉफी के इस मैच में उन्होंने मुंबई की तरफ से पहली पारी में नाबाद 140 रन बनाए थे। इससे पहले उन्होंने जनवरी, 2013 में रणजी ट्रॉफी में यहां बड़ौदा के खिलाफ भी शतक जड़ा था। आईपीएल में भी तेंदुलकर को नियमित तौर पर अपने घरेलू मैदान पर खेलने का मौका मिला। उन्होंने मुंबई इंडियन्स की तरफ से वानखेड़े में 33 मैच में 1099 रन बनाए। तेंदुलकर ने ट्वेंटी-20 में अपना एकमात्र शतक वानखेड़े में ही लगाया है।
तेंदुलकर अभी तक किसी एक मैदान पर 1,000 टेस्ट रन पूरे नहीं कर पाए हैं और यदि वह वानखेड़े में वेस्टइंडीज के खिलाफ 153 रन बना लेते हैं, तो अपने घरेलू मैदान पर 1000 टेस्ट रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन जाएंगे। जहां तक वानखेड़े में शतक जड़ने का सवाल है, तो गावस्कर ने अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट मैचों में पांच सैकड़े जमाए हैं। तेंदुलकर के नाम पर अभी एक शतक दर्ज है, लेकिन उनके पास दिलीप वेंगसरकर, सैयद किरमानी और रवि शास्त्री की बराबरी करने का मौका है। इन तीनों ने वानखेड़े में दो-दो शतक लगाए हैं।
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